Thursday, December 12, 2024
- Advertisement -

स्टांप घोटाले की जांच में खुले कई बिल्डरों के नाम

  • आनलाइन का झांसा देकर खपाए गए फर्जी स्टांप
  • एसआईटी के नोडल एसपी क्राइम कर रहे 100 करोड़ के स्टांप घोटाले की जांच
  • टीम ने उपनिबंधक कार्यालयों में खंगालीं पुराने बैनामों की फाइलें

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर में 100 करोड़ के स्टांप घोटाले में शहर के कई बड़े बिल्डरों के नाम सामने आ रहे हैं, जिन्होंने विशाल वर्मा के साथ मिलकर रजिस्ट्री आफिस में आनलाइन स्टांप पेपर का झांसा देकर करोड़ों रुपये के फर्जी स्टांप खपाए। एसआईटी टीम ने सारे बैनामे अपने कब्जे में ले लिए हैं। एसआईटी के नोडल अधिकारी अवनीश कुमार का कहना है कि घोटालों में कई बिल्डरों के नाम सामने आ रहे हैं। सभी से पूछताछ करने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। फर्जी स्टांप पेपर लगाकर बैनामा कराने वाले किसी को बक्शा नहीं जाएगा।

स्टांप घोटाले की गूंज शासन तक पहुंच चुकी है। शासन के निर्देश पर ही मेरठ में 950 लोगों पर फर्जी स्टांप लगाकर बैनामे करने के आरोप में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। 450 लोगों ने अपने चोरी की रकम के रुपये ब्याज समेत जमा भी कर दिए है। एसएसपी डा. विपिन ताडा के निर्देश पर एसआईटी टीम स्टांप घोटाले की जांच कर रही है। एसआईटी टीम ने गुरुवार को उपनिबंधक कार्यालय में जाकर पुराने बैनामों का रिकार्ड खंगाला। इसके साथ कई बैनामों को अपने कब्जे में लिया। जिसमें यह पाया गया कि कई बिल्डरों ने बैनामों में पहले आनलाइन लिए हुए 10 प्रतिशत स्टांप पेपर लगाए। बाकी के स्टांप पेपर मैन्युअल खरीद कर लगाए गए है। वह स्टांप पेपर नकली मिले हैं।

इस तरीके से हुआ फर्जीवाड़ा

एसआईटी टीम का कहना है कि जांच में सामने आया है कि एक बैनामा वेद एसोसिएट्स की ओर से अक्टूबर-2022 में कराया गया। संपत्ति का बाजार मूल्य 22 लाख रुपये पाया गया। इस पर स्टांप शुल्क एक लाख 54 हजार रुपये का बना था। ई-स्टांप से 39 हजार रुपये का दिया गया। वहीं, मेरठ ट्रेजरी के नाम से जारी एक लाख 15 हजार का फर्जी स्टांप पेपर से भुगतान किया। एक बैनामा पर्व एसोसिएट्स के नाम किया गया। संपत्ति का बाजार मूल्य 23 लाख 45 हजार पाया गया।

इस तरह बैनामे में एक लाख 64 हजार रुपये का स्टांप भुगतान किया गया। जिसमें 14 हजार रुपये का ई-स्टांप दिया गया। एक बैनामा वासु एसोसिएट्स की ओर से जमीन का किया गया। सात लाख 80 हजार रुपये मूल्य की संपत्ति के बाजार मूल्य के आधार पर उक्त संपत्ति के बैनामे में 54 हजार 600 रुपये का स्टांप का भुगतान किया गया। चार हजार 600 रुपये का ई-स्टांप दिया गया तो 50 हजार का स्टांप मेरठ ट्रेजरी से जारी स्टांप पेपर दिया गया। सभी मामले की जांच शुरू कर दी है।

सिविल लाइन थाने में दर्ज है बिल्डरों के खिलाफ मुकदमे

इससे पहले एआईजी स्टांप ने भी बिल्डरों के खिलाफ मुकदमे कराए हैं। जिससे बिल्डरों की विशाल वर्मा के साथ मिलीभगत सामने आ रही है। एसआईटी टीम ने सिविल लाइन थाने में दर्ज मुकदमों की जांच अपने स्तर से शुरू करा दी है।

व्यापारियों की हुई मीटिंग

मेरठ व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष जीतू सिंह नागपाल के नेतृत्व में पदाधिकारी की बैठक आबूलेन स्थित एक रेस्टोरेंट में हुई। जिसमें जीतू सिंह नागपाल ने कहा कि मेरठ जिले में इतना बड़ा स्टांप घोटाला हो गया है। जिससे उत्तर प्रदेश को करोड़ों रुपयों का राजस्व का नुकसान हुआ। अभी तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार को मेरठ व्यापार मंडल के पदाधिकारी एडीजी से मुलाकात करेंगे।

नासिक भेजने की तैयारी स्टांप पेपरों को

स्टांप अधिकारियों का कहना है कि जिनके बैनामों में फर्जी स्टांप पेपर लगे हुए हैं। वह उन्हें स्टांप पेपर कार्यालय में भेज दें, ताकि उनकी जांच हो सके। उनके आफिस का कर्मचारी स्वयं स्टांप पेपर लेकर नासिक स्थित फोरेंसिक जांच लैब में लेकर जाएगा। जल्दी से जल्दी जांच कर कर वापस लेकर आएगा।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Malaika Arora: मलाइका अरोड़ा संग राहुल विजय के रिश्ते की सामने आई सच्चाई, खारिज कर दिया दावा

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here