- मेडा सचिव की रिपोर्ट आने के बाद की गई बर्खास्तगी की कार्रवाई
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हुई मेडा की महिला क्लर्क अनिता शर्मा को जांच रिपोर्ट आने के बाद प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। जुलाई 2023 में अनिता शर्मा को एंटी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था, जिसके बाद महिला क्लर्क जमानत पर आ गई थी। वर्तमान में महिला क्लर्क मेडा आॅफिस में काम कर रही थी, लेकिन इसी बीच प्राधिकरण सचिव के स्तर से जो जांच चल रही थी, वो पूरी हो गई हैं। जांच रिपोर्ट में महिला क्लर्क को पूरी तरह से दोषी माना गया, जिसके बाद ही प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने महिला क्लर्क अनिता शर्मा को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया।
दरअसल, लोहिया नगर की एक सम्पत्ति के मामले में अनिता रिश्वत मांग रही थी। इसके चलते प्लाट की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही थी। तीसरे-चौथे दिन पीड़ित मेडा आॅफिस आता, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद ही पीड़ित ने महिला क्लर्क को एंटी करप्शन टीम से पकड़वाने के लिए एक अर्जी दी। इसके बाद ही एंटी करप्शन की टीम ने महिला को रंगेहाथ 10 हजार रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था। तभी प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने इसकी जांच तत्कालीन सचिव सीपी तिवारी को सौंप दी थी। इसके बाद कार्रवाई अमल में लायी गई। इससे प्राधिकरण में हड़कंप मचा है।
मेडा के तीन इंजीनियरों पर गिरी गाज
प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने प्रवर्तन अनुभाग में तैनात तीन अवर अभियंताओं पर गाज गिरा दी। तीनों अवर अभियंताओं को प्रवर्तन से हटाकर आॅफिस में अटैच कर दिया। पहली बार ऐसा हुआ है कि मेडा उपाध्यक्ष ने उद्यान अनुभाग के दो निरीक्षकों की तैनाती प्रवर्तन अनुभाग में की हैं। अब उद्यान अनुभाग निरीक्षक भी अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने का कार्य करेंगे। प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि अवैध निर्माण के मामले में अवर अभियंता मनोज सिसौदिया, सुशील और नरेश शर्मा की उन्हें शिकायत मिल रही थी।
उनके क्षेत्रों में अवैध निर्माण हुए हैं। किसके निर्माण हुए, ये तो प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने नहीं बताया, लेकिन तीनों अवर अभियंता पर कार्रवाई की गाज गिरा दी। प्रवर्तन अनुभाग से तीनों को हटाते हुए आॅफिस में अटैच कर दिया हैं। वीसी ने बताया कि इन तीनों की जगह उद्यान अनुभाग के निरीक्षक जितेन्द्र प्रथम और जितेन्द्र द्वितीय की तैनाती कर दी गई हैं। उद्यान के साथ-साथ ये दोनों निरीक्षक शहर के अवैध निर्माण को गिराने का काम भी करेंगे। इसके अलावा अभियंत्रण अनुभाग में तैनात अवर अभियंता जावेद को भी प्रवर्तन अनुभाग में तैनाती दी गई हैं।
मेडा वीसी बोले, सेटेलाइट से रखी जाएगी अवैध निर्माण पर निगहबानी
अवैध निर्माणों को लेकर प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने सख्ती कर दी हैं। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि यूपी में मेरठ पहला ऐसा जिला है, जिसमें सेटेलाइट से अवैध निर्माण पर निगरानी की जा रही हैं। मास्टर प्लान 2031 लागू होने के बाद कहां क्या निर्माण हुआ हैं, उसका विवरण सेटेलाइट के जरिये रिपोर्ट उनके पास आ गई है। उन्होंने बताया कि इसमें जवाबदेही इंजीनियरों की भी होगी। किस अवैध कॉलोनी में प्लाटिंग चल रही हैं, वो सब सेटेलाइट के जरिये उन्हें जानकारी मिलेगी, इसकी रिपोर्ट तैयार कर उनके पास आयेगी।
एक-एक जगह पर उनकी निगाह रहेगी। इसमें इंजीनियर भी कोई घालमेल कर रहे है तो उन पर शिकंजा कसा जाएगा। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने बताया कि यूपी का मेरठ ऐसा पहला जिला है, जिसमें सेटेलाइट के जरिये अवैध निर्माण पर निगरानी की जा रही हैं। यहां पर ये प्लान सफल हुआ तो बाकी जनपदों में भी इसका उपयोग किया जा सकता हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष मानते है कि इंजीनियर स्तर से भी चूक की जा सकती हैं, लेकिन सेटेलाइट के जरिये कोई चूक संभव नहीं हैं।
1300 प्लाटों का मेडा करेगा आवंटन
मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) अपनी विभिन्न योजनाओं में बचत में आयी जमीन पर 1300 प्लाट की नीलामी करेगा। इन प्लांट में मेडा ईडब्यूएस और एलआईजी मकानों का निर्माण करेगा। इसके बाद ही मेडा इनकी नीलामी निकालेगा। ये नीलामी चुनाव आचार संहिता हटने के बाद प्रक्रिया में लाया जाएगा। इसकी तैयारी मेडा ने जमीनी स्तर पर शुरू कर दी हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि मेरठ विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में बचत की जमीन खाली पड़ी हैं। यदि उस जमीन पर कब्जा है तो हटवाया जाएगा, जिसके बाद 1300 प्लाट एलआईजी और ईडब्ल्यूएस मकान बनाकर दिये जाएंगे। इसकी कागजी तौर पर तैयारी की जा रही हैं। सैनिक विहार, श्रद्धापुरी, वेदव्यासपुरी, गंगानगर समेत कई योजनाओं में ये मकान बनाये जाएंगे। इसके बाद ही इनकी नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी।