जनवाणी ब्यूरो |
मेरठ: दिलीप कुमार के निधन से मेरठ को भी तगड़ा झटका लगा है। दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित मशहूर फोटोग्राफर ज्ञान दीक्षित के ट्रेजिडी किंग के साथ मधुर सम्बंध रहे। 1971 में आगरा में लीडर फ़िल्म की शूटिंग के दौरान पहली बार मुलाकात हुई थी।
उन्होंने बताया कि मेरठ में जनरल शाहनवाज खान के प्रचार में जीमखाना मैदान में आये थे। उनके साथ कॉमेडियन जॉनी वॉकर भी थे। विरोधी दल ने इनका विरोध करते हुए जूते चप्पल भी फेंके थे। उन्होंने बताया कि दिलीप कुमार की मेरठ में कई लोगो से दोस्ती थी। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ज्ञान दीक्षित ने कहा कि दिलीप कुमार महान अभिनेता और एक बेहतरीन इंसान थे। उनके निधन से फ़िल्म इंडस्ट्री को न भरने वाला नुकसान हुआ है।
यूसुफ खान उर्फ दिलीप कुमार अब दुनिया में नहीं रहे। दिलीप साहब का मेरठ शहर से काफी पुराना रिश्ता रहा है। मेरठ में चार बार सांसद रहे जनरल शाहनवाज खां दिलीप कुमार के अजीज दोस्त थे। बताया गया कि वे तकरीबन हर चुनाव में उनके लिए वोट देने की अपील करने मेरठ आया करते थे।
गंगा जमुना, सगीना महतो, राम श्याम, आदमी और न जाने कितनी फिल्में हैं, जिनमें उनका अभिनय अपने उरूज पर रहा। यूनाइटेड प्रोग्रेसिव थिएटर एसोसिएशन मेरठ और स्वांग शाला एक्टिंग अकादमी की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि दी गई है।
मेरठ के वेद थापर ने सौदागर फिल्म में दिलीप कुमार के साथ काम किया था। फिल्मों में उनके द्वारा निभाए गए विभिन्न किरदारों से रंगकर्मियों को बहुत कुछ सीखने को मिलता था। मुगले आजम में निभाया गया सलीम का किरदार और गंगा जमुना में गंगा का किरदार कोई नहीं भूल सकता।