- केंद्रों पर परीक्षार्थियों की संख्या रखनी होगी कम
- परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेसिंग का रखना होगा ध्यान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि यूपी बोर्ड की ओर से शासन के निर्देशानुसार वर्ष 2021 दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारियां शुुरु कर दी गई है। मगर कोविड-19 का असर इन बोर्ड परीक्षाओं पर भी पड़ता नजर आ रहा है।
शासन की ओर से केंद्र निर्धारण नीति जारी करने के साथ ही कोविड के नियमों का पालन करते हुए केंद्र निर्धारण करने की बात कही हैं, जिसके बाद अब हर जिले में केंद्रों की संख्या को दोगुना करने पर विचार किया जा रहा है। क्योंकि परीक्षा में एक परीक्षार्थी को 36 वर्ग फीट जगह में बैठाने के लिए कहा गया है।
मेरठ जिले की बात करे तो इस वर्ष जिले में 84,347 छात्र-छात्राएं रेगुलर की परीक्षा देंगे और प्राइवेट में करीब दो हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे। केंद्र निर्धारण के लिए स्कूलों से सूचनाएं जुटा ली गई है। अब 26 दिसंबर तक जिला समिति भोतिक सत्यापन की रिर्पोट यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करेगी।
11 जनवरी तक सूचना और रिर्पोट के आधार पर केंद्रों का आॅनलाइन चयन कर जिला समिति की निरीक्षण रिर्पोट अपलोड की जाएगी। 16 जनवरी तक परीक्ष केंद्र को लेकर आपत्तियां व शिकायत ली जाएगी। 9 फरवरी को केंद्रों की अंतिम सूची डीआईओएस द्वारा जारी कर दी जाएगी।
वहीं सूत्रों की माने तो केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर इस वर्ष उन राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों को भी केंद्र बनाया जा सकता है जहां प्रबंधक या फिर प्रधानाचार्यो के आवास एवं छात्रावास है। हालांकि यह छूट निजी विद्यालयों पर लागू नहीं होगी। कोरोना संक्रमण के चलते उपजे हालातों की वजह से इसबार बोर्ड परीक्षा मार्च-अप्रैल में होने की संभावना है।
कई बार ऐसे विद्यालयों को भी केंद्र बना दिया जाता हैं,जो पतली गलियों में संचालित होते है। इसके लिए साफ कहा गया है कि जिन विद्यालयों के शिक्षण कक्ष की खिड़कियां सार्वजनिक सड़क या किसी पतली गली में खुलती है उसे केंद्र न बनाया जाए।
जिला विद्यालय निरीक्षक गिरजेश कुमार का कहना है कि परिषद द्वारा जारी नियम और निर्देशों के अनुसार केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। गत वर्षो की भाति इस वर्ष भी नकलविहीन परीक्षा कराए जाने को लेकर केंद्रों पर बेहतर इंतजाम किए जाएंगे।