Monday, November 17, 2025
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सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध निर्माण की भरमार

  • सिंचाई विभाग ने लापरवाही का ठीकरा मेडा और निगम पर फोड़ा
  • सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने कार्रवाई को दोनों विभागों को लिखा पत्र

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जनपद में सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपये की बेशकीमती भूमि पर अवैध पुलिया व अन्य निर्माण कार्यों की भरमार के बाद आखिरकार अब विभाग नींद से जागा है। इस मामले में अधिशासी अभियंता खंड गंगनहर द्वारा मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव व नगर निगम के नगरायुक्त को पत्र लिखकर विभाग की बेशकीमती भूमि से अवैध कब्जा हटवाने को पत्र लिखा है।

जिसमें बताया कि विकसित की जा रही कॉलोनियों में सिंचाई विभाग के रजवाहे, माइनर और नालों के उपर बनाई जानी वाली पुलिया निर्माण पर तत्काल रोक लगाई जाये। जो पूर्व में अवैध पुलिया निर्माण हुए हैं तो तत्काल उनका ध्वस्तीकरण कराया जाये। इस मामले में बिना अनुमति के सिंचाई विभाग की भूमि पर पुलिया निर्माण के मामलों में कार्रवाई की बात सिंचाई विभाग द्वारा कही जा रही है।

सिंचाई विभाग के अधिकारियों की लापरवाही एवं मिलीभगत के कारण रजवाहा, माइनर और नालों के ऊपर अवैध पुलिया निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है। कुछ लोगों द्वारा सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपये की बेसकीमती जमीन पर अवैध निर्माण के साथ ही पुलिया निर्माण कार्य किये जाने की शिकायत आलाधिकारियों से की गई, तब जाकर विभाग की नींद टूटी। अब सिंचाई विभाग अपने उन अधिकारी एवं कर्मचारियों को बचाने के प्रयास में जुट गया है।

जिनकी मिलीभगत एवं लापरवाही से अवैध निर्माण पुलिया के रूप में किया जा रहा है। इस मामले में अब सिंचाई विभाग मेरठ विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम के अधिकारियोें को दोषी ठहरा रहा है, जिनके द्वारा बिना मानचित्र के अवैध रूप से विकसित होने वाली कॉलोनी के दौरान सिंचाई विभाग की भूमि पर भी अवैध निर्माण नालों, माइनर और रजवाहों की पुलिया के रूप में किया जा रहा है।

नगर निगम को लिखा पत्र

सिंचाई विभाग के रजवाहे, माइनर एवं नाले पर विकसित हो रही कालोनियों पर सिंचाई विभाग की बिना अनुमति के रास्ते दिये जाने के सम्बन्ध में पत्र जारी करते हुये बताया कि सिंचाई विभाग के रजवाहे, माइनर एवं नालों के पास जो कालोनियों विकसित की जा रही है। उन पर बिना विभागीय अनुमति के विभागीय भूमि को अतिक्रमित करते हुये रास्ते/सड़क/अवैध पुल-पुलियों का निर्माण करा दिया जा रहा है। जोकि नियम विरुद्ध है तथा अतिक्रमण की श्रेणी में आता है। जिसमें रजवाहा लोअर दौराला, रजवाहा मेरठ एवं रजवाहा व सलावा प्रमुख है।

मेरठ विकास प्राधिकारण के सचिव व नगर निगम के नगरायुक्त को जारी पत्र में लिखा है कि दोनों विभाग के अधिकारी अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों को निर्देशित करें कि किसी भी दशा में सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध अतिक्रमण कब्जा न हो पाये तथा जिस स्थान पर सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा हो गया है, उसे तत्काल हटवाये। जो भी नक्शा आवासीय व्यवसायिक के लिए पास किया जाये उसका रास्ता विभागीय भूमि, पटरी को छोड़कर ही रास्ता पास किया जाएं।

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