- पोषण माह का जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ, कहा- कुपोषण को मिटाना हम सभी का कर्तव्य
- अधिकारियों के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी ली शपथ
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: बच्चों को कुपोषण की जद में आने से बचाए रखने और उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से पोषण माह की शुरुआत सोमवार को हुई।
अभियान का शुभारंभ जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने किया। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा और समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कुपोषण को जड़ से खत्म करने की शपथ ली। इस दौरान आंगनबाड़ी सुपरवाइजर ने कुपोषण को मात देने के लिए गीत गाया ।
जिलाधिकारी ने कहा कि कुपोषण को मिटाना हम सभी का कर्तव्य है, लेकिन कोरोना वायरस को मात देना भी इस समय हम सब की प्राथमिकता में है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सचेत करते हुए कहा कि कोरोना से अपना बचाव करते हुए घर-घर पुष्टाहार का वितरण किया जाए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया इस वर्ष पोषण माह 2020 दो मुख्य उद्देश्यों पर आधारित है। पहला अति कुपोषित बच्चों का चिन्हीकरण और उनकी मॉनिटरिंग, दूसरा किचन गार्डन को बढ़ावा देना।
उन्होंने बताया पोषण माह के अंतर्गत गर्भवती के आहार में हरी साग-सब्जियां और फल शामिल करने को प्रोत्साहित करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों, शासकीय परिसरों में पोषण वाटिकाएं विकसित करने पर जोर देना है।
साथ ही गमलों में पौधे लगाने अधवा टेरेस गार्डन को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान घर-घर जाकर माता-पिता को कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार के लिए परामर्श देंगी और उन्हें दैनिक जीवन में बदलाव लाने के बारे में बताएंगी कि किस तरीके से बच्चों की देखभाल करनी चाहिए और पुष्टाहार देना है।
उन्होंने बताया मुख्यमंत्री ने वीडियों कॉंफ्रेंसिंग के जरिए कुछ दिशा निर्देश दिये हैं, जिसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह संवाद के दौरान अभिभावकों से बच्चों की उम्र, पैदा होने के समय वजन, वर्तमान में वजन, स्वास्थ्य और प्रदान किए जा रहे पुष्टाहार, टीकाकरण आदि के संबध में भी जानकारी प्राप्त करनी है।
साथ ही यह भी निर्देश दिया है कि पोषण के स्तर को बेहतर बनाने के लिए कुपोषित परिवारों, जिनके पास गाय रखने का स्थान उपलब्ध है और गो पालन के इच्छुक हों, उन्हें निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों से गाय उपलब्ध कराई जाएंगी। गाय के भरण पोषण के लिए प्रति गाय प्रतिमाह 900 रुपये भी प्रदान किए जाएंगे।