Tuesday, April 22, 2025
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व्यापारियों की हाईकोर्ट पर निगाहें, सुनवाई आज

  • रैपिड: मुआवजे की मांग को लेकर दुकानदारों ने दायर कर रखी है याचिका

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: दिल्ली रोड के व्यापारियों द्वारा रैपिड रेल प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी। आज होने वाली इस सुनवाई पर दिल्ली रोड के व्यापारियों की नजरें लगी हुई हैं। इस प्रकरण में दिल्ली रोड के आधा दर्जन व्यापारियों ने इंसाफ के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इन व्यापारियों में मोहित गुप्ता, भूपेन्द्र सिंह, प्रह्लाद खन्ना, अमित गुप्ता, सचिन मनचंदा और उमेश शामिल हैं।

मोहित गुप्ता और उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेश अध्यक्ष लोकेश अग्रवाल ने बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि हाईकोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा। हालांकि उन्होंने यह भी दोहराया कि यदि व्यापारियों को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती तो उनके लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे भी खुले हैं।

क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, जबसे मेरठ (दिल्ली रोड) में रैपिड का काम शुरू हुआ है तब से इस इलाके के कारोबार पर काफी असर पड़ा है। दिल्ली रोड पर लम्बे समय से आवागमन बाधित है जिस कारण ग्राहक यहां आने से बच रहा है। इसी कारण यहां के दर्जनों व्यापारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। इस पूरे मामले में पीड़ित व्यापारियों ने रैपिड प्रशासन से मांग की थी कि वो नियमानुसार पीड़ित व्यापारियों को लगातार हो रहे नुकसान की ऐवज में उन्हेंं एक लाख रुपये प्रतिमाह का मुआवजा प्रदान करे।

बात न बनती देख व्यापारियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल पीड़ित व्यापारियों के साथ मिलकर दमदार पैरवी कर रहा है। लोकेश अग्रवाल के अनुसार पिछले दो सालों से यहां रैपिड का कार्य चल रहा है और जिस दिन से यहां काम शुरू हुआ उसी दिन से ही यहां व्यापार चौपट होना शुरू हो गया। उधर, मोहित गुप्ता के अनुसार आए दिन के जाम और मार्ग अवरुद्ध होने के कारण ग्राहकों ने यहां आना ही छोड़ दिया है।

वक्फ प्रॉपर्टियों की लूट खसोट पर लगेगी लगाम !

कोलकाता और लखनऊ के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी वक्फ प्रॉपर्टी मेरठ की वक्फ मनसबिया में आपसी द्वंद तेज होता जा रहा है। वक्फ मनसबिया की सियासत लगातार गर्माती जा रही है। इस वक्त मनसबिया प्रशासन पर कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं। हालांकि मनसबिया प्रशासन का कहना है कि वक्फ प्रॉपर्टी का तहफ्फुज ही हमारा मकसद है। दरअसल, हाल ही में यूपी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अली जैदी दो दिवसीय दौरे पर मेरठ आए थे।

इस दौरान उन्होंने मेरठ की वक्फ मनसबिया के अलावा अब्दुल्लापुर और मवाना की शिया वक्फ सम्पत्तियों का निरीक्षण किया था। जिस वक्त वो रेलवे रोड स्थित वक्फ मनसबिया निरीक्षण के लिए पहुंचे तब वहां उनके सामने कुछ लोगों ने मनसबिया प्रशासन के खिलाफ आरोप लगाए थे। वहां अवैध निर्माण से लेकर कुछ और मुद्दों पर माहौल गरमा गया था। चेयरमैन ने खुद पूरी मनसबिया का निरीक्षण किया था। उनके साथ मनसबिया के मुुतवल्ली दानिश अनवर भी मौजूद थे। विरोधी पक्ष ने मौजूदा मनसबिया प्रशासन की कार्य प्रणाली को कटघरे में खड़ा किया था। वहां अवैध निर्माण को लेकर हंगामा भी हुआ था।

इसके अलावा चेयरमैन से कई शिकायतें भी की गई थीं। निरीक्षण और शिकायतों के आधार पर बोर्ड के चेयरमैन ने मनसबिया प्रशासन की कार्यप्रणाली पर निगरानी के लिए एक निगरां कमेटी बनाने की घोषणा की थी जो भ्रष्टाचार से लेकर अन्य विवादित मुद्दों पर नजर रखेगी और जरूरत पड़ने पर बोर्ड को भी अवगत कराएगी। बोर्ड के निर्देश पर निगरां कमेटी बनाने के लिए जैदी सोसायटी स्थित इमामबारगाह पंजतनी में बैठक हुई, कमेटी के नामों पर मंथन हुआ और कमेटी बना दी गई।

हालांकि कमेटी के 14 नामों पर अन्तिम मुहर लग गई हैं, लेकिन उन्हें अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। कमेटी से जुड़े सूत्रों के अनुसार पहले यह नाम बोर्ड को लखनऊ भेजे जाएंगे और फिर बोर्ड अपने स्तर से इन्हें एप्रूवल देकर जिला प्रशासन को भेजेगा। यहां डीएम की अनुमति के बाद इन नामों की सार्वजनिक घोषणा की जाएगी। बताते चलें कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड को वक्फ मनसबिया मेरठ को लेकर शिकायतों का अंबार मिल रहा था।

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