Saturday, July 27, 2024
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शहर में जीआईएस के सर्वे का कार्य अंतिम दौर में

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  • वार्ड-60 में पार्षद पति के ऐलान के बाद जीआईएस सर्वे का कार्य अधर मेें लटका
  • मुख्य कर निर्धारण अधिकारी द्वारा सर्वे का कार्य पूर्ण कराने को गठित कराई जा रही टीम
  • 12 जनवरी 2024 तक के जीआरएस सर्वे की स्थिति पर एक नजर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नगर निगम द्वारा चार वर्ष पूर्व (कोरोना के समय) शासन के आदेश पर शहर में जीआईएस सर्वे का कार्य शुरू कराया गया था। निगम क्षेत्र के 90 वार्डों में से 89 में सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन वार्ड-60 के पार्षद पति के विरोध एवं ऐलान के बाद से जीआईएस सर्वे का कार्य अधर में लटका हुआ है। नगर निगम के वार्ड-60 की जिस महिला पार्षद रेखा सिंह के द्वारा निगम की बोर्ड बैठक में गृहकर विभाग के अधिकारी पर गृहकर वसूली के तौर-तरीकों को लेकर तमाम आरोप लगाये हैं।

इसी में एक आरोप यह भी लगाया था कि जिस तरह से गृहकर विभाग के अधिकारी चंद्रशेखर यादव के द्वारा अलाउंसमेंट कराया जाता है, उससे सम्मानित वयक्ति की छवि धूमिल होती है। यदि अधिकारियों में हिम्मत है तो वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में जाकर गृहकर वसूली इसी तरह से अलाउंसमेंट करके दिखायें। जिसको लेकर मुस्लिम पार्षद एवं सपा पार्षदों के द्वारा विरोध किया गया था। उसके बाद से ही जीआईएस सर्वे टीम व निगम के अधिकारियों को सर्वे का कार्य उनके वार्ड में पूरा कराने को पसीने छूट रहे हैं।

शहर में जीआईएस सर्वे की 12 जनवरी तक की स्थिति

कुल पुरानी संपत्ति 243456, कुल सर्वे संपत्ति 443976, मिलान संपत्ति 182546, नई संपत्ति 222221 आदि। जीआईएस सर्वे टीम के सिटी हेड बृजपाल सिंह एवं प्रोजेक्ट कोआॅर्डिनेटर अश्वनी ने बताया कि पार्षद पति के द्वारा सर्वे का विरोध लगातार किया जा रहा है। जिसके चलते उनके वार्ड में सर्वे का कार्य पूरा करने में परेशानी आ रही है। जिसमें मुख्य कर निर्धारण अधकारी अवधेश कुमार को भी अवगत करा दिया गया है। वार्ड में 50 प्रतिशत कार्य हो चुका है। शेष कार्य नगर निगम के अधिकारियों के साथ मिलकर पूरा कराया जायेगा। उसके लिये टीम गठित की जा रही है।

जीआईएस सर्वे के नाम पर टीम के द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। पूर्व में भी इस संबंध में वसूली की शिकायत निगम के आलाधिकारियों से की थी। जिसमें टीम के द्वारा सर्वे के नाम पर जिस मकान पर यदि दो हजार टैक्स लगना है तो उसे डराकर अवैध वसूली के लिए पांच हजार रुपये तक बता दिया जाता है। जिसमें मकान या दुकान मालिक को दबाव में लेकर वसूली करने के बाद टैक्स लगाया जाता है। गलत तरीके से सर्वे का कार्य पूरा नहीं होने दिया जायेगा। वह वार्ड में जीआईएस सर्वे का अपना विरोध जारी रखेंगे। -वार्ड-60 पार्षद पति नीरज सिंह

मामला संज्ञान में है, वार्ड-60 में जीआईएस सर्वे का कार्य पूरा कराने के लिए नगर निगम एवं जीआईएस सर्वे की संयुक्त टीम गठित की जा रही है। जल्द ही सर्वे का कार्य पूरा कराया जायेगा। यदि पुलिस बल को साथ लेकर सर्वे कराना पड़ेगा तो उसे भी कराया जायेगा। नये सर्वे के बाद निगम के गृहकर राजस्व में काफी बढ़ोतरी होगी। -अवधेश कुमार, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम।

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