Friday, March 29, 2024
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पशुओं के लिए संतुलित आहार बनाएं

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Khetibadi


पशुओं के आहार को संतुलित राशन में मिश्रण के विभिन पदार्थों की मात्रा, मौसम और पशुभार तथा उसकी उत्पादन क्षमता के अनुसार रखी जाती है। एक राशन की परिभाषा इस प्रकार की जा सकती है कि एक भैंस 24 घंटे में जितना भोजन अंर्तग्रहण करती है, वह राशन कहलाता है। असंतुलित राशन वह होता है जो कि भैंस को 24 घंटों में जितने पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है वह आपूर्ति करने में, देने में असफल रहता है जबकि संतुलित राशन प्रत्येक भैंस को ठीक समय पर ठीक मात्रा में पोषक तत्व प्रदान करता है। दुधारू पशुओं के आहार में प्रोटीन, काबोर्हाईड्रेट, मिनरल्स तथा विटामिनों की मात्रा पशु की आवश्यकता अनुसार उचित मात्रा में रखी जाती है।

भैंसों के लिए शुष्क आहार

भैंस को जो आहार खिलाया जाता है, उसमें यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि उसे जरूरत के अनुसार शुष्क पदार्थ, पाचक प्रोटीन तथा कुल पाचक तत्व उपलब्ध हो सकें। भैंस में शुष्क पदार्थ की खपत प्रतिदिन 2.5 से 3.0 किलोग्राम प्रति 100 किलोग्राम शरीर भार के अनुसार होती है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि 400 किलोग्राम वजन की भैंस को रोजाना 10-12 किलोग्राम शुष्क पदार्थ की आवश्यकता पड़ती है। इस शुष्क पदार्थ को हम चारे और दाने में विभाजित करें तो शुष्क पदार्थ का लगभग एक तिहाई हिस्सा दाने के रूप में खिलाना चाहिए।

संतुलित पोषक चारे के आकलन की समस्या

उत्पादन व अन्य आवश्यकताओं के अनुसार जब हम पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों की मात्रा निकालते हैं तो यह गणना काफी कठिन हो जाती है। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि जो चारा पशु को खिलाया जाता है उसमें पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों की मात्रा ज्ञात करना किसान के लिए लगभग असंभव है। ऐसा इसलिए है कि पाचक प्रोटीन और कुल पाचक तत्वों की मात्रा प्रत्येक चारे के लिए अलग होती है।

यह चारे की उम्र या उसकी परिपक्वता के अनुसार बदल जाती है। अनेक बार उपलब्धता के आधार पर कई प्रकार का चारा एक साथ मिलाकर खिलाना पड़ता है। किसान चारे को कभी भी तोलकर नहीं खिलाता है। इन परिस्थितियों में सबसे आसान तरीका यह है कि किसान द्वारा खिलाए जाने वाले चारे की गणना यह मान कर की जाए कि पशु को चारा भरपेट मिलता रहे।

कैसे बनाएं दुधारू पशुओं के लिए संतुलित दाना-मिश्रण आहार

पशुओं के दाना मिश्रण में काम आने वाले पदार्थों का नाम जान लेना ही काफी नही है क्योंकि यह ज्ञान पशुओं का राशन परिकलन करने के लिए काफी नही है। एक पशुपालक को इस से प्राप्त होने वाले पाचक तत्वों जैसे कच्ची प्रोटीन, कुल पाचक तत्व और चयापचयी उर्जा का भी ज्ञान होना आवश्यक है। तभी भोज्य में पाए जाने वाले तत्वों के आधार पर संतुलित दाना मिश्रण बनाने में सहायता मिल सकेगी। नीचे लिखे गए किसी भी एक तरीके से यह दाना मिश्रण बनाया जा सकता है, परंतु यह इस पर भी निर्भर करता है कि कौन सी चीज सस्ती व आसानी से उपलब्ध है।

दाना मिश्रण के पांच विकल्प
  • मक्का/जौ/जई 40 किलो, बिनौले की खल 16 किलो, मूंगफली की खल 15 किलो, गेहूं की चोकर 25 किलो, मिनरल मिक्सर 2 किलो, साधारण नमक 1 किलो और इस प्रकार कुल 100 किलो।
  • जौ 30 किलो, सरसों की खल 25 किलो, बिनौले की खल 22 किलो, गेहूं की चोकर 20 किलो, मिनरल मिक्स 2 किलो, साधारण नमक 1 किलो, इस प्रकार कुल 100 किलो।
  • मक्का या जौ 40 किलो, मूंगफली की खल 20 किलो, दालों की चूरी 17 किलो, चावल की पालिश 20 किलो, मिनरल मिक्स 2 किलो, साधारण नमक 1 किलो यानी कुल 100 किलो।
  • गेहूं 32 किलो, सरसों की खल 10 किलो, मूंगफली की खल 10 किलो, बिनौले की खल 10 किलो, दालों की चूरी 10 किलो, चौकर 25 किलो, मिनरल मिक्स 2 किलो, नमक 1 किलो, इसप्रकार कुल 100 किलो।
  • गेहूं, जौ या बाजरा 20 किलो, बिनौले की खल 27 किलो, दाने या चने की चूरी 5 किलो, बिनौला 15 किलो, आटे की चोकर 20 किलो, मिनरल मिक्स 2 किलो, नमक 1 किलो यानी कुल मिलाकर 100 किलो चारा।
  • दिया गया कोई भी संतुलित आहार भूसे के साथ सानी करके भी खिलाया जा सकता है। इसके साथ कम से कम 4-5 किलो हरा चारा देना आवश्यक है।
दुधारू पशुओं के दाना मिश्रण आहार के लाभ
  • यह स्वादिष्ट व पौष्टिक होने के साथ ज्यादा पाचक है।
  • अकेले खल, बिनौला या चने से यह सस्ता पड़ता हैं।
  • पशु के दूध व घी में भी बढ़ोतरी करता है।
  • भैंस ब्यांत नहीं मारती और अधिक समय तक दूध देते हैं।
  • कटड़ियों को जल्द यौवन प्रदान करता है।
कितना खिलाएं दुधारू पशुओं को संतुलित दाना मिश्रण

पशुओं के शरीर की देखभाल में गायों के लिए 1.5 किलो प्रतिदिन व भैंस के लिए 2 किलो प्रतिदिन दिया जाना चाहिए लेकिन यदि पशु दुधारू हो तो गायों के लिए प्रत्येक 2.5 लीटर दूध के पीछे 1 किलो दाना और भैंस के प्रत्येक 2 लीटर दूध के पीछे 1 किलो दाना दिया जाना चाहिए। यदि गाय या भैंस गाभिन हों तो 6 महीने से ऊपर की गाभिन गाय या भैंस को 1 से 1.5 किलो दाना प्रतिदिन फालतू देना चाहिए।

वहीं बछड़े या बछड़ियों को 1 किलो से 2.5 किलो तक दाना प्रतिदिन उनकी उम्र या वजन के अनुसार देना चाहिए। खेतों में काम करने वाले भैंसों के लिए दाना मिश्रण 2 से 2.5 किलो प्रतिदिन और बिना काम करने वाले बैलों के लिए 1 किलो प्रतिदिन पर्याप्त हो सकता है। हां, यदि हरा चारा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो तो उपरोक्त कुल देय दाना मिश्रण को आधा से 1 किलो तक प्रति पशु घटाया जा सकता है।

मिलाएं सूखा, हरा चारा और दाना मिश्रण

चारे में आमतौर सबसे ज्यादा भूसे का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बहुत कम पौष्टिक तत्व होते हैं। पशु को सही पोषण मिले इसके लिए राइस ब्रैन, चोकर और चना दिया जाना जरूरी है। साथ ही हरे चारे को उसके आहार में जरूर शामिल करें जो कि सूखे चारे से ज्यादा अच्छा होता है। अच्छी नस्ल की मुर्रा भैंस या होल्सटीन फ्रीजियन गाय का वजन 450 से 500 किग्रा है। उसे अच्छी सेहत और पर्याप्त मात्रा में दूध उत्पादन के लिए हर 100 किग्रा भार पर 2.5 किग्रा सूखा चारा देने की जरूरत होती है।

करीब 12.5 किग्रा पशु के एक दिन के आहार में शामिल होना चाहिए। इसमें सूखे और हरे चारे का अनुपात 50:50 फीसदी यानि बराबर होना चाहिए। जब पशु दूध के लिए तैयार हो रहा हो तो उसके संतुलित आहार में सूखा चारा, हरा चारा और दाना मिलाकर देना जरूरी है। जिसमें सूखा चारा 6.5 किग्रा, हरा चारा करीब 30 किग्रा और दाना एक किग्रा हर रोज देना चाहिए। जब पशु दूध देने लायक हो जाए तो सूखा चारा और हरा चारा उतना ही रखें पर दाने को बढ़ा कर चार किलो और गर्भावस्था में दाना घटा कर दो किलो कर दें।

8-10 घंटे के अंतर पर चारा जरूरी

खाने में सूखा चारा, हरा चारा, और पशु आहार को शामिल करें ताकि सभी पोषक तत्व सही मात्रा में मिल सकें। फलीदार सब्जी भी लाभकारी होती है। बरसीम, रिजका, ग्वार आदि सूखे चारे में मिला कर खिलाएं। इन फलियों को बिना चारे के खिलाने से पाचन क्रिया में गड़बडी और अफारा रोग होने की संभावना होती है। पशु एक दिन में 35 से 40 लीटर पानी पीता है। इसलिए साफ पानी हमेशा उपलब्ध होना चाहिए। आहार में प्रोटीन पशुओं की बढ़त और अच्छी सेहत के लिए, कार्बोहाइड्रेट शक्ति देता है और शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। ये तन्दुरूस्ती व उचित प्रजनन के लिए जरूरी होता है। टूटे हुए गेहूं, ज्वार या बाजरे की दलिया को अच्छी तरह उबाल कर नमक, गुड़ या शीरे में मिलाकर खली, खनिज लवण के साथ देने से अच्छा उत्पादन मिल सकता है। (साभार: किसानहेल्प डॉट इन)


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