जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: पाकिस्तान के पेशावर में जर्जर जुमा मस्जिद को गिराने का विरोध शुरू हो गया है। जिला प्रशासन की योजना का शहर के मेयर व कई तहसीलों के प्रमुख विरोध कर रहे हैं। उन्होंने मस्जिद संरक्षण समिति के समर्थन का एलान किया है। जिला प्रशासन मस्जिद की जमीन पर बाजार या व्यावसायिक इमारत बनाना चाहता है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार मस्जिद गिराए जाने की योजना को लेकर विवाद पैदा हो गया है। पेशावर के मेयर हाजी जुबैर अली ने कहा है कि जिला प्रशासन को जुमा मस्जिद विवाद में शामिल नहीं होना चाहिए। वह जनता और प्रशासन के बीच इसे लेकर टकराव के पक्ष में नहीं हैं।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब पेशवर जिला प्रशासन ने जुमात मस्जिद को उसकी जर्जर हालत के कारण गिराने की योजना बनाई है। हाजी जुबैर अली के हवाले से डॉन ने कहा कि जिला प्रशासन को जुमात मस्जिद मामले में किसी भी तरह के दखल से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसे गिराने से बचाने के लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे। पेशावर मेट्रोपोलिटन सरकार की जमीन किसी अन्य काम में इस्तेमाल नहीं करने देंगे।
उधर, जेयूआई-एफ के नेता अमानुल्लाह हक्कानी ने कहा है कि मस्जिद गिराकर जमीन का इस्तेमाल बाजार बनाने या वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए नहीं करने दिया जाएगा। हक्कानी ने जोर देकर कहा कि जिला प्रशासन ने पहले घोषणा की थी कि मस्जिद की जगह पर प्लॉजा नहीं बनाया जाएगा, लेकिन बाद में कहा कि जमीन का इस्तेमाल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। हक्कानी ने जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मस्जिद को गिराया जाता है तो जिला प्रशासन अंजाम का जिम्मेदार होगा।