- पचास-पचास करोड़ की वसूली को नोटिस भेजा गया
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: पूर्व एमएलसी और खनन माफिया हाजी इकबाल और परिजनों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। एनजीटी के आदेश पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने इकबाल के भाई और पूर्व एमएलसी महमूद अली समेत तीन लोगों से 50-50 करोड़ रुपये वसूलने का नोटिस जारी कर दिया है। दरअसल, यूपी और हरियाणा की सीमा में खनन के दौरान पयार्वरण को नुकसान पहुंचाने की वजह से यह नोटिस तामील कराया गया है।
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी डॉ. डीसी पांडेय ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने जनवाणी को बताया कि अवैध खनन कर हरियाणा और यूपी की सीमा में पयार्वरण को नुकसान पहुंचाने के हाजी इकबाल के भाई महमूद अली व अन्य आरोपी हैं। इस मसले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई 2019 को पूर्व एमएलसी महमूद अली और मोहम्मद इनाम पर 50-50 करोड़ रुपये पेनल्टी लगाई थी। साथ ही प्रदूषण विभाग को जुर्माने की राशि वसूलने के निर्देश दिए थे, लेकिन धन को वसूला नहीं जा सका।
इस मामले में बीते दिनों सेव इंडिया सोसाइटी के सचिव रणवीर सिंह ने एनजीटी का रुख किया। कहा कि अदालत द्वारा तय जुमार्ना नहीं वसूला जा सका है। इस पर एनजीटी ने दस मार्च 2022 को एक बार फिर आदेश दिया है। प्रदूषण विभाग को आदेश दिया है कि 50-50 करोड़ रुपये वसूल करें। प्रत्येक व्यक्ति से वसूले जाने वाले 50-50 करोड़ में से 25-25 करोड़ रुपये हरियाणा और यूपी सरकार को दिए जाएं। उसमें से भी साढ़े 12-12 करोड़ रुपए दोनों राज्यों के पयार्वरण विभाग और खनन विभाग को दिए जाएं। इसी कड़ी में पुलिस ने खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाला की बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी कर ली है।
पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल ने अपने नौकर नसीम के नाम 50 बेनामी संपत्ति खरीद की है। इनकी कीमत 21 करोड़ रुपये से अधिक की है। एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि पुलिस ने बेहट क्षेत्र में इन बेनामी संपत्तियों को चिह्नित कर लिया है, जिनमें 600 बीघा जमीन भी शामिल है। जल्द ही गैंगस्टर एक्ट 14(1) के तहत जब्त किया जाएगा। एसएसपी ने बताया कि यह प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी जब्ती की कार्रवाई होगी।