- कार्यकाल में 10 करोड़ के राजस्व के नुकसान का लगाया गंभीर आरोप
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी के खिलाफ बोर्ड के सदस्यों ने मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया है। नोटिस पर बोर्ड के छह सदस्यों के हस्ताक्षर हैं जो उपाध्यक्ष की कुर्सी हिलाने के लिए पर्याप्त हैं। हालांकि अभी यह तय नहीं कि अगला उपाध्यक्ष कौन बने, लेकिन बीना वाधवा को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। उनके प्रति रूझान भी है।
चर्चा अनिल जैन की भी है। नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर कैंट बोर्ड अध्यक्ष व सीईओ को चार दिन में निर्णय लेना है। माना जा रहा है कि सोमवार को कैंट बोर्ड में सत्ता परिवर्तन पर मोहर लग जाएगी। अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर वार्ड-एक की रिनी जैन, वार्ड-दो की बुशरा कमला, वार्ड-तीन की बीना वाधवा, वार्ड-चार के नीरज राठौर, वार्ड-पांच के अनिल जैन व वार्ड-छह की मंजू गोयल ने हस्ताक्षर किया है।
हालांकि वार्ड सात के सदस्य धर्मेंद्र तोमर ने बुरे वक्त में उपाध्यक्ष का साथ नहीं छोड़ा। इसके पीछे उन पर उपाध्यक्ष के अहसान बताए जाते हैं। वहीं अविश्वास प्रस्ताव में जनहित का ध्यान रखते हुए उपाध्यक्ष को हटाने का आग्रह कैंट बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह और सीईओ नवेन्द्र नाथ से किया गया है।
राजस्व की हानि सरीखे गंभीर आरोप
अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों ने उपाध्यक्ष विपिन सोढी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यकाल के दौरान कैंट बोर्ड के खजाने को करीब 10 करोड़ रुपये के राजस्व हानि की बात कही गई है। उनके निर्णय को कैंट प्रशासन के लिए घातक करार दिया गया है।
करीबियों को पहुंचाया फायदा
उपाध्यक्ष पर अवैध निर्माण व संपत्तियों के मुटेशन के मामलों में करीबियों को लाभ पहुंचाने सरीखे के आरोप हैं। बोर्ड सदस्यों का आरोप है कि उनके मुटेशन के कार्य नहीं कराए गए। बल्कि जो काम उनके करीबियों द्वारा दूसरे सदस्यों के वार्ड से आते थे वो कार्य कराए गए। सबसे ज्यादा गंभीर आरोप मुटेशन को लेकर ही लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इसके चलते सीईओ ने मुटेशन की 100 से ज्यादा फाइलें अपने यहां मंगा ली हैं।
रिज्मशन के बजाय अवैध निर्माण
छावनी के बंगला 105 जिसको सेना के लिए रिज्यूम किया जाना है उसकी बिक्री व उसमें इन दिनों चल रहे अवैध निर्माणों को लेकर भी सदस्यों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। बंगला रिज्यूम किए जाने के लिए पूर्व में तत्कालीन एडम कमांडर रोहित पंत ने सीईओ व डीईओ कार्यालय को एक पत्र भेजा था। इतना ही नहीं सेना के दो बडेÞ अधिकारियों ने रिज्यूम किए जाने वाले बंगले को लेकर रिपोर्ट भी दाखिल कर दी थी।
बोर्ड के खिलाफ पैरवी
सबसे ज्यादा गंभीर आरोप कैंट बोर्ड के खिलाफ चल रहे मामलों की पैरवी का बताया जाता है। सुनने में आया है कि पिछले दिनों उन्होंने एक ऐसे ही मामले में बकालत नामा अपने रिश्तेदार का लगवा कर वेबिनार के जरिये कैंट बोर्ड के खिलाफ ही पैरवी कर डाली थी। उक्त मामला भी कैंट प्रशासन के सभी उच्च पदस्थ अधिकारियों व बोर्ड के सदस्यों के संज्ञान में भी बताया जाता है।