Thursday, June 12, 2025
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दीक्षांत समारोह में 36 को मेडल 519 को डिग्री

  • प्रदेश की महामहिम राज्यपाल ने प्रदान किए मेडल व डिग्रियां
  • कार्यक्रम के अतिथि आईआईटी खड़कपुर के निदशेक प्रो. वीरेन्द्र तिवारी रहे

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की महामहिम राज्यपाल ने 36 बच्चों को मेडल व 519 को डिग्री प्रदान की। समारोह में जनप्रतिनिधि के अलावा पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी जिनमें डीएम व एसएसपी, सीसीएसयू की कुलपति तथा अनेक बच्चों के अभिभावक व विवि के पूर्व शिक्षक भी मौजूद रहे। भव्य समारोह में कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10:50 बजे हुआ।

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बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते

महामहिम राज्यपाल के कार्यक्रम में शहर की पब्लिक के नुमाइंदे माननीय तब पहुंचे जब कार्यक्रम समाप्त हो गया। दीक्षांत समारोह की शोभायात्रा सरदार वल्लभ भाई पटेल के गांधी सभागार से बाहर निकल चुकी थी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल विश्वविद्यालय के अतिथि कक्ष में दाखिल होने जा रही थीं। दरअसल, लंच से पूर्व का दीक्षांत समारोह का पूरा कार्यक्रम निपट चुका था। लॉस्ट मूवमेंट पर सरधना विधायक अतुल प्रधान कार्यक्रम सभागार में पहुंचे।

जबकि सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल दीक्षांत समारोह का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पहुंचे। इनसे भी लेट महापौर हरिकांत अहलूवालिया पहुंचे। देरी से भले ही पहुंचे, लेकिन जब तक महामहिम कृषि विश्वविद्यालय के कैंपस में रहीं तब तक तमाम माननीय वहीं पर डटे रहे। उन्होंने शिष्टाचारवश महामहिम से भेंट की।

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अतुल प्रधान ने लगाया ज्ञापन न लेने का आरोप

सरदार वल्लभ भाई पटेल विश्वविद्यालय में जब दीक्षांत समारोह अंतिम चरण में था तथा समापन सत्र की ओर बढ़ रहा था, उसी दौरान कार्यक्रम कक्ष में सरधना विधायक अतुल प्रधान पहुंचे। कार्यक्रम संपन्न होने के उपरांत सरधना विधायक अतुल प्रधान महामहिम से भेंट करने अतिथि कक्ष में चले गए।

विधायक ने बताया कि वह महामहिम को पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए पुन परीक्षा कराए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन महामहिम ने उनका ज्ञापन लेने से मना कर दिया। अतुल प्रधान ने जोर देकर कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा में धांधली की गयी है। पेपर लीक हुआ है। सोशल मीडिया में इसको लेकर तमाम साक्ष्य भी मौजूद हैं।

देश और समाज के प्रति महामहिम की जिम्मेदारी की नसीहत

सरदार वल्लभ भाई पटेल मोदीपुरम मेरठ के 16वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 510 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां और 36 होनहार को मेडल बांटे। पढ़ाई के दौरान शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्रा-छात्राओं के गले में मेडल के रीबन डालते हुए महामहिम ने इन युवाओं को सबसे पहले माता-पिता व परिवार के प्रति जिम्मेदार बनने के साथ साथ मेडल पाकर देश व समाज के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी याद रखने की नसीहत दी।

उन्होंने इन युवाओं से जोर देकर कहा कि समाज, देश और दुनिया में तेजी से बदलाव हो रहा है। ऐसे चुनौतियां बड़ी हैं, लेकिन इन चुनौतियों से बजाए घबराने के उनमे अवसर तलाशना होगा। मेडल के साथ ही समाज और देश के प्रति जिम्मेदारियां भी सभी युवाओं के कंधों पर आ गयी हैं। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जिंदगी में कुछ ऐसा किया जाए जो मिसाल बन जाए,

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जैसा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया। आज यदि भारत राष्ट्र खंड है तो उसके लिए पूरा राष्ट्र सरदार पटेल का ऋणी है। उन्होंने कहा कि जो चुनौतियां भविष्य में सामने आ सकती हैं उनको ध्यान में रखकर ही काम किया जाए। 100 साल बाद देश के सामने जो चुनौतियां होंगी उनको ध्यान में रखकर कार्य योजनाएं बनानी होंगी।

अमूल की मिसाल

महामहिम राज्यपाल ने इस मौके पर अमूल कंपनी की मिसाल दी। उन्होंने कहा कि अमूल आज दुनिया में एक बड़े ब्रांड के नाम से जाना जाता है, लेकिन शायद कम लोगों को पता होगा कि अमूल नाम का जो ब्रांड आज दुनिया भर मे भारत की पहचान बना है उसकी नींव रखने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल व उनके दो अन्य भाई थे,

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जिन्होंने महज डेढ़ लीटर से इसकी शुरुआत की थी। अमूल की वजह से आज करोड़ों को रोजगार मिल रहा है। देश और दुनिया में अमूल भारत के नाम से जाना जाता है। उन्होंने युवाओं से कहा कि कुछ ऐसा ही काम उन्हें भी करना है ताकि देश और दुनिया में उनकी पहचान बन सके।

जल संरक्षण पर दिया बल

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जल संरक्षण का भी जिक्र किया। दरअसल हुआ यह कि कार्यक्रम की शुरुआत के कार्यक्रम में जल संवर्ध भी उद्घाटन का हिस्सा था। एक बडेÞ घट में उसके बराबर में रखे छोटे-छोटे पांच घड़ों का जल डाला गया। इसके चलते महामहिम ने जल संवर्धन का जिक्र किया। उन्होंने अपनी बात समझाने के लिए गुजरात के एक इलाके का जिक्र किया।

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ये बात तब की जब वहां पेय जल की भयंकर किल्लत थी। पानी के लिए परिवार की महिलाएं अंधेरे उठकर दूर तक जाती थीं, वहां से खुदाई के बाद जो जल निकलता उसको एक बर्तन में भरती थीं। उस बर्तन का पानी घर लाकर दूसरे बर्तनों में डालती थी, उस पानी को पीने योग्य बनाया जाता था। इसलिए जल संवर्धन की जरूरत बहुत है।

परिवार की बातें कर किया इमोशनल

महामहिम ने एक घरेलू महिला की भांति घर और परिवार की बातें भी कीं। दरअसल, महामहिम आनंदी बेन पटेल पूर्व के तमाम कार्यक्रम जो मेरठ में हुए हैं। उनमें अक्सर घर परिवार की बातें करती हैं। हुआ यूं कि कुछ मेडल पाने वाले कुछ बेटे बेटियां परिजनों को मंच तक उनका हाथ पकड़ कर पहुंचे थे। इनमें कुछ साथ उनके माता-पिता थे तो कुछ के साथ पति और कुछ के साथ उनकी सास आयी थीं।

मेडल प्रदान करते वक्त शायद महामहिम बहुत बारीकी से यह सब देख रही थीं। जिसका जिक्र उन्होंने भाषण में किया। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि एक बिटिया ने जब मेडल लेते वक्त उन्हें बताया कि मंच पर जो उसके साथ खड़ी हैं, उसकी सास हैं, यह सुनकर उन्हें बहुत अच्छा लगा और तब और भी ज्यादा अच्छा लग सास से पूछा कि उनकी बहू कैसी है तो सास ने कहा कि दुनिया में मेरी बहू जैसी कोई नहीं वो बहुत अच्छी है। ये मेरी बेटी है।

महामहिम ने कहा कि उन्होंने देखा कि कुछ बच्चे माता-पिता का हाथ पकड़कर उन्हें मंच लाए हैं। यह उनके लिए बेहद सुखद अनुभव रहा। बच्चों को यह याद रखना चाहिए कि जिन्होंने हमारी अंगुली पकड़ कर हमें चलना सिखाया है। जब हम बड़े हो जाए और किसी काबिल बन जाए तो उनका हाथ थाम लें जिन्होंने हमें चलना सिखाया है। यही हमारी संस्कृति और परंपरा भी है।

माता-पिता व परिवार का सम्मान करना चाहिए। परिवार के प्रति दायित्व का बोध हमेशा रहना चाहिए। परिवार ही नहीं समाज व राष्ट्र के प्रति भी जिम्मेदारी का भान रहना चाहिए। बच्चों का यह कभी नहीं भुलना चाहिए आज वो जिस मुकाम पर हैं वो अपने माता पिता की बदौलत हैं। इस दौरान उन्होंने तमाम ऐसी भी बातें अपनत्व भरी कहीं जिससे आंखें भर आयीं।

पुस्तक का किया विमोचन

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल द्वारा सात पुस्तकों का विमोचन किया। जलवायु परिवर्तन चुनौतियां एवं कुशल कृषि प्रबंधन लेखक डा. आरएस सेंगर, डा. रिशु चौधरी, प्रो. हरेंद्र सिंह भदोरिया एवं प्रो. शालिनी गुप्ता पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम की गाइडलाइन और थीसिस पब्लिकेशन को प्रो. रामजी सिंह, प्रो. अप शाही, डा. एमके भारती जैविक कृषि उत्पादन के लेखक डा. सत्य प्रकाश एवं डा. विजेंद्र सिंह स्पाइस एवं कंडीमेंट्स के लेखक विजेंद्र सिंह एवं सत्य प्रकाश प्लांटेशन क्रॉप के लेखक अरविंद, पीके सिंह, ऋषिपाल, विपिन कुमार, आरके नरेश एवं शालिनी सिंह इसके अलावा नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत डा. शालिनी चतुर्वेदी, डा. श्वेता सिंह, डा. अतुल श्रीवास्तव, डा. विवेक कुमार, डा. मोनिका सत्कार आदि किताबों का विमोचन किया गया।

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