- 72 घंटों की हड़ताल का असर चंद घंटों में ही आया सामने
- कैंट क्षेत्र में परेशानी, विभाग के पास कोई समाधान नहीं
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बिजली कर्मियों की 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल सफल होती नजर आ रही है। चंद घंटों में ही बड़ी संख्या में उपभोक्ता बिजली आपूर्ति ठप होने से परेशान नजर आए। चार दिनों तक चलने वाली हड़ताल के पहले ही दिन शहर समेत देहात में बिजली व्यवस्था चरमरा गयी है। हालांकि एक दिन पहले ही एमडी ऊर्जा ने दावा किया था कि हड़ताल का असर बिजली आपूर्ति पर नहीं पड़ेगा और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति होती रहेगी, लेकिन उनके यह दावे पहले दिन ही हवा-हवाई साबित हुए।
हड़ताल का सबसे ज्यादा असर रूड़की रोड स्थित एमईएस बिजली घर से जुड़े उपभोक्ताओं पर पड़ा है। इस बिजलीघर से लालकुर्ती, तोपखाना, बीसी लाइन, कैंट क्षेत्र, बीआई लाइन इलाके शामिल है। जबकि कुल आठ फीडरों और 33केवी के दो बिजली घरों से आपूर्ती ठप्प रही।
पूरे जिले की करीब 20 हजार जनता रही प्रभावित
बिजली कर्मियों की 72 घंटे की हड़ताल से आठ फीडर सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। इनमें मुख्य रूप से देहात के 33केवी के बिजली घर जिठौली व बिजौली पूरी तरह बंद रहे। सबस्टेशन कैथवाड़ी, लालपुर, नंगलापातू, जेई, नारंगपुर, समेत शहर के भी फीडर शामिल हैं। जबकि 33केवी के दो बिजली घरों पर स्टाफ नहीं होने की वजह से बिजली आपूर्ती बाधित रही। रूड़की रोड स्थित एमईएस बिजली घर पर भी एसडीओ के कमरे में ताला लगा मिला। इस बिजली घर से बीसीलाइन, लालकुर्ती, तोपखाना के करीब दो हजार उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल सकी।
एमईएस बिजलीघर पर तैनात कार्यकारी एसएसओ सुनील कुमार ने बताया बिजलीघर की लाइन में फाल्ट आनें की वजह से बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ती बाधित होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 33केवी लाइन में फाल्ट की वजह से आपूर्ती नहीं हो पा रही है। इस लाइन को ठीक करने के लिए स्टाफ भी नहीं है ऐसे में समस्या का समाधान कैसे होगा पता नहीं।
शहर में भी कई जगह प्रभावित रही आपूर्ति
शहरी क्षेत्र में भी जनता को बिजली की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। शहर में जिन बिजलीघरों पर फाल्ट हो रहे है उन्हें बाहरी लोगों से ठीक कराया जा रहा है। इसके साथ ही जनता की पर्सनल कम्पलेन की भी सुनवाई नहीं हो पा रही है। यह हालात तो पहले दिन के है। अभी तीन दिन और सांकेतिक हड़ताल रहनी है ऐसे में हालात और बिगड़ने की संभावना है। इसके बाद भी अगर हड़ताल वापस नहीं ली जाती है तो आगे समस्या और बढ़ सकती है।