- जनवाणी ने पहले ही जताई थी आशंका, कर्मचारियों में रोष
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) भी निजीकरण की राह पर चल पड़ा है। निजिकरण की सुगबुगाहटें अब और तेज हो गई हैं। कन्सलटेंट तक नियुक्त कर दिए गए हैं। कन्सलटेंट नियुक्ति के बाद कर्मचारी परेशान हैं। कर्मचारियों को अब लगने लगा है कि किसी भी पल पीडब्ल्यूडी का निजीकरण हो सकता है।
विभाग से जुड़े बेहद अंदरूनी सूत्रों के अनुसार प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष (लोक निर्माण विभाग) कार्यालय से एक पत्र जारी हुआ है। (पत्र की कॉपी जनवाणी के पास सुरक्षित है) इस पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में उच्च आर्थिक विकास के लिए उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लि., उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लि.
और उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के पुर्नगठन कार्य के लिए डेलॉइट तुष लोहमात्सु इण्डिया एलएलपी को कन्सलटेंट नियुक्त किया गया है। पत्र में कहा गया है कि उक्त कार्य के लिए गठित अनुबंध के अंतर्गत प्राविधानित विषयों पर मॉडयूल्स को अन्तिम रूप दिए जाने और उसके बाद विभाग में लागूू किए जाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है।
समिति में शामिल अधिकारी
- विनोद श्रीवास्तव, प्रमुख अभियंता (ग्रामीण सड़क)/अध्यक्ष
- अशोक अग्रवाल, प्रमुख अभियंता (परिकल्प/नियोजन)/अध्यक्ष
- विनोद श्रीवास्तव, प्रमुख अभियंता (ग्रामीण सड़क)/अध्यक्ष
- परवेज अहमद खान, मुख्य अभियंता/सदस्य
- जितेन्द्र बागा, मुख्य अभियंता (बिल्डिंग सेल)/सदस्य
- अवधेश सिंह, अधीक्षण अभियंता (आईडीएस)/सदस्य
- संदीप सक्सेना, अधीक्षण अभियंता/सदस्स्य
- संजय श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता (मुख्यालय -1)/सदस्य
- राजीव कुमार, मुख्य अभियंता (परिवाद)/सदस्य
- रामनाथ सिंह, मुख्य अभियंता (मुख्यालय-2)/ विशेषा आमंत्रित सदस्य (ठेकेदार पंजीकरण)
- प्रवीण बागड़ी, अधीक्षण अभियंता/सदस्य