- हरिद्वार से डिस्चार्ज बढ़कर हुआ 1 लाख 32 हजार क्यूसेक
- एक बार फिर से बिगड़ सकते हैं बाढ़ के हालात
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: मैदानी क्षेत्रों में बादलों के बरसने की रफ्तार बेशक धीमी हो गई हो, लेकिन उत्तराखंड की वादियों में बादलों के बरसने की रफ्तार फिर से शुरू हो गई है। बारिश से गंगा नदी फिर से उफान पर है। जलस्तर में उछाल आने की वजह से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। हरिद्वार के बाद बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज में हुई वृद्धि ने गंगा किनारे बसे खादर गांव के लोगों में बेचैनी बढ़ने लगी है। गंगा के जलस्तर में वृद्धि के चलते अस्थाई तटबंध को दुरुस्त करने के कार्य में भी बाधा उत्पन्न होने लगी है।
बता दें कि गंगा नदी के रौद्र रूप धारण करने के चलते खादर क्षेत्र में एक माह तक जमकर कहर बरपाया। सड़क, घर सब जगह पानी ही पानी नजर आ रहा था। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को चारें आदि की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा था। वहीं, जलभराव के कारण संक्रामक रोग गांवों में पैर पसार रहे हैं। एक सप्ताह पूर्व गंगा के जलस्तर में गिरावट हुई तो खादर के लोगों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन रविवार को एक बार फिर से भीमगोड़ा बैराज हरिद्वार से गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि ने खादर क्षेत्र के लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है।
रविवार को हरिद्वार बैराज से डिस्चार्ज बढ़कर 1 लाख 32 हजार क्यूसेक हो गया। बिजनौर बैराज पर तैनात जेई पीयुष कुमार के अनुसार हरिद्वार से गंगा नदी में 1 लाख 32 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज और बिजनौर बैराज से डिस्चार्ज में हुए वृद्धि से बढ़कर 1 लाख 32 हजार क्यूसेक हो गया। हालांकि दोनों जगह गंगा नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है, लेकिन देर रात हरिद्वार से गंगा में डिस्चार्ज बढ़ने की संभावना है। जिसके चलते आज देर शाम तक खादर में बाढ़ के हालात बन सकते हैं।
बूंदाबांदी के बाद भी उमस भरी गर्मी से नहीं मिल रही राहत
मोदीपुरम: मौसम की बेरुखी ने लोगों को परेशान कर दिया है। लगातार बूंदाबांदी होने के बाद भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। क्योंकि उमस का बढ़ना लगातार लोगों को परेशान कर रहा है। रविवार को दिन निकलते ही बूंदाबांदी हुई, लेकिन उसके बाद फिर से मौसम में उमस बढ़ गई और उमस बढ़ने के कारण दिन में गर्मी बढ़ गई।
मौसम विशेषज्ञ उमस बढ़ने के कारण फिर से बदलाव की आशंका जाहिर कर रहे हैं। राजकीय मौसम वैधशाला पर रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 24.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 88 एवं न्यूनतम आर्द्रता 66 प्रतिशत दर्ज की गई। बारिश अगस्त माह में 68.6 मिमी दर्ज की गई।
कृषि विवि के मौसम विशेषज्ञ डा. यूपी शाही के अनुसार मौसम में लगातार बदलाव होगा। बदलाव होने से बारिश की आशंका बनी हुई है। क्योंकि उमस बढ़ने के कारण मौसम में बदलाव के संकेत बनते हैं। उधर, प्रदूषण का प्रकोप फिलहाल तो ठीक चल रहा है, लेकिन महानगर में फिर से प्रदूषण के बढ़ने की आशंका है। इसलिए बेहद सावधानी एवं सतर्कता बरतना आवश्यक और अहम होगा।
उमस भरी गर्मी में बिजली दे रही धोखा
मेरठ: गर्मी व उमस से परेशान जनता को बिजली भी रूला रही है। लोड बढते ही लाइनों में फाल्ट आ रहें है तो कई जगह फ्लक्चुएशन की समस्या से बिजली के उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहें है। जबकि बिजली विभाग द्वारा बकायेदारों के कनेक्शन काटने को लेकर भी शट्डाउन लिया जा रहा है जिस वजह से कट लग रहें है। रविवार को लिसाड़ी गेट इलाके में दो घंटे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रही।
इस दौरान कांच का पुल, श्याम नगर, चमड़ा पैंठ, जाकिर कॉलोनी, फतेउल्लाह रोड, इंन्द्रा नगर, पिलोखड़ी पुल आदि रिहायशी इलाकों में रहने वाली बड़ी आबादी गर्मी से बिलबिला उठी। आम जनता को घुटन भरे उमस के मौसम में पीने का पानी भी नहीं मिल सका। हैंडपम्प के सहारे लोग पानी लेने को मजबूर होते रहे। वहीं बुजुर्गो व बच्चों का भी गर्मी की वजह से बुरा हाल हो गया। बताया जा रहा है लाइन में आए फाल्ट की वजह से दो घंटे आपूर्ति बाधित रही जिसके बाद मौके पर पहुंची विद्युत विभाग की टीम ने लाइन को ठीक किया।
जिसके बाद आपूर्ति सुचारू हो सकी। वहीं सदर इलाके में भी करीब एक घंटा आपूर्ति बाधित रही जिस वजह से टंकी मोहल्ला, रविन्द्र पुरी, वेस्टर्न रोड, बंग्ला एरिया आदि जगहों पर रहने वाली जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां भी एक घंटे बिजली आपूर्ति बाधित रहने से आम जनता को भीषण गर्मी से जूझना पड़ा। वहीं, इस संबंध में अधीक्षण अभियंता राजेंद्र बहादुर का कहना है कि लिसाड़ी गेट व सदर इलाकों में कुछ देर के लिए विद्युत आपूर्ति बाधित रही है। बकायेदारों के कनेक्शन काटने के लिए शट्डाउन लिया गया था जिस वजह से आपूर्ति बाधित रही। कुछ जगह जर्जर तारों में फाल्ट हो गया था जिन्हे ठीक करने के लिये शट्डाउन लिया गया।