Tuesday, October 3, 2023
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मलकपुर मिल पर मुकदमा, बजाज पर कैसी मेहरबानी?

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  • प्रशासन ने मिल मालिकों पर बनाना शुरू किया दबाव

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मलकपुर चीनी मिल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया हैं। मुकदमा भी बकाया गन्ना भुगतान नहीं करने का दर्ज हुआ हैं। इस तरह से प्रशासन ने मिल मालिकों पर दबाव बनाना तो शुरू कर दिया, लेकिन किनौनी स्थित बजाज शुगर मिल प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कराया गया? यह बड़ा सवाल हैं।

ढाई सौ करोड़ से ज्यादा का बकाया बजाज शुगर मिल पर बना हुआ हैं। बजाज ग्रुप के जितने भी चीनी मिल हैं, सभी पर गन्ने का बकाया हैं। बजाज की तरफ से कोई भुगतान नहीं किया जा रहा हैं। इस तरह से किसान परेशान भी हैं। किसानों ने शामली और मुजफ्फरनगर क्षेत्र में बजाज शुगर मिल के खिलाफ बकाया भुगतान नहीं करने पर धरना भी दिया था। बाजवूद इसके भुगतान नहीं किया जा रहा हैं।

डीएम बागपत ने बकाया गन्ना भुगतान नहीं करने वाले मलकपुर चीनी मिल प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया हैं। मलकपुर चीनी मिल की ओर से गन्ना किसानों का पूरे पेराई सत्र का भुगतान नहीं दिया गया। गन्ना किसान तो कई साल तक भुगतान मांगते हुए थक गए। एक पेराई सत्र का गन्ने का भुगतान अगले पेराई सत्र में दिया जा रहा है। अब गन्ना किसान अपने ही हाल पर घर बैठे हुए हैं। किसी किसान की बीमारी और बेटी की शादी के लिए जरूर गन्ना किसान को भुगतान दिया जाता है।

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वह भी दर्जन भर कागजों की खानापूर्ति और कई माह में जाकर मिलता है। इसे लेकर इस बार प्रशासन ही सख्त हो गया। डीएम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीओ से इस संबंध में जानकारी मांगी थी। डीएम के आदेश पर डीसीओ ने मलकपुर मिल के यूनिट हैड समेत कई अधिकारियों के खिलाफ बड़ौत कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया। जब मिल के अधिकारियों को पता लगा तो मिल अधिकारी मिल को छोड़कर फरार हो गए।

जिस तरह से मलकपुर मिल के खिलाफ सख्त कार्रवाई प्रशासन ने की हैं, ठीक वैसे ही बजाज ग्रुप की किनौनी शुगर मिल के हालात हैं। यहां भी किसानों को ढाई सौ करोड़ से ज्यादा मिल पर हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से इसमें भुगतान का दबाव नहीं बनाया जा रहा हैं। डीसीओ भी इसमें भुगतान कराने के लिए किसी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं करा रहे हैं। दौराला चीनी मिल किसानों का भुगतान कर चुका हैं। इसी तरह कई और भी चीनी मिल जनपद में हैं, जो भुगतान कर चुके हैं, लेकिन बजाज ने पिछले गन्ना सत्र का भुगतान अभी तक नहीं किया हैं। इसको लेकर किसानों में भी आक्रोश हैं।

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