जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कार्तिक अमावस्या को सूर्य ग्रहण के बाद कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को मेष राशि और भरनी नक्षत्र में खगास्त्र चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसका असर मोटे तौर पर शाम को 5.30 से लेकर 6.20 तक ही रहेगा।
हालांकि प्रभाव दोपहर डेढ़ बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक रहेगा। तीन प्रहर अर्थात नौ घंटे पहले सुबह 07:59 बजे से सूतक लग जाएगा। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण दोनों को भी अशुभ माना जाता है। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को देव दीपावली के अगले दिन लगने जा रहा है। साल 2022 में यह अजीब संयोग बन रहा है कि सिर्फ 15 दिन के अंतराल में ही दूसरा ग्रहण लग रहा है। 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण साल का आखिरी ग्रहण होगा।
ग्रहण स्पर्श आरंभ- 08 नवंबर, दोपहर 02 बजकर 39 मिनट पर
खग्रास आरंभ- दोपहर 03 बजकर 46 मिनट
ग्रहण मध्य- दोपहर 04 बजकर 29 मिनट पर
खग्रास समाप्त- शाम 05 बजकर 12 मिनट पर
ग्रहण मोक्ष समाप्त- शाम 06 बजकर 19 मिनट पर
शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान न भोजन करें और नही सोएं। इस दौरान पूजा या कोई शुभ कार्य भी नहीं किया जाता। ग्रहण के बाद स्नान करें और गंगाजल का छिड़काव कर घरों व पूजा घर को पवित्र करें। इसके बाद ही भोजन करें।
मंदिर खुलने और बंद होने का समय
सूतक काल प्रातः 8.27 बजे शुरू हो जाएगा। ग्रहण का सूतक प्रारंभ होने से पूर्व मंदिरों में देव दर्शन एवं पूजा-अर्चना होगी। सुबह आरती के बाद करीब 8.15 बजे तक मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। शाम को चंद्र ग्रहण पूर्ण हो जाने पर सूतक काल समाप्त हो जाएगा। तत्पश्चात देर शाम मंदिरों की साफ-सफाई कराई जाएगी। देव प्रतिमाओं को स्नान कराया जाएगा। इसके बाद ही मंदिरों के पट देव दर्शन के लिए खुल सकेंगे।
यह ग्रहण मेष राशि व भरणी नक्षत्र में लग रहा है और भारत के उत्तरी पूर्वी भाग-कोलकत्ता, पटना, गुवाहाटी, अरुणाचल आदि में अधिक दिखेगा जबकि यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया, महासागर, अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में दिखेगा। इसका सूतक सूर्योदय अर्थात सुबह 6.30 से ही माना जाएगा।