Friday, April 19, 2024
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दक्षिण ओडिशा के तटीय इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र शनिवार को चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ में तब्दील हो गया। भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी देते हुए उत्तरी आंध्र प्रदेश और उससे लगे दक्षिण ओडिशा के तटीय इलाकों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। क्योंकि बंगाल की खाड़ी के ऊपर गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवात ‘गुलाब’ में तेज हो गया था।

आईएमडी कोलकाता के निदेशक जीके दास ने कहा कि ‘दक्षिण बंगाल में 28-29 सितंबर को विशेष रूप से भारी वर्षा और हवा के मामले में मौसम की गतिविधि में वृद्धि होने की संभावना है।

28 सितंबर को कोलकाता, उत्तर 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, हावड़ा, हुगली में भारी वर्षा की संभावना है।

आईएमडी के तूफान चेतावनी प्रभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान के पश्चिम की ओर बढ़ने और रविवार शाम को उत्तरी आंध्र प्रदेश के कलिंगपत्तन और दक्षिणी ओडिशा के गोपालपुर तट के बीच से गुजरने की संभावना है।

आईएमडी ने कहा, ‘उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम मध्यबंगाल की खाड़ी पर बना कम दबाव का क्षेत्र पिछले छह घंटों में सात किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ा है और यह ताकतवर होकर चक्रवाती तूफान ‘गुलाब’ में तब्दील हो गया है।’’

उत्तरी आंध्र प्रदेश और उससे सटे दक्षिण ओडिशा के लिए तूफान की चेतावनी जारी की गई है। आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

गौरतलब है कि बहुत खराब मौसम होने की चेतावनी ऑरेंज अलर्ट के रूप में दी जाती है और इस दौरान सड़क और रेल यातायात बंद होने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका होती है।

95 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी हवाएं

भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने बताया कि दास ने कहा कि चक्रवर्ती तूफान के तहत आंध्रप्रदेश और ओड़िशा के लिए चेतावनी जारी की गई है।

अनुमान है कि चक्रवात गुलाब दक्षिण ओड़िशा और उत्तर आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके कलिंगापटनम के पास 26 सितंबर की शाम को लैंडफॉल करेगा।

आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय मोहपात्र ने बताया कि चक्रवाती तूफान के प्रभाव से 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवा चलने का अनुमान है।

दिल्ली में हुई एनसीएमसी की समीक्षा बैठक

इस बीच, केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने शनिवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की समीक्षा बैठक बुलाई।

बैठक के दौरान कैबिनेट सचिव ने स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और राज्य सरकारों की तैयारियों का जायजा लिया।

उन्होंने संबंधित एजेंसियों को चक्रवाती तूफान के आने से पहले निवारक और एहतियाती उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

गौबा ने कहा कि बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना था कि किसी की जान न जाए और संपत्ति और बुनियादी ढांचे को नुकसान कम से कम हो।

चक्रवात से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 18 टीमें तैयार

बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए, भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्र ने एनसीएमसी को बताया कि  चक्रवाती हवा 75-85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है, जिसकी रफ्तार 95 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है। रविवार शाम तक दोनों राज्यों के तटीय जिलों में बारिश होने की संभावना है।

आईएमडी के शीर्ष अधिकारी के अनुसार, चक्रवाती तूफान आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जिलों और ओडिशा के गंजम और गजपति को प्रभावित कर सकता है।

गौबा ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 18 टीमों को दोनों राज्यों के तटीय क्षेत्रों में तैनात किया गया है  उन्होंने यह भी बताया कि आपात स्थिति में अतिरिक्त टीमों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

केंद्रीय कैबिनेट सचिव ने कहा कि जहाजों और विमानों के साथ सेना और नौसेना के बचाव और राहत दल भी तैनात किए गए हैं।

ओडिशा के सात जिले हाई अर्लट पर

ओडिशा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सात जिलों- गजपति, गंजम, रायगढ़ा, कोरापुट, मल्काजगिरि, नबरंगपुर और कंधमाल- को हाई अलर्ट पर रखा गया है क्योंकि भारत के मौसम विभाग (आईएमडी) ने बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान बनने का पूर्वानुमान लगाया है।

आईएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक तूफान दक्षिणी ओडिशा और पड़ोसी आंध्र प्रदेश के तट की ओर बढ़ सकता है।

मछुआरों को 25 से 27 सितंबर समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी

अगले तीन दिनों के दौरान समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में मछुआरों को 25 से 27 सितंबर तक बंगाल की खाड़ी के पूर्वी-मध्य और उत्तरपूर्वी क्षेत्र में समुद्र में जाने से मना किया गया है।

सरकार की ओर से शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों में निचले इलाकों से लगभग 86,000 परिवारों को राहत शिविरों में स्थानांतरित करने की को योजना बनाई गई है।

श्रीकाकुलम में एनडीआरएफ के दो दलों को तैनात किया गया है जहां चक्रवात का अधिक प्रभाव हो सकता है। इसके अलावा विशाखापत्तनम में एक दल को तैनात किया गया है।

विशाखापत्तनम में एसडीआरएफ के एक दल को भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रखा गया है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इन जिलों के मछुआरों से 27 सितंबर तक समुद्र में नहीं जाने को कहा है।

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