- सात साल पहले आरोपी ने किया था घोटाला, उत्तर प्रदेश बीज निगम में लेखाधिकारी था
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: पुलिस ने सात साल से फरार चल रहे वांछित आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी उत्तर प्रदेश बीज निगम में लेखाधिकारी के पद पर तैनात था। आरोपी ने विभाग से 53 लाख की धोखाधड़ी की थी। कंकरखेड़ा पुलिस ने बताया कि श्रद्धापुरी में उत्तर प्रदेश बीज निगम की शाखा है। लगभग सात साल पूर्व सुनील कुमार चंद्र पुत्र चंद्रपाल सिंह निवासी मुजफ्फरनगर बीज निगम में लेखाधिकारी के पद पर तैनात था।
पुलिस के अनुसार बीज निगम में बीज खरीदने के लिए आते थे। आरोपी किसानों को फर्जी रसीद दे देता था। वहीं, बीज का सारा पैसा अपने खाते में डाल लेता था। आरोपी ने सरकारी खाते में पैसे नहीं डाले थे। आरोपी ने विभाग से लगभग 53 लाख की धोखाधड़ी की थी। मामले की जानकारी होने के बाद तत्कालीन अधिकारियों के होश उड़ गए थे। इसके बाद अधिकारियों ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी ने मुकदमा दर्ज होने के बाद 16 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था।
इसके बाद आरोपी लगातार फरार चल रहा था। पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास कर रही थी, लेकिन आरोपी का सुराग नहीं रख पा रहा था। हाइवे चौकी प्रभारी मुन्नेश सिंह ने बताया कि कुछ दिन पूर्व आरोपी की लोकेशन सहारनपुर के आसपास मिली थी। जिसके बाद आरोपी के नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया गया था।
बुधवार को पुलिस ने आरोपी को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को पकड़कर पुलिस थाने ले आई। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह सात साल से अलग-अलग राज्यों में ठिकाने बनकर रह रहा था। थाना पुलिस का कहना है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
सेना में फर्जी तरीके से भर्ती करने के आरोपी की जमानत खारिज
न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या छह ओम प्रकाश ने भारतीय सेना में फर्जी तरीके से भर्ती कर उन्हें ज्वाइंनिग लेटर देने के आरोप में आरोपी सत्यपाल सिंह यादव पुत्र करण सिंह निवासी कसेरू बक्सर थाना गंगानगर का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। सरकारी वकील ने बताया कि वादी मुकदमा रविंद्र कुमार निरीक्षक एसटीएफ कार्यालय पुलिस लाइन ने गत 11 सितंबर को थाना गंगानगर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उन्हें आर्मी इंटेलिजेंस एवं सर्विस लाइंस के माध्यम से ज्ञात हुआ कि कसेरू बक्सर में सत्यपाल नाम का व्यक्ति सेना से रिटायर है
और वह अपने आपको सेना का कर्नल बताकर अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर सेना में भर्ती करने के नाम पर लोगों के साथ धोखा कर चुका है। इसके बाद आरोपी को सेना में फर्जी रूप से भर्ती कराने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। न्यायालय में आरोपी ने कहा कि वह निर्दोष है। उसे इस केस में झूठ व रंजिशन फंसाया जा रहा है। जिसका सरकारी वकील ने कड़ा विरोध किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।