- एनएच-58 स्थित कृष्णा वर्ल्ड कालोनी का है मामला
- कालोनी के मानचित्र पर तत्काल प्रभाव से लगी रोक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) से कॉलोनी का मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए एक बिल्डर ने सिंचाई विभाग की एनओसी भी फर्जी लगा दी। मानचित्र स्वीकृत किया जा रहा था, मगर पत्र की जो लेखनी थी, उसको पढकर प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय को शक हुआ, जिसके बाद फिर से सिंचाई विभाग को एक पत्र लिखा गया। इसके बाद फिर से एनओसी प्राधिकरण में पहुंची, जो एकदम विपरीत थी।
इसके बाद ही पता चला कि एनओसी में भी फर्जीवाड़ा किया गया हैं। ये मामला था एनएच-58 पर स्थित कृष्णा वर्ल्ड कॉलोनी का। इसके बाद ही प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने इसका मानचित्र तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है तथा सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता लखनऊ को एनओसी के लिए पत्र भेजा गया हैं, जिसके चलते इस कॉलोनी का मानचित्र फिलहाल लटक गया हैं।
दरअसल, संस्कृति विवाह मंडप से सटकर कृष्णा वर्ल्ड कॉलोनी विकसित की जा रही हैं। फिलहाल इसका कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं। बिना मानचित्र स्वीकृत कराये ही इसमें ज्यादातर प्लाट बिल्डर ने बेच दिये हैं। प्राधिकरण इस कॉलोनी पर बुलडोजर की कार्रवाई नहीं करें, इसके लिए मानचित्र प्राधिकरण आॅफिस में लगा दिया गया। एनओसी भी फर्जी तरीके से प्राधिकरण आॅफिस भेज दी गई थी।
कृष्णा वर्ल्ड कॉलोनी ऐसी है, जिसमें जाने के लिए कोई रास्ता नहीं हैं। इस जमीन के आगे से सिंचाई विभाग का रजवाहा गुजर रहा हैं। इस रजवाहे पर पुल (लोहे का) बिल्डर ने अवैध तरीके से बनाकर आवागमन शुरू कर रखा हैं। इसकी कोई अनुमति सिंचाई विभाग से नहीं ली गई। मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों ने मानचित्र आने के बाद सिंचाई विभाग से एनओसी मांगी थी।
एनओसी तो प्राधिकरण में पहुंची, लेकिन वो फर्जी थी। इसको लेकर सवाल उठे तो पूरा प्रकरण प्राधिकरण उपाध्यक्ष के पास पहुंचा। शक होने पर फिर से एक पत्र सिंचाई विभाग के एक्सईएन को लिखा गया, जहां से फिर एक पत्र आया। पहले मिली एनओसी और दूबारा आये पत्र आपस में मेल नहीं खाते। इसी शक के आधार पर प्राधिकरण ने इसका मानचित्र स्वीकृत करने की बजाय रोक लगा दी। अभी ये प्रकरण मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग लखनऊ को भेज दिया गया हैं।
इसकी एनओसी अब लखनऊ से आएगी, जिसके बाद ही मेरठ विकास प्राधिकरण ये तय करेगा कि इसका मानचित्र स्वीकृत किया जाना है या फिर नहीं। फिलहाल जिस तरह से पूरा मामला लखनऊ पहुंच गया हैं, ऐसे में कृष्णा वर्ल्ड का मानचित्र लटक गया हैं। अब स्वीकृत होगा, ऐसा संभव नहीं दिख रहा हैं।
क्योंकि कृष्णा वर्ल्ड के पास इसके अलावा कॉलोनी में जाने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं हैं। इसलिए भी बिल्डर इसमें फस गया हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष इस एनओसी की जांच करा रहे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद इसमें बड़ी कार्रवाई की जा सकती हैं।
नहीं चला बुलडोजर
कृष्णा वर्ल्ड का जब मानचित्र स्वीकृत नहीं है तो फिर पिछले दो वर्ष से इस पर कोई बुलडोजर मेडा के इंजीनियर क्यों नहीं चला रहे हैं? तमाम कॉलोनियों पर तीन-तीन बार बुलडोजर चलाये जा चुके हैं, लेकिन इस पर एक बार फिर बुलडोजर प्राधिकरण नहीं चला पाया हैं। मानचित्र की फाइल चल रही हैं, यही कहकर इस कॉलोनी को हर बार अभयदान दिया जा रहा हैं।