नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज शनिवार को मशहूर असमिया संगीतकार लक्ष्यीरा दास का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। यह जानकारी उनके परिवार ने दी है। उनके निधन से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।
कई गीतों को दी अपनी आवाज
बता दें कि, लक्ष्यीरा दास तत्कालीन कॉटन कॉलेज की रिटायर्ड प्रोफेसर थीं। वह साल 1948 में कॉलेज में ही गीतकार, संगीतकार और गायिका के रूप में ऑल इंडिया रेडियो से स्वीकृति प्राप्त करने वाली पहली महिला कलाकार थीं। उन्होंने 2,000 से ज्यादा गीतों की रचना की है और हाल ही में कई प्रमुख गायकों के लिए गीत लिखे हैं। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में कई गीतों को अपनी आवाज भी दी है।
इतनी पुस्तकों का किया है लेखन
संगीतकार लक्ष्यीरा दास ने कविता, बच्चों की कहानियां, लघु कथाएं, अनुवाद और शिक्षा सहित 50 से अधिक पुस्तकें भी लिखी हैं। उन्हें राज्य सरकार और अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों द्वारा कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। वह ‘साहित्य अकादमी’, ‘ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’, ‘पोएट्री सोसाइटी ऑफ इंडिया’ और ‘असम साहित्य सभा’ की सदस्य भी थीं।
असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जताया शोक
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनके निधन पर शोक जताते हुए उनके अमूल्य योगदान को भी याद किया। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अथक काम किया और उनके काम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।”
यूनियन पोर्ट मिनिस्टर सर्बानंद सोनोवाल ने एक बयान में कहा, “मुझे सम्मानित कलाकार, शिक्षाविद और प्रतिष्ठित लेखिका डॉ. लक्ष्यीरा दास बाइडू (बड़ी बहन) के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ है, जिनकी दिल को छू लेने वाली आवाज ने अनगिनत श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिनमें मैं भी शामिल हूं। असम के सांस्कृतिक और शैक्षिक क्षेत्रों में बाइडू के अमूल्य योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। दुःख की इस घड़ी में, मैं उनके शोक संतप्त परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं तथा उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।” 94 वर्षीय लक्ष्यीरा दास के परिवार में उनके तीन बेटे हैं।