- नगर निगम अफसरों की प्रारंभिक जांच में सामने आया तथ्य
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: घाटकोपर होर्डिंग्स हादसे के बाद भी नगर निगम के अफसर आंखें बंद किये हुए हैं। नगर निगम अफसरों की प्रारंभिक जांच में ये बात सामने आ रही है कि अवैध यूनीपोल करीब एक वर्ष से सड़कों पर लगे हुए थे। आखिर इतने लंबे समय से अवैध यूनीपोल निगम अफसरों ने कैसे लगे रहने दिये? इसमें एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई गयी? इस दौरान कोई हादसा शहर में हो गया होता तो जिम्मेदार कौन होता?
बड़ी तादाद में अवैध होर्डिंग्स और यूनीपोल सड़कों और मकानों पर लगे हैं, ये निगम अफसरों की जांच में भी सामने आ चुके हैं, फिर अवैध होर्डिंग्स हटाये क्यों नहीं जा रहे हैं? अवैध होर्डिंग खुद हटाने के लिए एजेंसियों ने दो दिन का समय मांगा था, लेकिन समय बीत गया। फिर भी अवैध होर्डिंग्स क्यों नहीं हटाये जा रहे हैं। निगम अफसरों ने दिखावा करने के लिए 52.80 लाख का जुर्माना चार एजेंसियों पर लगाया भी हैं।
फिर भी होर्डिंग्स नहीं हट रहे हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि जब जांच में अवैध होर्डिंग्स और यूनीपोल सड़कों पर होना पाया गया हैं तो फिर इनको क्यों नहीं हटाया जा रहा हैं? क्या सिर्फ निगम अफसर जांच के नाम पर दिखावा कर रहे हैं, इससे तो यहीं दिखाई दे रहा हैं। निगम अफसरों के अनुसार अभिनव एडवरटाइजिंग पर 13.80 लाख, मैसर्स ओशियन एडवरटाइजिंग सोन्यूशन पर 9.60 लाख, मैसर्स हीरा एडवरटाइजिंग पर 21 लाख, मैसर्स आरएस इंटरप्राइजिज पर 8.40 लाख का जुर्माना लगाया गया था।
इस कार्रवाई के बाद भी नगर निगम के अफसरों से होर्डिंग्स ठेकेदार भय नहीं खा रहे हैं। वादे के अनुसार खुद अवैध होर्डिंग्स और यूनीपोल हटाने की बात कही गयी थी, लेकिन अभी दो दिन बीत गए, एक भी होर्डिंग्स और यूनीपोल नहीं हटाये गए हैं। जब दो दिन का समय दिया, फिर अवैध होर्डिंग्स क्यों नहीं हटाये, ये बड़ा सवाल हैं।