- दावे थे 24 महीने में चलाने के, 36 महीनें में भी नहीं हुआ काम पूरा
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: पल्हैड़ा चौराहे पर बन रहा फ्लाईओवर इस समय मुसीबत का जंजाल बन गया। इस फ्लाईओवर को पूरा करने में इसका निर्माण कर रही कं पनी ने तमाम वायदे किए, लेकिन इन वायदे सिर्फ हवा-हवाई साबित हुए। धरातल पर अगर देखा जाए तो इस फ्लाईओवर की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है।
24 महीनों में इस फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य पूरा करके देना था, लेकिन 36 महीने भी गुजरने के बाद इसका निर्माण कार्य पूरा नही हो सका। इसके निर्माण कार्यो में जहां एक दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
वही यह फ्लाईओवर एनएच-58 के सफर में जाम का मुख्य केंद्र बन गया है। इस फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर ना तो कंपनी गंभीर दिखाई दे रही है और ना ही एनएचएआई गंभीर दिख रहा है। रसूखदार होने के कारण इस कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नही हुई है।
एनएचएआई के पीड़ी भी इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कतराते हुए नजर आ रहे है। अगर एनएचएआई के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो उससे साफ जाहिर होता है कि 24 महीनों में इस फ्लाई ओवर का कार्य पूरा करके देना था, लेकिन 36 महीनों से इस पर काम चल रहा है।
अभी तक यह पूरा नही हुआ। 16 मार्च को कुंभ का स्नान है। स्नान करने के लिए हरिद्वार में लाखों की तादाद में लोग शामिल होंगे। ऐसे में इस पुल का निर्माण पूरा होता नही दिखाई दे रहा है। जिसके चलते यह पुल अब जी का जंजाल बनता जा रहा है।
व्यापारियों को किया घर से बेघर
इस पुल के निर्माण में जहां पल्हैड़ा चौराहे के रौनक समाप्त हो गई। वही आसपास के व्यापारियों को कारोबार भी इस पुल के निर्माण के चलते बंद हो गया। जिसके चलते व्यापारी भी घर से बेघर हो गए। जाम लगना तो यहां आम बात हो गई है। व्यापारी सचिन पल्हैड़ा का कहना है कि इस पुल के कारण जहां व्यापार चौपट हो गया।
वहीं, व्यापारी वर्ग घर से बेघर हो गए है। क्षेत्रीय नागरिक पंडित शौकिंद्र भारद्वाज का कहना है कि तमाम शिकायतों के बाद भी अभी तक इस पुल के निर्माण को लेकर एनएचएआई अधिकारी गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं।
नियम के मुताबिक कंपनी नहीं कर रही निर्माण कार्य
कृष्णा कंस्ट्रक्शन द्वारा इस पुल का निर्माण किया जा रहा है। पुल के निर्माण को लेकर कोई मानक निर्धारित नही किए गए है। पुलिस निर्माण में घोर लापरवाही बरती जा रही है। एनएचएआई भी इसके नियमों के अनुरूप काम नही करा पा रहा है। पुल के निर्माण को लेकर धूल न उड़े। इसके लिए बेरिकेडिंग होती है। रात में कोई हादसा न हो। इसके लिए स्ट्रीट लाइटें जलाने का प्रावधान है। आसपास जाम न लगे।
इसके लिए सुरक्षा कर्मचारियों को तैनात किया जाता है, लेकिन इन निमयों में से कोई सा भी नियम इसके निर्माण में लागू नही किया जा रहा है। फ्लाईओवर में मिट्टी डाली जाती है, लेकिन इसमें मलबा डाला जा रहा है। जिसके चलते यह फ्लाईओवर कभी भी गिर सकता है। एनएचएआई के अधिकारी गंभीरता नही दिखा रहे है।
पल्हैड़ा चौराहे के फ्लाई ओवर निर्माण को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए है। 13 मार्च तक फ्लाईओवर चालू करा दिया जाएगा। अगर निर्माण में कोई लापरवाही बरती जा रही है तो उसकी जांच कराकर कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। -डीके चतुर्वेदी परियोजना निदेशक एनएचएआई