Saturday, July 27, 2024
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अधूरा इंसाफ: 11 साल पहले हुआ था एसिड अटैक

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  • छेड़छाड़ से रोकने पर हुआ था युवक पर तेजाबी हमला
  • मेरठ में किसी भी पुरुष पर हुए तेजाबी हमले में आया पहली बार फैसला
  • पीड़ित का कहना इंसाफ मिला, लेकिन संतुष्ट नहीं
  • हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटानें की तैयारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: युवतियों पर फब्तियां कसने के विरोध पर एक युवक पर तेजाब से हमला कर दिया गया था। पीड़ित के भाई की शिकायत पर थाने पर मुकदमा दर्ज हुआ और मामला कोर्ट में चला गया। अब कोर्ट ने हमला करने वाले को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा व एक लाख रुपये का आर्थिक दंड दिया है, लेकिन पीड़ित कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है और फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है।

सदर रंगसाज मोहल्ला निवासी चंद्रहास मिश्रा ने बताया कि उनके ऊपर 11 साल पहले चिंटू खन्ना पुत्र ललित खन्ना ने तेजाब से हमला कर दिया था। इस हमले में पीड़ित गंभीर रूप से झुलस गया था। उसका सिर, एक आंख, चेहरा, गला, सीना, कान, एक हाथ व जांघ डैमेज हो गए थे। इसके बाद पीड़ित के भाई ने आरोपी के खिलाफ सदर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद मामला कोर्ट में चला गया। शनिवार को एडीजे सिक्स कोर्ट में जज ने पीड़ित को इंसाफ देते हुए फैसला सुनाया। जिसमें दोषी को तीन साल की सजा व एक लाख के जुर्माने का आदेश दिया।

क्या है मामला?

सदर निवासी चंद्रहास मिश्रा पर गत आठ सितंबर 2011 शाम के समय सदर स्थित खन्ना की कोठी के मालिक ललित खन्ना के बेटे चिंटू खन्ना ने तेजाब से हमला कर दिया था। पीड़ित ने बताया हमलावर उससे इसलिए रंजिश रखता था, क्योंकि वह पीड़ित के स्क्रैब के गोदाम के सामने से गुजरने वाली युवतियों पर फब्तियां कसता था और पीड़ित उसे रोकता था। तेजाब के हमले में चंद्रहास गंभीर रूप से झुलस गया था और उसके शरीर के कई हिस्से इससे प्रभावित हो गए थे। इसके बाद पीड़ित के भाई चंद्रदीप मिश्रा ने रात के समय में ही सदर थाने पर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद मामला कोर्ट में चला गया और शनिवार को 11 साल बाद इस पर फैसला आया।

कम है दोषी के लिए सजा

अपने शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को खोने वाले चंद्रहास का कहना है कि वह कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है। जो सजा कोर्ट ने दोषी को दी है, वह कम है। किसी व्यक्ति पर तेजाब से हमला किया गया। जिसमें वह सारी उम्र के लिए अपाहिज की तरह जी रहा है, लेकिन कोर्ट ने दोषी को सजा के रूप में महज तीन साल की कैद व एक लाख रुपये का जुर्माना लगाकर फैसला दे दिया। पीड़ित का कहना है कि दोषी को कोर्ट से जमानत भी मिलने जा रही है, जबकि वह सारी जिंदगी के लिए अपने शरीर से मोहताज हो गया है।

पुरुष पर हुए तेजाबी हमले में कोर्ट ने दी सजा

यह मेरठ के इतिहास में पहली बार हुआ है कि जब किसी पुरुष पर हुए तेजाबी हमले में कोर्ट ने दोषी को सजा दी है। इससे पहले अभी तक किसी भी मामले में फैसला नहीं आया है। पुरुषों की तुलना में तेजाबी हमले की शिकार महिलाएं अधिक होती है। किसी मामले में ही पुरुष पर तेजाब से हमला होने की घटना सामने आती है।

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