Tuesday, March 19, 2024
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नजूल की भूमि पर सम्राट स्वीट्स-पीजी ज्वैलर्स की बिल्डिंग

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जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर के गढ़ रोड पर 2200 वर्ग मीटर नजूल की भूमि को कब्जा कर तीन मंजिली इमारत बना दी गई। इस जमीन की कीमत करोड़ों में हैं। देखिये, करोड़ों की सरकारी जमीन पर कब्जा हो गया, लेकिन प्रशासन को भनक तक नहीं लगी।

जमीन कब्जाने वाले शहर के धन्नासेठ है, जिनको प्रशासन ने नोटिस भेजा है, लेकिन पूरा मामला हाईप्रोफाइल लोगों से जुड़ा हैं, जिसके चलते ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सरकारी सम्पत्ति पर कब्जे के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं।

कमिश्नर के स्तर पर एक कमेटी भी बना रखी है, जो सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामलों में कार्रवाई भी कर रही हैं, लेकिन प्रशासन 2200 वर्ग मीटर जमीन को कब्जा मुक्त क्यों नहीं करा पा रहा हैं? यह बड़ा सवाल है।

गढ़ रोड पर सम्राट स्वीट्स, पीसी ज्वैलर्स, मोहन एसोसिएट्स की पूर्व पार्षद वीरेंद्र शर्मा व सतीश शर्मा ने शिकायत की थी कि इनकी बिल्डिंग का अगला हिस्सा नजूल की भूमि का है। इसका खसरा नंबर 5846 हैं, जो सरकारी दस्तावेजों में नजूल के रूप में दर्ज हैं।

इसकी जांच प्रशासनिक स्तर से कराई गयी थी, जिसमें लेखपाल व कानूनगो ने मौके पर पैमाइश भी और रिपोर्ट भी सौंपी। रिपोर्ट में यह भी स्वीकारा कि 2200 वर्ग मीटर जमीन नजूल की है, जिस पर पीसी ज्वैलर्स, सम्राट स्वीट्स, मोहन एसोसिएट्स का कब्जा है।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सम्राट स्वीट्स पर 84.60 वर्ग मीटर जमीन कब्जे में हैं, जबकि पीसी ज्वैलर्स ने 106 मीटर जमीन पर कब्जा जमा रखा है। मोहन एसोसियेट्स का 377 वर्ग मीटर पर कब्जा है। यही नहीं, एमपीडी फर्नीचर ने 28 वर्ग मीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है।

इस तरह से इन सभी धन्नासेठों ने नजूल (सरकारी) करोड़ों की जमीन के मालिक बने बैठे हैं। तहसील अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी जमीनों पर कब्जे के मामलों को लेकर सख्त हैं।

कमिश्नर स्तर पर गठित कमेटियां भी इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं। जब नीचले स्तर से यह स्पष्ट रिपोर्ट आला अफसरों को भेज दी गई कि 2200 वर्ग मीटर जमीन पर अवैध कब्जा हैं, फिर इसे हटाने में देरी किस बात के लिए की जा रही हैं? बिल्डिंग को तोड़ने के लिए नोटिस जारी क्यों नहीं किये जा रहे हैं?

एमडीए ने माना सम्राट स्वीट्स अवैध

विकास प्राधिकरण (एमडीए) के जोनल अधिकारी विपिन मोरल ने बताया कि सम्राट स्वीट्स की बिल्डिंग अवैध हैं। इसका कोई मानचित्र एमडीए से स्वीकृत नहीं हैं। इसके ध्वस्तीकरण के आदेश एमडीए ने पारित कर रखे हैं, लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई अभी नहीं हुई है।

कहा जा रहा है कि सम्राट स्वीट्स के मालिक ने कमिश्नर के यहां पर अपील की है, जिसमें कहा है कि उसकी बिल्डिंग की कपाउंडिंग कर दी जाए, ताकि इसके लिए सरकारी शुल्क वो एमडीए में जमा करा सके। बड़ा सवाल यह है कि सम्राट स्वीट्स की जो जमीन है, उसका मानचित्र तो स्वीकृत किया जा सकता हैं, लेकिन नजूल की भूमि पर मानचित्र कैसे स्वीकृत हो जाएगा?

नजूल की भूमि पर बिल्डिंग बनी हुई है। उसके आगे का हिस्सा अवैध हैं, जिसको गिराने में एमडीए देरी क्यों कर रहा हैं? यह किसी के भी समझ में नहीं आ रहा है।

पीसी ज्वैलर्स के मानचित्र भी सवालों में

पीसी ज्वैलर्स नामचीन ब्रांड हैं। इसकी बिल्डिंग का अगला हिस्सा जो करीब 106 मीटर हैं, वह नजूल में बना है। बड़ा सवाल यह है कि एमडीए इंजीनियर कर रहे हैं कि पीसी ज्वैलर्स की बिल्डिंग का मानचित्र स्वीकृत हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि नजूल की भूमि में इसका मानचित्र कैसे स्वीकृत हो गया? नगर निगम, तहसील व प्रशासन से इसकी एनओसी मांगी जाती हैं।

इससे यह भी साफ हो गया है कि इसकी एनओसी तो फर्जी नहीं हैं। इसकी भी एमडीए के अधिकारियों को जांच करा लेनी चाहिए। यदि एनओसी ओरिजनल हैं तो फिर एनओसी जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए तथा पीसी ज्वैलर्स का मानचित्र रद्द किया जाना चाहिए।

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