Monday, September 25, 2023
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आस्था की पटरी पर भी मोबाइल का साथ

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  • सेल्फी से लेकर वाट्सएप और फेसबुक पर चल रही भोलों की क्लिप
  • कांवड़ का बदला स्वरूप और देखने को मिल रही नई झलक

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शिव की आराधना से जुड़ा कांवड़ पर्व अब अपने पारंपरिक स्वरूप से निकलकर हाईटेक हो चला हैं, जो भोले पहले रागिनी और शिव के भजन गाकर एक-दूसरे का मनोरंजन करते हुए यात्रा पूरी करते थे। आज उन्हीं भोलों के हाथों में स्मार्ट फोन देखने को मिल रहे है। इतना ही नहीं वह पल-पल की जानकारी स्मार्ट फोन में कैद कर अपने परिवार जनों को भी भेज रहे हैं। हालांकि इस बार कांवड़ियों में सेल्फी ट्रेड देखने के साथ-साथ इंस्ट्राग्राम का क्रेज सबसे अधिक देखने को मिल रहा है।

शिविरों में की गई मोबाइल चार्ज करने की व्यवस्था

देखा जाए तो कांवड़ियां ज्यादातर उन्हीं शिविरों में रुकना पसंद कर रहे हैं, जहां मोबाइल चार्ज करने की सुविधा मिल रही है। यह तस्वीर मोदीपुरम रोड स्थित लगे एक शिविर की हैं। जहां पर कांवड़ियों ने अपना मोबाइल चार्ज करने के लिए लगाया हुआ है। दिल्ली निवासी कृष्ण कुमार ने बताया कि यात्रा लंबी है और करीब सात दिन का सफर है। घर वालों को चिंता रहती है। इसलिए दिन में कम से कम दो-तीन बार बात कर लेते हैं

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और उन्हें बताते है कि हम यहां पहुंच गए हैं और हमारा हालचाल भी ठीक है। वहीं, अंकुर ने बताया कि कई दिन से फोन चार्ज नहीं हो पाया था। इसलिए वह स्विच आॅफ हो गया। यहां चार्ज करने की सुविधा मिली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं, गाजियाबाद निवासी पूजा कहती है कि मोबाइल फोन अब जीवन का जरूरी हिस्सा बन गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान इसका मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि हम संचार साधन के रूप में करते हैं।

भोले के भजनों पर थिरक रहे कांवड़ियां

कांवड़ के दौरान जहां सड़कों पर जगह-जगह शिविरों में बोले बाबा के भजन चल रहे हैं। वहीं, कांवड़ियों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों आदि में भी डीजे आदि बजाकर भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं।

कंधे पर कांवड़ और दिलों में मन्नते

मोदीपुरम: देश के कल्याण और परिवार की सलामती के लिए इस बार शिवभक्त हरिद्वार से कांवड़ ला रहे हैं। मुंह में बोल बम के जयकारे और पांव में छाले लेकर शिवभक्त मंजिल की ओर बढ़ रहे हैं। महिला कांवड़ियां बंटू गुलावठी की रहने वाली है। वह चौथी बार हरिद्वार से कांवड़ लेकर आ रही है। बीमारी बेटी की सलामती के लिए इस बार वह कांवड़ लाई है। जिससे उसकी बेटी भोलेनाथ की कृपा से ठीक हो जाए।

नांगलोई दिल्ली के रहने वाले आशीष का कहना है कि वह 12 साल की उम्र से हरिद्वार से कांवड़ ला रहे हैं। देश का कल्याण हो। इसके लिए वह भोलेनाथ से प्रार्थना करते हैं और इस बार हरिद्वार से वह इसी मन्नत के साथ जल लेकर आए हैं। हरियाणा के रहने वाले अजित का कहना है कि उनकी भगवान शिव में अपार श्रद्धा है। वह हर बार कांवड़ लाते हैं। इसी श्रद्धा से हरिद्वार से वह कांवड़ लाते रहते हैं।

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हापुड़ की रहने वाली शीतल का कहना है कि वह पहली बार हरिद्वार से कांवड़ लेकर आई है। उनका कांवड़ लाने का एक ही मकसद है कि देश में सुख और शांति बनी रहे। इस मन्नत के साथ वह कांवड़ लाई है। नांगलाई दिल्ली की रहने वाली परमेश्वरी का कहना है कि वह लगातार 22 वर्षों से हरिद्वार से कांवड़ ला रही है। देश की खुशहाली और तरक्की के लिए इस बार कांवड़ लाई है। वह भगवान शिव में श्रद्धा रखती है। इसलिए वह इस बार कांवड़ लाई है।

मन्नतें पूरी, इसलिए लाते हैं कांवड़

गोमुख से ग्रेटर नोएडा का 130 बंधुओं का गु्रप उमेंद्र संजय प्रवेश और सुभाष आदि लोगों ने बताया कि पिछले छह वर्षों से गोमुख से ग्रेटर नोएडा के लिए सभी लोग जल लेकर पैदल आते हैं और अपने-अपने गांव में जल चढ़ाते हैं। लगभग 530 से लेकर 600 किमी की दूरी पूरी करके आते हैं। देश में शांति हो और खुशहाली हो। इसके लिए वह हर वर्ष गु्रप के साथ बनाकर कांवड़ लाते हैं।

मन्नत पूरी होने पर शिवभक्त ला रहे श्रद्धाभाव से कांवड़

हरिद्वार से वैसे तो जो भी शिवभक्त कांवड़ ला रहे हैं या तो उनकी मन्नत पूरी हो गई है या फिर किसी मन्नत को पूरा होने की आस में कांवड़ लेकर आ रहे हैं। इसमें बुधवार को कुछ कांवड़ियों से उनके मन की मुराद को लेकर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वह मन्नत पूरी होने पर कांवड़ ला रहे हैं। कुछ ने बताने से इंकार कर दिया कि वह कांवड़ किस उद्देश्य से ला रहे हैं, लेकिन इन सबमें कुछ कांवड़ियों ने अपने मन की मुराद को जनवाणी संवाददाता से साझा किया।

जिसमें उन्होंने बताया कि वह मन्नत पूरी होने पर भोलेनाथ की भक्ति भाव से कांवड़ ला रहे हैं। जिसमें मोदीनगर निवासी आकाश भोला 51 किलो की कांवड़ लेकर आ रहा था। उसने कहा कि वह दो बार पहले भी कांवड़ लेकर आ चुका है। इस बार कांवड़ सिलाने गया था, लेकिन इसी बीच उसके मन में फिर से भोले की भक्ति बिना किसी मन्नत के जागृत हुई तो वह इस बार 51 किलो की कांवड़ ला रहा है।

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नंदग्राम गाजियाबाद निवासी अजय ने बताया कि वह बहन रजनी एवं बहनोई आकाश के साथ कांवड़ ला रहा है। उनकी बहन रजनी को कोई संतान नहीं थी, जिसमें भोलेनाथ ने एक कन्या उनकी बहन के परिवार में दे दी, जिसमें अब वह भांजी चार वर्षीय दीपिका एवं पूरे परिवार के साथ कांवड़ लेकर आ रहा है। सिकन्दराबाद निवासी सचिन भोले ने बताया कि उसकी शादी नहीं हो रही थी।

भोले से शादी के लिए मन्नत मांगी थी, जोकि तीन वर्ष पूर्व पूरी हो गई। वह शादी के बाद दूसरी कांवड़ पत्नी कंचन के साथ ला रहा है। जिसमें सचिन ने बताया कि उसकी बहन भारती भी उनके साथ कांवड़ यात्रा में चल रही है। इसी तरह से न जाने कितने भोले दिल की मुराद पूरी होने पर कांवड़ लेकर आ रहे हैं।

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