Saturday, December 14, 2024
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दलालों पर मेहरबान नौचंदी पुलिस

  • एआरटीओ की तहरीर को पुलिस ने नहीं किया दर्ज

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नौचंदी पुलिस आरटीओ के दलालों पर खास मेहरबान हैं। आखिर इस मेहरबानी की वजह क्या हैं? तीन दिन पहले एआरटीओ यूतिका सिंह ने एक तहरीर नौचंदी पुलिस को दी थी, जिसमें तीन दलालों को आरटीओ आॅफिस के गोपनीय कक्ष में फाइलों को उथल-पुथल करते हुए पकड़ लिया था। प्राइवेट व्यक्तियों को आरटीओ की गोपनीय फाइलों से छेड़छाड़ की आखिर किसने अनुमति दी? इसी को लेकर एआरटीओ ने मामले को गंभीरता से लिया तथा तीनों दलालों के खिलाफ एक तहरीर नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज करने के लिए दी गई थी।

तहरीर को पुलिस ने लेकर रख लिया, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया। आखिर ऐसा क्या हुआ कि तीन दिन बाद भी पुलिस एआरटीओ की तहरीर पर मुकदमा दलालों के खिलाफ दर्ज नहीं कर रही हैं। इससे तो यही साबित हो रहा है कि नौचंदी पुलिस दलालों पर खास मेहरबान हैं। गिरफ्तारी करना तो दूर अभी तक मुकदमा तक नहीं लिखा गया। इसी वजह से दलाल बेलगाम हैं। इनसे आरटीओ आॅफिस के तमाम अधिकारी परेशान या फिर सेटिंग का खेल चल रहा हैं। योगी आदित्यनाथ ने जब पहली बार मुख्यमंत्री की शपथ ली तो आरटीओ आॅफिस दलालों से खाली हो गए थे।

क्योंकि मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रत्येक विभागों में जीरो टोलरेंस पर कार्य किया जाए। कुछ समय तक दलालों ने दूरी बनाई, लेकिन फिर से दलाल आरटीओ आॅफिस में सक्रिय हो गए। दलालों की सक्रियता पर अंकुश नहीं लगा। अब देखिये कि तीन दिन पहले एआरटीओ यूतिका सिंह ने तीन दलालों के खिलाफ तहरीर दी थी, जिसको अभी तक दर्ज नहीं किया गया। पुलिस आखिर इसमें जांच के नाम पर पूरे मामले को लटका रही हैं।

ये पहला मामला ऐसा है, जिसमें मुकदमा दर्ज करने से पहले जांच चल रही हैं। जांच पूरी होने के बाद मुकदमा दर्ज करने की बात कही जा रही हैं। जब तीन दलालों को एआरटीओ ने आरटीओ के गोपनीय कक्ष में फाइलों के साथ पकड़ लिया, इसकी तहरीर भी दे दी। इसके बाद जांच का क्या औचित्य हैं? ..या तो एआरटीओ पर पुलिस भरोसा नहीं कर रही हैं कि एआरटीओ ने गलत तहरीर दी हैं

या फिर दलालों को बचाने की कवायद में पुलिस जुटी हुई हैं। इसमें पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई दलालों के खिलाफ की होती तो अब तक ज्यादातर दलालों की दुकानों के शटर बंद हो गए होते। इस बात को आरटीओ और एआरटीओ भी मानते हैं कि जब एफआईआर होगी तो गिरफ्Þतारी भी होगी। दलालों पर शिकंजा कसा जाएगा।

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आरटीओ पर ट्रांसपोर्टरों ने दिया धरना

मुंशी के खिलाफ थाने में तहरीर देने के मामला तूल पकड़ गया हैं। सोमवार को आॅफिस खुलते ही ट्रांसपोर्टर आरटीओ आॅफिस पहुंचे तथा धरना देकर बैठ गए। ये धरना करीब दो घंटे चला, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को आरटीओ हिमेश तिवारी ने अपने आॅफिस में बुलाया और बात की। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष गौरव शर्मा के नेतृत्व में ट्रांसपोर्ट व्यवसाइयों पर उत्पीड़न के खिलाफ आरटीओ आॅफिस पर पहुंचा था।

दिये गए ज्ञापन में कहा कि ट्रांसपोटर्स को संभागीय परिवहन विभाग में अपना कार्य कराने में अनेको समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन हमेशा से दलालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता आया है। ट्रांसपोर्टर जब भी अपना कार्य कराने आरटीओ कार्यालय पर आते हैं, अनेको बार बाबू या तो खिड़की पर नहीं मिलते हैं, मिलते हैं तो सर्वर डाउन की कमी बता कर ट्रांसपोर्ट व्यवसायी को आरटीओ आॅफिस के चक्कर लगवाते है। थक हार कर व्यवसायी संभागीय परिवहन कार्यालय के बाहर बैठे दलाल/एजेंट के पास कार्य कराने पर मजबूर हो जाता है।

ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन आरटीओ कार्यालय में सहायता केंद्र के नाम से एक डेस्क की मांग की। काफी समय से ये मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक व्यवस्था लागू नहीं हो पाई है। इस मौके पर अध्यक्ष गौरव शर्मा, महामंत्री दीपक गांधी, कोषाध्यक्ष रोहित कपूर, व्यापारी नेता विपुल सिंघल, पंकज अनेजा, सतीश कुमार, प्रवीण कुमार, अनीश चौधरी, अंबर गोयल, जीत सिंह, सरदार खेत सिंह, सुभाष कुमार, हरीश कुमार कक्कड़, नितिन बिश्नोई, अंकुर प्रजापति, नीरज आहूजा आदि उपस्थित रहे।

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