Saturday, April 20, 2024
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तेंदुआ बना वन विभाग के लिए सिरदर्द चिंदौड़ी गांव में बना आतंक का पर्याय, आतंक बरकरार नहीं फंसा जाल में, चारे के रूप में बांधी थी बकरी

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जनवाणी संवाददाता |

लावड़: क्षेत्र में दहशत का पर्याय बना तेंदुआ वन विभाग के अधिकारियों के लिए भी सिरदर्द बन गया है। कई गांवों में तेंदुआ दिखाई देने का शोर गूंज रहा है। लेकिन, अभी तक एक भी जगह उसकी सटीक लोकेशन नहीं मिली है। हालांकि विभाग द्वारा क्षेत्र में तेंदुआ न होने का दावा किया जा रहा है।

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र एक नहीं बल्कि दो-तीन तेंदुए सक्रिय हैं। गत दिनों शहर से लगे गांवों में तेंदुए के दिखने के बाद से उसका न पकड़ा जाना वन विभाग सहित पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है।

शनिवार को गांव चिंदौड़ी में तेंदुए द्वारा एक कुत्ते को मार देने की सूचना ग्रामीणों ने दी तो वन विभाग के अधिकारियों ने घटनास्थल पर अन्य जानवरों के पैरों के निशान होने की पुष्टि की है।

कस्बे के देहात क्षेत्र के चिंदौड़ी गांव में पिछले एक सप्ताह से तेंदुए ने कोहराम मचा रखा है। आलम यह है कि गांव के साथ-साथ आसपास के देहात के लोगों ने भी जंगल में आने-जाने से परहेज कर लिया है। तेंदुआ दिन प्रतिदिन और खतरनाक होता जा रहा है, लेकिन वन विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद तेंदुआ पकड़ से काफी दूर है।

गत गुरुवार को रात में तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाकर उसमें चारे के रूप में बकरी लगाई थी, लेकिन शुक्रवार को तेंदुआ पिंजरे में नहीं आ सका। ऐसे में वन विभाग को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण भी खौफ के साए में जी रहे हैं।

वन विभाग अपनी तमाम कोशिशों के साथ तेंदुए को पकड़ने में लगी हुई है। चिंदौड़ी के ग्रामीण इन दिनों दहशत में हैं। इस दहशत की वजह है गांव में तेंदुए की दस्तक।

ग्रामीण अपने परिवार और मवेशियों की रखवाली के लिए रातभर जागकर पहरा दे रहे हैं। कुछ ग्रामीण तो तेंदुए को देखने का दावा भी कर रहे हैं। डर के मारे वे खेतों पर भी झुंड बनाकर जा रहे हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

जाल में नहीं फंसा तेंदुआ

गत दिनों चिंदौड़ी में तेंदुए द्वारा बछड़े के मारे जाने के पश्चात आई वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए बकरे वाला एक पिंजरा भी रखा था, लेकिन तेंदुआ जाल में नहीं फंसा। शनिवार को पुन: वन विभाग को गांव चिंदौड़ी के ग्रामीणों ने तेंदुए द्वारा ग्राम में एक कुत्ते का शिकार किए जाने सूचना दी।

विभाग को वहां अन्य जानवरों के पैरों के निशान मिले हैं। गांव में पहुंची स्थानीय वन विभाग की टीम ने गांव चिंदौड़ी क्षेत्रों में सर्चिंग अभियान भी चलाया, लेकिन न तो तेंदुआ मिला और न ही तेंदुए के इस क्षेत्र में आने-जाने के कहीं निशान दिखाई दिए।

तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग कर रहा कॉम्बिंग

चिंदौड़ी में ग्रामीण कस्बों में एक तेंदुआ दिखने के बाद कई दिनों से दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम इलाके में कॉम्बिंग अभियान चला रही है, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं लग सका है।

वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए खेतों में जाल लगा दिया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण सुरक्षित रहने के लिए झुंड में निकले। वन विभाग के कर्मचारी लगातार इलाके में कॉम्बिंग कर रहे हैं।

झुंड में निकलें ग्रामीण

मामला लावड़ चौकी क्षेत्र के चिंदौड़ी इलाके का है। यहां 11 दिन पहले गांव में खेतों में अचानक तेंदुए के पैर के निशान दिखने से हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पैरों के निशान की जांच की और तेंदुआ होने की पुष्टि की। तेंदुए की चहलकदमी को देखते वन विभाग ने ग्रामीणों को सचेत रहने और झुंड में बाहर निकलने की सलाह दी है।

अभी तक नहीं मिला सुराग

वन विभाग का कहना है कि तेंदुए ने किसी भी व्यक्ति को भी नुकसान नहीं पहुंचाया है। तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग ने खेतों में जंगल की तरफ पिंजड़ा लगाकर उसमें बकरी बांध दी है।

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विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही तेंदुआ बकरी को खाने के लिए पिजड़े में प्रवेश करेगा, वैसे ही वह पिंजड़े में कैद हो जाएगा। अभी तक तेंदुए का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

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