- अल्प शिक्षितों द्वारा सैंपलिंग और जांच से रिपोर्ट में गलती की संभावना, लैब्स में भी अनियमितता हावी
जनवाणी संवाददाता |
किठौर: घोर अनियमितताओं और गलत रिपोर्ट प्रेषित करने के मामले में स्माईल अल्टासाउंड सेंटर पर हुई कार्रवाई के बाद किठौर, शाहजहांपुर में कुकरमुत्तों की तरह फैले पैथालॉजी लैब्स की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं। इलाके के लोगों का कहना है कि किठौर के स्टैंडर्ड, स्माईल अल्टासाउंड सेंटर पर यदि भारी अनियमितताएं पकड़ में आई हैं तो दोनों कस्बों में फैले पैथालॉजी लैब्स के धंधे में भी गड़बड़ी की संभावनाओं से इंकार नही किया जा सकता। विभाग को इनका भी निरीक्षण करना चाहिए।
क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा के मामले में किठौर को बेहतर माना जाता है। वजह यहां सरकारी 50 शैया संयुक्त चिकित्सालय के अलावा सुभारती संस्था द्वारा संचालित लोकप्रिय अस्पताल, साहरा नर्सिंगहोम और आधा दर्जन से अधिक डिग्रीशुदा प्राइवेट डाक्टर्स जर्राह निजी क्लीनिक्स पर इलाज देते हैं, लेकिन हाईलेवल डायग्नोस्टिक सेंटर की कमी यहां आजतक खल रही है। रोगियों की डायग्नोज की बात करें तो दो दशक में किठौर ब्लैक एंड व्हाइट एक्स-रे से अल्टासाउंड सेंटर तक का सफर तय कर पाया है।
हालांकि पैथालॉजी लैब्स की किठौर शाहजहांपुर में भरमार है। जहां तक डायग्नोस्टिक गुणवत्ता का सवाल है सोमवार को यहां के स्टैंडर्ड, स्माईल अल्टासाउंड सेंटर पर हुई छापेमारी स्पष्ट हो गया। कस्बे के इमरान नाम के व्यक्ति को गर्भवती बताते हुए गलत रिपोर्ट प्रेषित कर दी। जो सेंटर पर कार्रवाई का आधार बनी। हद तो तब हो गई जब जांच को पहुंचे पीसीपीएनडीटी के नोडल अधिकारी डा. प्रवीन गौतम और तहसीलदार मवाना आकांक्षा जोशी की संयुक्त छापेमारी में सेंटर पर भ्रूण जांच फार्म, रेफरल स्लिप, जांच व आधार कार्ड, मासिक रिपोर्ट कार्ड, मरीजों का ब्यौरा रजिस्टर कुछ भी नही मिला।
मशीन में भी मरीजों का डेटा गायब था। अप्रशिक्षित स्टाफ बिना एपरन पहने अल्टासाउंड करने में लगे थे। तहसीलदार द्वारा सेंटर पर कार्यरत युवती से पूछने पर पता चला कि बीकॉम की छात्रा अल्टासाउंड कर रही थी।
सेंटर संचालक को विभाग का नोटिस
मंगलवार शाम टीम ने डीएम दीपक मीणा को पूरे मामले की रिपोर्ट कर दी। सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को सेंटर संचालक मेरठ निवासी डा. एके सिंह और नीलम को विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेज दिया है। स्पष्टीकरण न मिलने पर आरोपियों के विरुद्ध अग्रिम कार्रवाई होगी।
पैथोलोजी लैब्स की विश्वसनीयता पर प्रश्न
अल्टासाउंड सेंटर पर कार्रवाई के बाद पैथालॉजी लैब्स की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि अल्टासाउंड रिपोर्ट में इमरान को गर्भवती बताना ऐसी चूक थी सामान्य व्यक्ति के भी पकड़ में आ गई। यदि यही जांच गुर्दे, फेफड़े हड्डी की हुई होती तो रिपोर्ट के आधार पर इलाज गलत हो जाता जिसके दुष्परिणाम होते। किठौर शाहजहांपुर में कुकुरमुत्तों की तरह पैथालॉजी लैब्स हैं। जिनमें अल्प शिक्षित युवा देहात के झोलाछाप डाक्टर्स के परामर्श पर धड़ल्ले से खून, मूत्र, बलगम की जांच कर रहे हैं। ऐसे में इनसे रिपोर्ट में गलती और लैब्स में अनियमितता की संभावना से इंकार नही किया जा सकता।