Tuesday, March 19, 2024
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मुझे अपने काम से ब्रेक लेना पसंद नहीं : जैकलीन फर्नांडिस

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सुभाष शिरढोनकर |

बेहद खूबसूरत जैकलीन फर्नांडिस को फिट रहना बहुत पसंद है। इसकी खातिर वह रोजाना दिन के 4-5 घंटे देती हुए न सिर्फ जिम जाती हैं बल्कि नियमित योगा करती हैं। उनकी फिटनेस गजब की है। फिटनेस के इसी जुनून के कारण आज उन्हें बॉलीवुड की एक फिटनेस फ्रीक के तौर पर जाना जाता है। पिछले दिनों जैकलीन फर्नांडीस ने राजस्थान में ‘बच्चन पांडे’ की शूटिंग की।

‘हाउसफुल 2’ और ‘हाउसफुल 3’ के बाद एक बार फिर से वह इसमें अक्षय कुमार के साथ स्क्रीन शेयर करेंगी। यह अक्षय के साथ वाली उनकी तीसरी फिल्म है।

‘बच्चन पांडे’ के अलावा जैकलीन ‘किक 2’, ‘भूत पुलिस’ और ‘सर्कस’ जैसी और भी तीन बड़ी फिल्में कर रही हैं। प्रियंका चोपड़ा अपने पति के साथ विदेश में सेटल हो चुकी हैं। ऐसे में जैकलीन ने उनका अपार्टमेंट 3 साल के लिए किराये पर लिया है। प्राइम लोकेशन की वजह से जैकलीन को प्रियंका का यह अपार्टमेंट काफी अधिक पसंद आया था। इसके लिए वह हर महीने लगभग 7 लाख रूपया किराया अदा करेंगी।

प्रस्तुत है जैकलीन फर्नांडीस के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:        

  • ‘बच्चन पांडे’ के बाद अक्षय कुमार के साथ ‘राम सेतु’ के लिए भी आपके कास्ट किए जाने की चर्चा है?

जी, बिलकुल इसमें अक्षय और नुसरत भरूचा लीड रोल में हैं जबकि मेरा एक बेहद स्पेशल रोल है। यह फिल्म अगले साल दिवाली पर रिलीज होगी।

  • कहा जा रहा है कि आपने ‘बच्चन पांडे’ के लिए एक बहुत ही असामान्य आर्ट टाइटरोप वॉकिंग की ट्रेनिंग ली थी। इस आर्ट के बारे में कुछ बताइये?

इसे ‘फुनबुलिज्म‘ भी कहा जाता है। यह रस्सी पर चलने का आर्ट है। हालांकि यह काफी मुश्किल होता है लेकिन मैंने इसे सिर्फ एक वीक में सीख लिया था। इससे मुझे शूटिंग के दौरान परफेक्ट बैलेंस बनाने में काफी मदद मिली। इस तरह की नई नई चीजें सीखने का मुझे हमेशा से शौक रहा है। इसके पहले भी मैं ‘पोल डांसिंग’और ‘ऐरियल योगा’ सीख चुकी हूं।

एक वक्त था जब इस इंडस्ट्री में आपके पास काम नहीं था और मजबूरन आपको श्रीलंका लौट जाना पड़ा लेकिन आज आप एक साथ पांच-पांच फिल्मों की शूटिंग कर रही हैं। यह देखकर कैसा महसूस होता है?

मुझे यह सब कुछ पागलपन की तरह लगता है लेकिन बेकार घर पर बैठे रहने से तो यह पागलपन ही अच्छा है। ‘भूत पुलिस’ की शूटिंग के लिए पहाड़ों पर गई। उसके बाद ‘सर्कस’ की शूटिंग यहीं मुंबई में की। बच्चन पांडे की शूटिंग करके हाल ही में राजस्थान से लौटी हूं और अब ‘राम सेतु’ की बारी है।

  • आप अपने काम को कितना एंजॉय करती हैं?

जब हम नई-नई जगह जाकर नए लोगों से मिलते हैं तो काफी कुछ नया सीखने को मिल जाता है। इसके कारण हमारे अंदर एक खुलापन सा आ जाता है। मैं फिल्मों के लिए सिर्फ एक्टिंग ही नहीं करती बल्कि फिल्म मेकिंग से जुड़े हर पहलू पर बारीक नजर रखती हूं।

  • फिल्मों में आप जो किरदार निभाती हैं, आपके दिलो दिमाग पर उसका असर, कितने समय तक रहता है?

हर किरदार एक दूसरे से पूरी तरह अलग होता है। उसे निभाने के लिए कुछ महीनों तक हमें उस किरदार में घुस जाना पड़ता है। ऐसे में सोते जाते उठते बैठते मैं अपने आपको सिर्फ उस किरदार से जुड़ा हुआ महसूस करती हूं। कभी कभी तो शूटिंग खत्म हो जाने के बाद भी लगता है कि जैसे मैं उस किरदार के असर में हूं।

  • अक्सर कहा जाता है कि ‘थकान’ शारीरिक नहीं बल्कि ‘मानसिक’ होती है। इस बारे में आप क्या कहेंगी?

मुझे भी ऐसा ही लगता है क्योंकि लगातार काम करते हुए शरीर कभी नहीं थकता, बस मन में ऊब होने लगती है लेकिन यदि आपको अपने काम में दिलचस्पी है और आप कुछ नया करने का इरादा किए हुए हैं तो वह ऊब भी महसूस नहीं होती। शायद इसी वजह से मुझे अपने काम से ब्रेक लेना पसंद नहीं। यदि मैं अपने काम में जुटी रहती हूं तो मन प्रसन्न रहता है। बेशक इसके लिए मैं अपने परिवार और दोस्तों को बहुत मिस करती हूं लेकिन वो मेरी मुश्किल को समझते और जानते हैं। उनके सहयोग की बदलौत ही आज मैं यहां तक पंहुच सकी हूं।


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