जनवाणी संवाददाता |
खेकड़ा: नगर के गांधी प्याऊ पर श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के तत्वावधान में चल रही रामलीला मंचन में महाराजा दशरथ का निधन व श्रीराम-भरत विलाप की लीला का मंचन किया गया। मंचन को देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
नगर के गांधी प्याऊ पर श्री धार्मिक रामलीला कमेटी के तत्वाधान में चल रही रामलीला मंचन में भरत शत्रुघ्न को नींद में बुरे अपशकुन भरे सपनों के कारण दोनों की नीद खुल जाती है। तभी अयोध्या का दूत आकर कहता है कि महाराज आपको शीघ्र बुलाया है।
जैसे ही भरत शत्रुघ्न अयोध्या पहुंचते हैं तो अयोध्या में मायूसी को देखकर उनका हृदय और ज्यादा घबरा जाता है। तब उन्हें पता लगता है कि उनकी माता केकई ने राम को 14 वर्ष का वनवास और अपने पुत्र भरत के लिए अयोध्या का राज मांग लिया। यह सुनकर वह अपनी माता को बड़ा बुरा कहते हैं और माता कौशल्या से चरण पकड़ कर माफी मांगते हैं कि इसमें मेरा कोई दोष नहीं है और पिता का दाह संस्कार करने के बाद राम को वापस अयोध्या लाने के लिए वनों में चल देते हैं।
रास्ते में उनकी मुलाकात गुहराज भील से होती है गोगराज भील, उन्हे तट पर ले जाते हैं। जहां उनकी मुलाकात केवट से होती है केवट उन्हें चित्रकूट की ओर लेकर के चलते हैं उधर लक्ष्मण जंगल में अयोध्या की ध्वजा देखकर चिंतित हो जाते हैं। क्रोध में भरत को क्या-क्या कहते हैं तब राम उन्हें कहते हैं कि भरत ऐसा नहीं है तभी भरत दौड़ता आता हैं और भरत अपने भाई श्रीराम के गले लग जाते हैं।
राम को अयोध्या वापस ले जाने के लिए कहते हैं, लेकिन राम उन्हें धर्म का पाठ पढ़ाते हैं तब भरत राम की खड़ाऊ सिर पर रखकर अयोध्या को चल देते हैं। मंचन में उमाशंकर वैध, विकास जैन, जयंत शर्मा, नरेश शर्मा, अनिरुध गौड़, जतिन, गौरव, मानू वर्मा, अनुज शर्मा, दीपक शर्मा, तरुण गुप्ता, राजू पांचाल, पुनीत शर्मा, प्रवेश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।