Saturday, July 27, 2024
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महापंचायत हुई महाफ्लाप

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  • दलित समाज की महापंचायत में शामिल नहीं हुआ कोई बड़ा नेता

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कमिश्नरी पार्क पर बुधवार को दलित समाज की महापंचायत में प्रमुख रूप से साधारणपुर निवासी राजमिस्त्री इंदु शेखर की करीब ढाई माह पूर्व हुई हत्या के सही खुलासे एवं मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद एवं सपा नेता एवं पूर्व मंत्री मुकेश सिद्धार्थ को योगी के मंत्री पर विवादित बयान को लेकर जेल भेजे जाने का मुद्दा प्रमुख रूप से वक्ताओं के द्वारा उठाया गया। मृतक राजमिस्त्री के परिजन एवं अन्य लोगों का आरोप था कि पुलिस के द्वारा नामजद हत्यारोपियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है,

बल्कि मृतक के परिजनों को ही पुलिस ने हिरासत में लेकर कहीं नजरबंद किया हुआ है। इस दौरान बताया कि राजमिस्त्री की बडेÞ ही निर्मम तरीके से हाथ पैरो में कील ठोकने के साथ ही गोली मारकर हत्या की गई और शव को पेड़ पर लटका दिया गया था। इस मामले में 25 अक्टूबर को थाने पर विजयपाल सिंह, सुन्दर व विजयपाल के पुत्रों तथा अन्य साथियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी गई थी। इस मामले में पूरे जिले के एससी समाज में गहरा रोष व्याप्त हुआ और उचित कार्रवाई न होने पर जिले के सभी सामाजिक संगठनों के द्वारा प्रदर्शन कर अपनी कुछ मांगे शासन प्रशासन के सामने रखी गयी थी।

जिन्हें शासन प्रशासन के द्वारा शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन शासन प्रशासन द्वारा लगभग दो माह बीतने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके विरोध में समाज के सभी संगठनों द्वारा कमिश्नरी पर महापंचायत की गई। इस मौके पर इंस्पेक्टर थाना सिविल लाइन व सीओ से दलित समाज के लोगों ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्मदाह करने तक की चेतावनी दे डाली। इस दौरान पुलिस व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इतना ही नहीं पुलिस के साथ जमकर धक्का-मुक्की एवं नोकझोंक भी हुई।

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इस मौके पर अध्यक्ष ब्लू पैंथर डा. सुशील गौतम, भारतीय मूलवासी संगठन के जिलाध्यक्ष उपेंद्र गौतम एडवोकेट, धर्मबीर सिंह एवं युवा शक्ति दल से अरुण कुमार आदि मौजूद रहे। इस दौरान दलित समाज के लोगों ने नगर निगम की बोर्ड बैठक में दलित पार्षदों के साथ भाजपा के मंत्री एवं नेताओं द्वारा जो मारपीट व अभद्र व्यवहार किया गया। दोषियों पर कार्रवाई नहीं गई।

6 जनवरी को कलक्ट्रेट पर ज्ञापन देने के बाद सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ पर आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर जिस तरह से गिरफ्तारी कर जेल भेजा गया। उसे दलित समाज के लोगों की अवाज उठाने वाले नेताओं को सरकार द्वारा कुचल दिए जाने का आरोप लगाया गया। करीब चार घंटे तक कमिश्नरी पर हंगामा आदि करने के बाद मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी बृजेश सिंह को सौंपकर लौट गए।

योगेश नहीं तो भीड़ भी नहीं…

कमिश्नरी पर बुधवार को महापंचायत थी। महापंचायत महाफ्लाप रही। इससे साफ हो गया है कि इस महापंचायत से पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने दूरी बनाई तो भीड़ भी नहीं जुट सकी। योगेश वर्मा नहीं तो भीड़ भी नहीं। ये आज देखने को मिला। कलक्ट्रेट में प्रदर्शन में जो भीड़ योगेश वर्मा ने जुटाई, उसी को लेकर हर कोई राजनीति कर रहा था। तब योगेश वर्मा ने भीड़ जुटाकर साबित कर दिया कि उनको अभी भी जनता में रुतबा हैं

भीड़ जुटाने का। उनमें भीड़ जुटाने की कुवत हैं। क्योंकि महापंचायत का भीम आर्मी ने आह्वान किया था, जिसमें दलितों की भीड़ जुटेगी, लेकिन भीड़ नहीं जुट पाई। प्रशासन भी इस बात से घबराया हुआ था कि महापंचायत में दलितों की भीड़ जुट सकती हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। क्योंकि पूर्व विधायक योगेश वर्मा तो लखनऊ चले गए, जिसके चलते इस महापंचायत से योगेश ने दूरी बनाई तो भीड़ भी नहीं जुट सकी।

विवादित बयान पर मुकेश सिद्धार्थ पर रासुका की तैयारी

नगर निगम बोर्ड बैठक के दौरान पार्षदों के साथ एमएलसी और मंत्री द्वारा मारपीट प्रकरण नव वर्ष की पूर्व संध्या के बाद दिन पर दिन तूल पकड़ता चला गया। गत 30 दिसम्बर को नगर निगम बोर्ड बैठक के दौरान अनुसूचित जाति के पार्षद कीर्ति घोपला और आशीष चौधरी के साथ तमाम भाजपा पार्षदों और भाजपा एमएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज और राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर द्वारा मारपीट की घटना की गई थी। जिसका जबरदस्त विरोध तमाम विपक्ष और दलितों ने किया था।

पुलिस प्रशासन ने मंत्री को और एमएलसी को नामजद न करके अज्ञात 20-25 के खिलाफ देहली गेट थाने में मुकदमा पंजीकृत किया था, लेकिन तमाम दलित नेता और समूचा विपक्ष लगातार यह मांग कर रहा था कि एमएलसी और मंत्री को नामजद कर गिरफ्तारी हो। इसी को लेकर विपक्ष और दलितों ने शनिवार को कलक्ट्रेट में विपक्ष ने बड़े धरने प्रदर्शन की शुरुआत की थी। तब सपा दलित नेता मुकेश सिद्धार्थ ने कलक्ट्रेट में हुए प्रदर्शन के दौरान विवादित बयान दिया था। कि अगर भाजपा के मंत्री की 10 जनवरी तक गिरफ्तारी नहीं हुई तो उसे जिंदा जला देंंगे।

उसके घर में आग लगा देंगे। इसके बाद सपा नेता के खिलाफ तमाम भाजपाईयों ने प्रदर्शन कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। तब सिविल लाइन थानें में सपा नेता मुकेश सिद्धार्थ पर गंभीर कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि मंत्री सोमेन्द्र तोमर को आग लगाने की खबर लखनऊ हाईकमान तक पहुंची तो पुलिस ने आनन फानन में रविवार रात को ही मुकेश सिद्धार्थ को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था।

जिनमें पुलिस ने 115, 145 सहित कई धारा लगाकर सपा नेता को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। अब प्रशासन सपा दलित नेता पर शिकंजा कसने की तैयारी में जुट गया है। जल्दी ही मुकेश सिद्धार्थ पर रासुका लगाई जा सकती है। इसके लिए प्रशासन ने काफी औपचारिकता पूरी कर ली है।

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