जनवाणी ब्यूरो |
शामली: बुधवार को जमीयत-उलेमा-हिन्द के सदर मौलाना मुफ्ती साजिद कासमी व जनरल सैके्रटरी मौलाना अयूब मिफ्ताही ने कलक्ट्रेट में डीएम जसजीत कौर को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि 21 जुलाई को ईद-उल-अजहा का पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व पर मुस्लिम समुदाय के लोग अपने धर्म के अनुसार कुछ चुनिंदा पशुओं की कुर्बानी देते हैं।
पिछले साल डीएम ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में कुर्बानी की अनुमति दी थी इसलिए इस वर्ष भी जमीयत ने अनुमति की मांग की है। ताकि मुस्लिम समुदाय के लोग सुरक्षित स्थान, अपने घेर व मकान में कुर्बानी कर सकें। पहले ग्रामीण क्षेत्र के लोग शहर में आकर कुर्बानी करते थे लेकिन कोविड-19 के भयानक दौर में ऐसा संभव नहीं हो पा रहा। मौलाना मुफ्ती साजिद कासमी ने ग्रामीण क्षेत्रों में कुबार्नी की अनुमति प्रदान किए जाने की मांग।
साथ ही आश्वासन दिया कि इस दौरान पर्याप्त साफ सफाई, कोरोना गाइडलाइन का पालन व दूसरे समुदाय की भावनाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि गांव सुन्ना, मवी, काकौर आदि में कुबार्नी नहीं हो पाती है, ऐसे गांवों में प्रशासन के सहयोग की आवश्यकता है ताकि मुस्लिम समुदाय के लोग अपना त्यौहार मना सकें।