- जनवरी 2022 में 45 प्रजातियों के 1521 प्रवासी पक्षी हस्तिनापुर पहुंचे थे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सर्दी की देर से शुरुआत, नमभूमि, क्षेत्र के ज्यादा सूखने, गहरे पानी वाले तालाबों के जलकुंभी से ढके होने, गंगा नदी तट अधिक सूखा होने और मानवीय गतिविधियां बढ़ने से हस्तिनापुर सेंचुरी क्षेत्र में इस साल प्रवासी जलीय पक्षियों की संख्या में 38 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।
बता दें कि 2022 में सेंचुरी क्षेत्र में 45 प्रजातियों के 1521 प्रवासी जलीय पक्षी रिकॉर्ड हुए थे, जबकि 2023 में केवल 38 प्रजातियों के 931 पक्षी ही रिकॉर्ड हुए। जलीय पक्षियों की विविधता में भी बड़ी कमी आई और स्थानीय जलीय पक्षी भी कम रिपोर्ट हुए। प्रवासी जलीय पक्षियों का संख्या में यह कमी सेंचुरी क्षेत्र में नमभूमि क्षेत्र के लिए अच्छा संदेश नहीं है।
ये पहुंचे जलीय प्रवासी
मध्य एशिया के ग्रे लेग गीज, बार हेडेड गीज, मध्यम एवं उत्तर एशिया से बत्तख का झुंड, कुल प्रवासी जलीय पक्षियों में यह तीनों ही सबसे ज्यादा प्रभावी मिले। आईयूसीएन संकटग्रस्त लाल सूची से स्थानीय प्रवासी प्रजाति ब्लेक हेडेड आइबिस, स्थानीय प्रजाति सारस, रिवर लेपविंग और भारत से प्रवासी प्रजाति पेंटेड स्ट्रोर्क भी रिपोर्ट हुईं।
ये रहे शामिल
इकोलॉलिस्ट एवं वाटरलेंड्स इंटरनेशनल दक्षिणी एशिया के एडब्ल्यूसी दिल्ली राज्य समन्वयक टीके रॉय के निर्देशन में सीसीएसयू के जूलॉजी विभाग से डॉ. डीके चौहान एवं भटिंडा के संगठन के ईईआईएडी कॉन-22 सहयोगी रहे।
प्रवासी परिंदों का हाल, वर्ष प्रजाति पक्षी आईयूसीएन
2020 433103 09
2021 451521 05
2022 451521 05
2023 38931 05