Wednesday, April 30, 2025
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हलाल कारोबार अब ‘आनलाइन कारोबार’ की तरफ डायवर्ट

  • हलाल सर्टिफिकेट पड़ताल: अंदरखाने व्यापारी भी नहीं चाहते कि हलाल सर्टिफिकेट का मामला तूल पकड़े
  • यूपी में चार करोड़ से अधिक मुसलमान, मार्केट पर असर पड़ना लाजिमी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: यूपी में राजनीति का अखाड़ा बन चुके हलाल सर्टिफाइड उत्पादों को लेकर रार और बढ़ रही है। इस मामले में अब कई दुकानदार भी हलाल सर्टिफिकेट के पक्ष में दिख रहे हैं और यही कारण है कि यूपी में अब हलाल सर्टिफाइड उत्पादों की बिक्री ‘आॅनलाइन’ मोड में आती जा रही है। हलाल टैग लगी खाद्य सामग्री व अन्य कॉस्मेटिक्स उत्पाद जिन पर भी हलाल सर्टिफाइड टैग चस्पा है उन्हें फूड डिपार्टमेंट उनके जब्त कर रहा है। बस यही पर पेंच फंस गया है।

जब्तीकरण की कार्रवाई और हलाल टैग लगी वस्तुओं की बिक्री को प्रतिबंधित किए जाने से व्यापारियों को सीधा नुकसान उठाना पड़ रहा है। हलाल सर्टिफिकेट वाले मुद्दे पर दैनिक जनवाणी ने बाकायदा उलेमाओं से लम्बी वार्ता की थी और उनका पक्ष जाना था जिसका लब्बोलुआब यही था कि हलाल सर्टिफाइड मुद्दे पर उलेमा सरकार के आदेश से खफा थे। अब कई व्यापारी भी उलेमाओं की भांति सरकार के फैसले से खफा दिख रहे हैं। एक अंदरूनी सर्वेक्षण के आधार पर कई व्यापारियों का यह मानना है कि चूंकि ओआईसी (आॅर्गेनाइजेशन आॅफ इस्लामी कंट्री) के सभी 57 मुस्लिम देशों में कारोबार के लिए हलाल सर्टिफिकेट जरूरी है

इसलिए सरकार को चाहिए कि वो इस मुद्दे पर अपना आदेश वापस ले क्योंकि यदि इस मुद्दे को हवा दी गई तो इससे अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में जो राजस्व भारत सरकार को प्राप्त होता है उसकी हानि होगी। इसके अलावा लोकल स्तर की बात करें तो यहां फूड डिपार्टमेंट की कार्रवाई से खफा कई दुकानदारों ने भले ही बाजार से हलाल सर्टिफाइड उत्पाद हटा लिए हों लेकिन वो उनकी आॅनलाइन बिक्री कर रहे हैं। कई दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास हलाल सर्टिफाइड उत्पाद बड़ी संख्या में हैं। यदि उन्हें फूड डिपार्टमेंट जब्त करता है तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा। इसीलिए वो इन उत्पादों की अब आॅनलाइन बिक्री पर ध्यान दे रहे हैं।

बाजार से जुड़े सूत्रों के अनुसार यूपी में मुस्लिमों की आबादी लगभग चार करोड़ से अधिक है और यह ग्राहक के रूप में हलाल सर्टिफाइड वस्तुओं को अधिक तरजीह देते हैं। हलाल प्रोडक्ट पर प्रतिबंध को व्यापारी सीधे सीधे अपने कारोबार पर चोट मानकर चल रहे हैं। इनका मानना है कि यदि हलाल सर्टिफाइड वस्तुओं की बिक्री बैन हो जाएगी तो मार्केट पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। लखनऊ के शैलेन्द्र शर्मा नामक व्यक्ति ने पिछले दिनों वहां के हजरतगंज थाने में हलाल सर्टिफिकेट जारी करने वाली कुछ कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। तभी से यह मामला तूल पकड़े हुआ है।

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