- कई मुस्लिम बेऔलाद परिवारों को ऐसे ही बच्चों की तलाश
- दारुल उलूूम देवबंद तक में सम्पर्क कर चुके हैं ऐसे परिवार
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ‘यहां हर शख्स हर पल, हादसा होने से डरता है। खिलौना है जो मिट्टी का फना होने से डरता है। मेरे दिल के किसी कोने में इक मासूम सा बच्चा, बड़ो की देख के दुनिया बड़ा होने से डरता है’। यह पंक्तियां आज उन फिलिस्तीनी बच्चों पर सटीक बैठती हैं जो इस्राइल और हमास के बीच जंग का शिकार हो रहे हैं। इस जंग के दौरान बड़ी संख्या में कहीं बच्चे यतीम हो रहे हैं तो कहीं बच्चे मौत के आगोश में समां रहे हैं।
दिल दहला देने वाला मंजर गजाह (गाजा) की जमीन पर तारी है। मासूम बच्चों की चीखों से आहत भले ही पूरी दुनिया में जंग रोकने के लिए आवाजें सर बुलन्द हो रही हों लकिन ‘अना’ के इस दौर में जंग अभी भी बदस्तूर जारी है। ‘सौंपेगे अपने बाद विरासत में क्या तुझे, बच्चे का यह सवाल है गूंगे समाज से’। गजाह की सरजमीन पर अब न तो विरासतें ही बचीं हैं और न ही विरासतों को तकसीम करने वाले, लेकिन इन सब के बीच गजाह में यतीम हो रहे बच्चों की भारत की माटी ने ही सुध ली है।
यहां यतीम हो रहे बच्चों की मासूमियत पर भारतवासी फिदा हैं। वो इन बच्चों को गोद लेने के लिए लालायित हैं। इसके लिए बाकायदा आॅन लाइन डिमांड तक आ रही हैं। हालांकि ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है कि कोई भारतवासी फिलिस्तीनी यतीम हुए बच्चों को गोद ले सकें लेकिन कोशिश करने वाले फिर भी कोशिशें कर रहे हैं। ऐसे कई बेऔलादों से लेकर बाऔलाद फैमिली इन फिलिस्तीनी बच्चों को हासिल करने के लिए दारुल उलूम देवबंद तक कोशिशें कर रहे हैं।
‘फकत माल ओ जर ए दीवार अच्छा नहीं लगता, जहां बच्चे नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता’। अपने सूने घरों में किलकारियां सुनने को तरस रहे ऐसे कई बे औलाद परिवारों की चाह है कि वो फिलिस्तीन के यतीम हो चुके बच्चों को गोद लें, लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था न होने के कारण इन परिवारों की हसरतें परवान नहीं चढ़ पा रही हैं। इन यतीम बच्चों को गोद लेने की अफवाह पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी।
बताया यहां तक जाता है कि दारुल उलूम में इस संबंध में फोन भी घनघनाए। हालांकि इस पर दारुल उलूम को सफाई तक देनी पड़ी और उन्होंने लोगों से अपील की कि यह सिर्फ एक अफवाह है और इस पर जरा भी ध्यान न दिया जाए। यहां मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से स्पष्ट किया कि दारुल उलूम में फिलिस्तीन का कोई भी यतीम बच्चा नहीं लाया गया।
संदिग्ध परिस्थितियों में युवक का शव पंखे से लटका मिला
कंकरखेड़ा: एक युवक का शव संदिग्ध परिस्थितियों में कमरे के पंखे से लटका हुआ मिला। टीकाराम कॉलोनी निवासी सतीश के मकान में मोदीनगर थाना क्षेत्र के बेगमाबाद गांव निवासी लोकेश पुत्र बालेश्वर पत्नी, मां और भाई के साथ किराए पर रहता था। लोकेश मजदूरी करने का काम करता था। बुधवार को घर के सभी सदस्य बाहर गए हुए थे। युवक के परिजन शाम को घर लौटे तो देखा कि कमरा अंदर से बंद है।
जिसके बाद परिजनों ने कई आवाज लगाई, लेकिन अंदर से जवाब नहीं मिला। पीड़ित परिजनों ने खिड़की से झांककर देखा तो युवक का शव पंखे से लटका हुआ था। युवक के शव को पंखे से लटका देख परिजनों के होश उड़ गए। परिजनों का शोर सुनकर मकान मालिक व आसपास के लोग मौके पर दौड़े। सूचना पर डायल 112 व थाना पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस ने दरवाजा तोड़कर युवक के शव को नीचे उतारा। युवक के शव को देखकर परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कार्यवाहक थाना प्रभारी श्योपाल सिंह का कहना है की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।