- कैसे सुधरेगी शहर की व्यवस्था ?, सड़कों पर ही होती है वाहनों की पार्किंग से बढ़ती है परेशानी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में पार्किंग की बड़ी समस्या हैं। सड़कों पर वाहनों को पार्क कर दिया जाता है, जिसके चलते जाम की समस्या बनी रहती है। मल्टीलेवल पार्किंग का का प्लान मेरठ विकास प्राधिकरण(एमडीए)ने तैयार किया था।
चालीस करोड़ रुपये इसके लिए आवंटित भी कर दिये गए थे, लेकिन इसके बावजूद शहर में मल्टीलेवल पार्किंग नहीं बन पाई। इसके बाद मल्टीलेवल पार्किंग की प्लानिंग एक तरह से धड़ाम हो गई। उस फाइल को एमडीए के अधिकारियों ने भी ठंडे बस्ते में डाल दिया।
दरअसल, एमडीए जनहित के कार्यों के लिए भी बड़ी धनराशि खर्च करता हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से एमडीए जनहित की दिशा में कोई बड़ा काम शहर में नहीं कर पा रहा है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जब शहर में मल्टीलेवल पार्किंग की प्लानिंग हुई, धनराशि भी आवंटित कर दी गई तो फिर इस दिशा में काम क्यों नहीं हुआ? पहले टाउन हाल के अगले हिस्से में मल्टीलेवल पार्किंग का प्लान तैयार हुआ था।
क्योंकि, घंटाघर क्षेत्र में पार्किंग की बड़ी समस्या है। वर्तमान में भी टाउन हाल में ही पार्किंग व्यवस्था नगर निगम ने संचालित कर रखी हैं, लेकिन मल्टीलेवल पार्किंग को लेकर विरोध पैदा हो गया, जिसके चलते मल्टीलेवल पार्किंग यहां नहीं बन सकी। इसके अलावा घंटाघर क्षेत्र में दूसरा स्थल एमडीए व नगर निगम नहीं तलाश पाया, जिसके चलते मल्टीलेवल पार्किंग ठंडे बस्ते में चली गई।
यह भी स्मरण करा दे कि जीआईजी के ग्राउंड में भूमिगत मल्टीलेवल पार्किंग की प्लानिंग बनी थी, जिसके लिए पत्र व्यवहार भी किये गए। तब कहा गया था कि भूमिगत पार्किंग बना दी जाएगी तथा ऊपर जीआईसी को मैदान ही बनाकर दे दिया जाएगा, जैसा कि वर्तमान में है। इस पर भी बाद में कोई निर्णय नहीं हुआ। इसके बाद एमडीए के अगले हिस्से में मल्टीलेवल पार्किंग की प्लानिंग तैयार की गई।
इसको आगे भी बढ़ाया गया, लेकिन यहां भी पार्किंग नहीं बनी। इस तरह से यह मल्टीलेवल पार्किंग की प्लानिंग धड़ाम हो गई। मल्टीलेवल के लिए जो धनराशि आवंटित की गई थी, वह धनराशि कहां गई? उसे दूसरे मदों में खर्च कर दिया गया। फिलहाल एमडीए की अर्थ डावाडोल हैं।
जिसके चलते मल्टीलेवल पार्किंग की दिशा में शायद ही एमडीए कदम बढ़ा पाए, लेकिन शहर को मल्टीलेवल पार्किंग की आवश्यकता है, जिसे सरकार के स्तर से ग्रांट मिल पाएगी या फिर जनता इस तहर से सड़कों पर वाहनों की पार्किंग करती रहेगी तथा जाम की समस्या इसी तरह से बनी रहेगी। दरअसल, बेगमपुल से लेकर हापुड़ बस स्टैंड तक भीड़ रहती है।
जनता यहां खरीद-फरोख्त करने के लिए आती हैं, लेकिन इस बीच में कहीं भी वाहनों को पार्क करने के लिए कोई जगह नहीं है। वाहन सड़कों के किनारे ही खड़े रहते हैं। इस तरह से घंटाघर, खैरनगर व रेलवे रोड के हालात है। वहां भी पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। लोग सड़कों के किनारे पर ही वाहनों को खड़ा करते हैं। इस समस्या से निजात तभी मिल सकती है, जब मल्टीलेवल पार्किंग बने।