जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: डीएन कॉलेज के शंकर आॅडिटोरियम में एलुमनाई को लेकर चल रही सीरीज के अंतर्गत प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. वीके अग्रवाल का प्राकृतिक संसाधन विषय पर एक वार्ता आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज प्राचार्य डॉ. बीएस यादव, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. एसके अग्रवाल, चीफ प्रॉक्टर डॉ. सुधीर गुप्ता ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप जलाकर किया।
उसके बाद सभी को बुके एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। मुख्य वार्ताकार डॉ. वीके अग्रवाल ने प्रति की तुलना भगवानों से की जिस प्रकार सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं उसी प्रकार प्राकृतिक संसाधन एवं माननीय संसाधन भी कहीं ना कहीं किसी भगवान से प्रेरित हैं। इसके ऊपर उन्होंने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया की प्रति ने सर्वप्रथम अपनी अमूल्य भेंट जल जो कि जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है उसकी तुलना उन्हें भगवान शिव से की जिस प्रकार भगवान शिव सभी दोषों का हरण बड़ी सरलता से करते हैं उसी प्रकार जल हमारे लिए सभी दोषों को अवशोषित करके हमें जीवन प्रदान करता है। शिव के सभी गुण भोले है,सरल है और वह शीघ्र मान जाते है।
ऐसे ही जल सभी प्रदूषण को अवशोषित करके जीवन प्रदान करता है। डॉ. अग्रवाल ने दूसरी भेंट प्रति इसकी तुलना माता पार्वती से की जिस प्रकार माता बालकों का पोषण करती है उसी प्रकार प्रति हमें एक माता की तरह वनस्पतियों द्वारा नदियों द्वारा, हमारा पोषण करती है। वह सब प्रकार के प्रदूषण को अपने में समाहित करके जिस प्रकार माता अपने बच्चों का लालन-पालन करती है उसी प्रकार प्रति भी अपनी संतानों का पालन करती है।
जिस प्रकार परिवार को पिता चलाता है उसी प्रकार इस संसार का पालन भगवान विष्णु करते है। अत यह ब्रह्मांड संसार की तुलना भगवान विष्णु से की गई। पृथ्वी के अंदर सोना चांदी हीरे मोती विभिन्न खनिज पदार्थ इन सब की तुलना माता लक्ष्मी की गई। क्योंकि, माता लक्ष्मी ऐश्वर्या, सुख संसाधन आदि का प्रतीक है।
इसी प्रकार पृथ्वी के अंदर यह सभी धातुएं जो हमें ऐश्वर्य प्रदान करती हैं उसकी तुलना की गई है। इसी प्रकार मानवीय संसाधन जैसे स्कूल, कॉलेज शिक्षा के जितने भी प्रतिष्ठान हैं सब की तुलना भगवान ब्रह्म से की गई है। संचालन डॉ. रुचि गोयल ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. एमके यादव, डॉ. रामबली सिंह, डॉ. दीपाली जैन, प्रेस प्रवक्ता डॉ. मनोज आदि मौजूद रहे।