जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज इसरो ने सबसे छोटे रॉकेट एसएसएलवी-डी2 को लॉन्च कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने यह रॉकेट आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया है। इसरो का रॉकेट एसएसएलवी-डी2 लॉन्च सफल हो गया है।
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसएसएलवी-डी2 ने सफलतापूर्वक तीनों सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने तीनों सैटेलाइट को ऑर्बिट में सही जगह पहुंचाने के लिए टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एसएसएलवी-डी1 के दौरान जब दिक्कतें आईं, हमने उनका विश्लेषण किया और जरूरी कदम उठाए और यह सुनिश्चित किया कि इस बार लॉन्चिंग सफल रहे।
#WATCH | Andhra Pradesh: ISRO launches Small Satellite Launch Vehicle-SSLV-D2- from Satish Dhawan Space Centre at Sriharikota to put three satellites EOS-07, Janus-1 & AzaadiSAT-2 satellites into a 450 km circular orbit pic.twitter.com/kab5kequYF
— ANI (@ANI) February 10, 2023
इससे पहले एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी, जिनमें अमेरिकी की कंपनी अंतारिस की सैटेलाइट Janus-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट AzaadiSAT-2 और इसरो की सैटेलाइट EOS-07 शामिल थी। ये तीनों सैटेलाइट्स 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किए गए।
120 टन है इस रॉकेट का वजन
इसरो के मुताबिक, एसएसएलवी 500 किलोग्राम तक की सैटेलाइट को लोअर ऑर्बिट में लॉन्च करने में काम में लाया जाता है। यह रॉकेट ऑन डिमांड के आधार पर किफायती कीमत में सैटेलाइट लॉन्च की सुविधा देता है। 34 मीटर लंबे एसएसएलवी रॉकेट का व्यास 2 मीटर है। इस रॉकेट का वजन 120 टन है।
एसएसएलवी की पहली उड़ान हुई थी असफल
इस रॉकेट की पहली उड़ान बीते साल अगस्त में असफल हो गई थी। बीते साल एसएसएलवी की पहली उड़ान के दौरान रॉकेट के दूसरे चरण के पृथक्करण के दौरान कंपन महसूस होने के कारण लॉन्चिंग सफल नहीं हो सकी थी। साथ ही रॉकेट का सॉफ्टवेयर उपग्रहों को गलत कक्षा में लॉन्च कर रहा था, जिसके चलते इसरो ने एसएसएलवी की लॉन्चिंग को रद्द कर दिया था।
एसएसएलवी-डी2 का कुल वजन 175.2 किलोग्राम
एसएसएलवी-डी2 का कुल वजन 175.2 किलोग्राम है, जिसमें ईओस सैटेलाइट का वजन 156.3 किलोग्राम, Janus-1 का वजन 10.2 किलोग्राम और AzaadiSat-2 का वजन 8.7 किलोग्राम है। इसरो के अनुसार, एसएसएलवी रॉकेट की लागत करीब 56 करोड़ रुपए है।