- कहा, राजनैतिक धर्म का करें पालन, एक-दूसरे को दे सम्मान
- आरोपों की सीबीआई से जांच कराने की भी दी सलाह
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर : पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान व सरधना के पूर्व विधायक ठाकुर संगीत सिंह सोम के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों के बीच अब मुजफ्फरनगर के सांसद हरेन्द्र मलिक की भी एन्ट्री हो गयी है। हरेन्द्र मलिक ने दोनों नेताओं से जहां राजनीतिक धर्म का पालन करते हुए एक-दूसरे का सम्मान करने की सलाह दी, वहीं डा. संजीव बालियान पर लगे आरोपों की भी सीबीआई से जांच कराये जाने की मांग कर डाली।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद व केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान व सरधना के पूर्व विधायक ठाकुर संगीत सोम के बीच आरोपों-प्रत्यारोपों का सिलसिला चल रहा है। संजीव बालियान द्वारा जहां संगीन सोम पर पार्टी में भीतरघात किये जाने तथा उनकी हार का कारण बनने का आरोप लगाया है, वहीं सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम ने भी पलटवार करते हुए ना केवल पार्टी के प्रति पूरी ईमानदारी दर्शाये जाने तथा सरधना विधानसभा से संजीव बालियान को जितवाने की बात कही, बल्कि उन्होंने संजीव बालियान पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगा डाले। संगीत सोम द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद भाजपा के अंदर भूचाल आ गया, क्योंकि डा. संजीव बालियान भाजपा में वेस्ट यूपी के बड़े जाट नेता के रूप में देखे जाते हैं, तो वहीं ठाकुर संगीत सोम की गिनती भी भाजपा के बड़े नेताओं में की जाती है। भाजपा के ऐसे दो दिग्गजों की आमने-सामने की लड़ाई में कहीं न कहीं भाजपा को नुकसान पहुंच सकता है।
दोनों नेताओं के बीच चल रहे इस विवाद में मुजफ्फरनगर के सांसद हरेन्द्र मलिक ने भी एन्ट्री कर ली है। उन्होंने पत्रकारों को दिये बयान में कहा कि दोनों ही नेताओं को राजनीतिक धर्म की मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, जिस तरह से दोनों ओर से सिलसिला चल रहा है, वह मर्यादाओं के खिलाफ है। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उनके चुनाव में संगीत सोम ने कोई मदद की है। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार अतुल प्रधान ने संगीत सोम को 20 हजार मतों से हराया था, जबकि लोकसभा चुनाव में वह सरधना सीट से केवल 45 मतों से जीत हैं, यदि संगीत सोम उनकी मदद करता तो अंतर 20 हजार से ज्यादा होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि डा. संजीव बालियान पर लगाये गये आरोपों के पर्चे किसने बांटे हैं, इसका संज्ञान नहीं है, लेकिन यदि आरोप लगे हैं, तो इन आरोपों की जांच होनी चाहिए और जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।