- खाद्य सामग्री समेत पूजा-पाठ की वस्तुओं की कीमतें बढ़ीं
- फल और सब्जियोें तथा सूखे मेवे में भी अप्रत्याशित उछाल
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: नवरात्र व रमजान माह शुरू हो चुका है। ये दोनों ही महीने पूजा-पाठ और इबादत के हैं। लेकिन इस बार इन दोनों ही पवित्र दिनों में महंगाई ने अपना फन फैला लिया है। नवरात्र व रमजान में अधिकतर फलों व मेवों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इस बार इनकी कीमतों के साथ ही अन्य खाद्यय पदार्थों के भी दाम आसमान छू रहे हैं। महंगाई के चलते आम आदमी की कमर टुट चुकी है। जबकि करीब-करीब रोजाना ही पेट्रों पदार्थों के दाम तो बढ़ ही रहे हैं।
Weekly Horoscope: क्या कहते है आपके सितारे साप्ताहिक राशिफल 3 अप्रैल से 9 अप्रैल 2022 तक || JANWANI
शनिवार से नरवात्र जबकि रविवार से रमजान का महीना शुरु हो गया है। लेकिन इस बार महंगाई की मार ने नवरात्र व रमजान का स्वाद बिगाड़ कर रख दिया है। फलों से लेकर सूखे मेवे, खाद्य तेलों से लेकर अन्य चीजों के दाम बढ़ चुके है। मार्च माह के आखिरी सप्ताह में रसोई गैस के दाम तो बढ़ ही चुके है। बात अगर फलों की करे तो सेब 140 रुपये से 150 रुपये किलो तक बिक रहे हैं।
जबकि संतरे के दाम 80 रुपयों किग्रा, अंगूर 100 रुपये किग्रा, अनानास 80, अनार 120, पपीता 40 रुपये किलो तक बिक रहे हैं। जबकि केले 50 रुपये दर्जन के करीब बाजार में उपलब्ध है।
सूखे मेवों में भी लगी आग
महंगाई की मार से सूखे मेवे भी अछूते नहीं रहे। बादाम जो पहले 600 से 650 रुपये किलों में बिक रहे था वह अब 700 से 800 रुपये किग्रा में बिक रहे हैं। जबकि किशमिश भी करीब 320 रुपये किग्रा में बिक रही है। अखरोट की कीमतों में सबसे अधिक उछाल आया है। अखरोट होली से पहले तक 1100 से 1150 रुपये किग्रा बिक रहे थे उनकी कीमत बढ़कर अब 1250 से 1300 रुपये किग्रा हो गई है। जबकि काजू भी करीब 800 रुपये हो गई है। तो वहीं चिरौंजी भी 1300 रुपये के भाव में बिक रही है।
तेल व मसाले भी हुए महंगे
महंगाई का असर खाद्य तेलों पर तो हुआ ही है इसी के साथ खाने का स्वाद बढ़ाने वाले मसालों के दामों में भी इजाफा हुआ है। पिछले माह जीरे का मूल्य 220 रुपये किग्रा था। अब वह 250-300 रुपये किलो बिक रहा है। काली मिर्च 600-650 रुपये किग्रा तो लौंग भी 1000 भी हजार रुपये तक पहुंच चुकी है।
तो वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध का असर पाल आयल के रेट पर भी पडा है। पाम आयल के रेट एक महीने में 25 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। तो वहीं रिफाइंड व वनस्पति घी के रेट करीब-करीब दुगुने हो चुके हैं।
मैगी पर भी पड़ी मंहगाई की मार
महंगाई की मार अब मैगी पर पड़ी है। 12 रुपये में मिलने वाली मैगी के दाम दो रुपये बढ़कर अब 14 रुपये हो गई है। होली के बाद से ही बाजार में मैगी बढ़े हुए दामों में मिलने लगी थी। इसके साथ ही कई कंपनियों ने अपनी चाकलेट के दाम तो नहीं बढ़ाए है। लेकिन, उनके वजन में जरूर कुछ घटाव किया गया है। तो वहीं बिस्कुट कंपनियों ने भी दाम बढ़ाने की बजाए अपने उत्पाद के वजन कम किए हैं।