Friday, April 26, 2024
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‘जनवाणी’ ने बचाया राष्ट्रीय धरोहर घंटाघर

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घंटाघर के निकट से होकर गुजर रहे नाले पर अवैध रूप से बनी दुकानों को मजबूत सेटिंग के चलते उन्हे बचाने और राष्ट्रीय धरोहर घंटाघर के दूसरी तरफ भी नाला निर्माण करने के लिये निगम एवं पीडब्ल्यूडी विभाग की मिलीभगत से सड़क खोद डाली गई। जनवाणी ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो दोनों ही विभाग लीपापोती में जुट गए हैं और पुन: 24 घंटे के अंदर ही खोदे गये गड्ढों को मिट्टी से भर दिया गया।

  • पीडब्ल्यूडी विभाग, नगर निगम दोनों ने की लीपापोती

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: घंटाघर के ठीक सामने नाला निर्माण के लिये गुरुवार को जेसीबी से मिट्टी खुदाई कर दी गई। जिस जगह से पुराना नाला गुजर रहा है। उस जगह को छोड़कर घंटाघर के ठीक सामने नाला निर्माण को सड़क खोद डाली गई। जबकि नाले पर अवैध रूप से जो दुकाने अतिक्रमण के रूप में बनी हैं,

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उन पर अभी तक कोई कार्रवाई नगर निगम या पीडब्ल्यूडी विभाग तरफ से की गई। निगम एवं पीडब्ल्यूडी विभाग की मिलीभगत से घंटाघर के ठीक सामने सड़क की खुदाई कर दिये जाने का समाचार शुक्रवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ। जिसके बाद आनन-फानन में खोदी गई सड़क में मिट्टी भर कर लीपा-पोती में निगम व पीडब्ल्यूडी विभाग दोनों जुट गये।

महानगर में जलनिकासी की समस्या से निजात को नगर निगम एवं पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से नाले निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। इसी में पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से छतरी वाले पीर से ओडियन तक 1.3 किमी लंबी दूसरी के नाले का 24 लाख रुपये की लागत से निर्माण कार्य कराया जा रहा है। सड़क किनारे अतिक्रमण के चलते पुराने नाले की चौडाई की जगह नये नाले की चौड़ाई को कुछ कम कर दिया गया है। कुछ जगहों पर नाले के उपर पक्के निर्माण तक हो गये ऐसी जगहों पर पीडब्ल्यूडी विभाग को नाला निर्माण करना परेशानी का सबब बना हुआ है।

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इसी में जो भी अवैध निर्माण दुकानों के रूप में बताया जा रहा है,उसमें निगम एमडीए एवं पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की भूमिका भी बताई जा रही है कि नाले पर बिना नगर निगम की सहमति के दुकानों का निर्माण आखिर कैसे हो गया। फिलहाल घंटाघर के निकट नाले पर बनी दुकानों के कारण नाला निर्माण अधर में लटका हुआ है। डाकघर प्रकरण के बाद नगर निगम ने कागजी कार्रवाई पूरी करने को 42 दुकानदारों के नोटिस तैयार किये और उन्हे एक सप्ताह का समय अतिक्रमण हटाने को दिया।

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शायद मजबूत सेटिंग के चलते उन नोटिसों का दुकानदारों पर कोई असर दिखाई नहीं दिया। इसमें निगम एवं पीडब्ल्यूडी विभाग ने एक तीसरा रास्ता बीच का निकाला, ताकि दुकानें भी बच जायें और नाला घंटाघर के सामने से होकर ओडियन नाले की तरफ निकाल दिया जाये। गुरुवार को पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा घंटाघर के ठीक सामने करीब 8 से 10 फीट गहरी सड़क घंटाघर के ठीक सामने से खोद डाली। जिस करण घंटाघर के बीच से होकर गुजरने वाली सड़क पर वाहनों का आवागमन भी बाधित हो गया।

इस मामले को जनवाणी ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। जिसमें नाला निर्माण को पीडब्ल्यूडी विभाग ने खोद डाली अच्छी खासी सड़क और नाले पर अवैध निर्माण के रूप में बनी दुकानों को हटाने का कोई प्रयास नहीं। शुक्रवार के अंक में यह समाचार प्रमुखता से प्रकाशित हुई तो निगम व पीडब्ल्यूडी विभाग में हड़कंप मच गया। दोनों ही विभाग आनन-फानन में लीपापोती में जुट गये। जिसमें शुक्रवार को सुबह के समय जेसीबी के द्वारा खोदी गई सड़क में मिट्टी डालकर मार्ग को फिर से सुचारू करा दिया गया।

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वहीं, पीडब्ल्यूडी विभाग के सहायक अभियंता महेश बालियान से जब इस संबंध में बात की गई कि सड़क नाला निर्माण को खोदी गई तो उसमें मिट्टी क्यों डाल दी गई, जिस पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव के चलते घंटाघर के सामने खोदी गई सड़क में मिट्टी डालवाई गई है। चुनाव के बाद नाला निर्माण कार्य को शुरू कराया जायेगा। वहीं उन्होंने बताया कि नालें पर जो दुकानें बनी हैं, उनको हटवाने का कार्य नगर निगम का है। जानकारी मिली है कि निगम की तरफ से अवैध रूप से बनी दुकानों को हटवाने की प्रक्रिया चल रही है।

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