Sunday, October 6, 2024
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सर्वार्थ सिद्धि संयोग में मनेगी महाशिवरात्रि

  • महाशिवरात्रि पर शुभ संयोग के जलाभिषेक, रुद्राभिषेक से प्रसन्न होंगे महादेव
  • मनोकामना पूर्ण होकर रोगों से मिलेगी मुक्ति

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के चैप्टर चेयरमैन आचार्य मनीष स्वामी ने बताया कि महाशिवरात्रि का महापर्व भगवान शंकर और माता पार्वती के विवाह के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार हर साल महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्वआठ मार्च को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि का पर्व ग्रहों की शुभ युति तथा शिवयोग के सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगा। उन्होंने बताया कि कई पौराणिक कथाओं में इस बात की जानकारी मिलती है कि इस दिन शिव और पार्वती का विवाह हुआ था।

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इसलिए फाल्गुन कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्दशी को शिव और शक्ति के मिलनउत्सव के रूप में लोग मनाते हैं। बताया कि महाशिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में शिव पूजन करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। सर्वार्थ सिद्धि योग धन लाभ और कार्य सिद्धि के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस शुभ योग में कोई भी नया कार्य, शुरुआत करना शुभ परिणाम देने वाली मानी जाती है। आचार्य मनीष स्वामी के अनुसार ज्योतिष विज्ञान यह कहता है कि अगर बाबा भोलेनाथ को विशेष रूप से प्रसन्न कर लिया जाए,

तो व्यक्ति पंच तत्वों तथा ग्रहों के असंतुलन के साथ साथ रोगों का भी निवारण कर सकता है। विशेषत: रुद्राभिषेक तथा महामृत्युंजय का जप करने से रोगों का जल्दी निवारण होता है। याद रखें कि रोग निवारक पूजा में कनेर के पुष्प शिवजी को अवश्य अर्पित करें। किसी भी रोग से पूर्णत: मुक्ति के लिये महाशिवरात्रि पर शिव जी को कपूर युक्त जल से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप करें। रोग निवारण के लिए महामृत्युंजय मंत्र जप करते हुए शहद से अभिषेक करने से रोग का नाश होता है।

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कुशोदक जल से अभिषेक करने से असाध्य रोग शांत होते हैं। भगवान शिव के मृत्यंजय मंत्र के 10 हजार जप करते हुए घी की धारा से शिवलिंग का अभिषेक किया जाए तो मधुमेह (डाइबिटीज) रोग दूर होता है। गाय के घी से अभिषेक करने से आरोग्य लाभ होता है। जो व्यक्ति हरी दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करता है उसे दीघार्यु प्राप्त होती है। लंबी या लाइलाज बीमारी से तंग हैं तो पंचमुखी शिवलिंग पर तीर्थ का जल अर्पित करने से रोगमुक्त होंगे। ज्वर (बुखार) से पीड़ित होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से तुरंत लाभ मिलता है।

नपुंसक व्यक्ति अगर घी से भगवान शिव का अभिषेक करे व ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान हो जाता है और उसे पुरुषत्व की प्राप्ति होती है। आचार्य मनीष स्वामी का कहना है कि किसी अच्छे ज्योतिषी से अपनी कुंडली का विश्लेषण कराकर ये पता करे लें कि आपके रोग का कारण कौन सा ग्रह है। उसके पश्चात उस ग्रह से सम्बन्धित तुला दान उस ग्रह के दिन/नक्षत्र वाले दिन करें। साथ में शिव रुद्राभिषेक करें तथा महामृत्युंजय जप का जप करें अथवा कराएं। रोग से अवश्य मुक्ति मिलेगी।

महाशिवरात्रि व्रत का लाभ

मान्यता है कि महाशिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इस दिन व्रत और पूजा करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। वहीं जिन कन्याओं के विवाह में देरी हो रही है, या किसी प्रकार की बाधा आ रही है तो महाशिवरात्रि का व्रत उनके लिए विशेष फलदायी हो सकता है। महाशिवरात्रि व्रत करने से भगवान शिव का आशीर्वाद तो मिलता ही है, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी कायम रहती है।

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से अशुभ ग्रह शांत होते हैं. महाशिवरात्रि पर विधिपूर्वक पूजा करने से कालसर्प दोष दूर होता है। चंद्रमा के अशुभ होने से व्यक्ति को मानसिक तनाव होता है और कार्य क्षमता प्रभावित होती है। जो इस दिन किए व्रत पूजन से दूर होती है। महाशिवरात्रि की पूजा अर्चना से दांपत्य जीवन से जुड़ी परेशानियां भी दूर होती हैं।

शिव पूजन के विशेष समय

प्रथम प्रहर पूजा समय शाम छह बजकर 25 मिनट से नौ बजकर 28 मिनट तक, द्वितीय प्रहर पूजा समय रात नौ बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक, तृतीय प्रहर पूजा समय रात 12 बजकर 32 मिनट से तीन बजकर 34 मिनट तक, चतुर्थ प्रहर पूजा समय सुबह तीन बजकर 35 मिनट से सुबह छह बजकर 35 मिनट तक, निशीथ काल समय रात्रि 12:05 से 12:55 तक रहेगा।

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शिवरात्रि व्रत पारण समय

रविवार सुबह छह बजकर 37 मिनट से आठ बजकर 02 मिनट तक।

औघड़नाथ मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर अधिकारियों की बैठक

बुधवार को बाबा औघड़नाथ मंदिर में मंदिर समिति और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें महाशिवरात्रि पर्व को लेकर तैयारियों पर चर्चा की गई। महामंत्री सुनील गोयल ने आठ मार्च महाशिवरात्रि पर्व की चल रही तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि बैरिकेडिंग की व्यवस्था, जल की व्यवस्था, नि:शुल्क जूता घर की व्यवस्था, पर्याप्त लोटों की व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था व जनरेटरों से बिजली की व्यवस्था एक्स्ट्रा गार्ड की सुरक्षा व्यवस्था आदि सभी की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

अध्यक्ष सतीश सिंहल ने बताया कि आठ मार्च शुक्रवार को सुबह चार बजे से जलाभिषेक शुरू किया जाएगा। जिसमें लाखों की संख्या में शिवभक्त जलाभिषेक और पूजा-अर्चना करेंगे। यह सिलसिला पूरी रात जारी रहेगा। 17 मार्च को सुबह 9:00 बजे ठाकुरजी की विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी जबकि 18 मार्च को शाम 7:00 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता सतीश सिंहल तथा संचालन महामंत्री सुनील गोयल ने किया।

सभा में सीओ सदर प्रकाश चन्द अग्रवाल, एसीएम सदर संजय सिंह, एसएचओ सदर शशांक द्विवेदी, कैंट बोर्ड से वीके त्यागी व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में ब्रज भूषण गुप्ता उपाध्यक्ष, धीरेन्द्र सिंघल उपाध्यक्ष, सुधीर गुप्ता मंत्री, अतुल अग्रवाल उपमंत्री, अमरीश अग्रवाल कोषाध्यक्ष, अमित अग्रवाल, सुमनेश अग्रवाल, कैलाश बंसल, विनीत बंसल, भारत भूषण गुप्ता, राजेन्द्र गुप्ता, मैनेजर दिनेश मित्तल उपस्थित रहे।

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