- तीन कैच और घटिया क्षेत्ररक्षण से पनपी बड़ी साझेदारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: यूपी और उड़ीसा के बीच चल रहे रणजी ट्राफी मैच के पहले दिन यूपी के खिलाड़ियों ने शुरुआती बढ़त को जल्द ही गंवा दिया जिस कारण उड़ीसा शुरुआती झटकों से उबर कर अच्छे स्कोर की ओर बढ़ रही है। दरअसल, यूपी के खिलाड़ियों ने अहम मौकों पर न केवल कैच टपकाये बल्कि खराब क्षेत्ररक्षण के कारण बेवजह दर्जनों रन उड़ीसा के खाते में जुड़ गए।
भामाशाह पार्क में चल रहे मैच में यूपी ने शुरुआती पांच ओवरों में उड़ीसा के चार विकेट गिराकर उड़ीसा को गहरे संकट में डाल दिया था। इसके बाद उड़ीसा के बल्लेबाज संभल कर खेलने लगे। शांतनु मिश्र और राजेश धूपर ने खराब गेंदों का इंतजार कर रन बनाने शुरु कर दिये। ऐसे मौके पर यूपी के गेंदबाजों को उसी अंदाज में गेंदबाजी करनी चाहिये थी और मजबूत क्षेत्ररक्षण करना था।
लंच के बाद उड़ीसा के हिस्से में आए छह चौके अच्छे शाट्स के कारण नहीं बल्कि घटिया फिल्डिंग के कारण आए। लांग आफ और मिड विकेट पर खड़े खिलाड़ी के हाथ से छटक कर गेंद बाउंड्री की ओर निकल गई थी। इस तरह की फिल्डिंग का फायदा उठा कर शांतनु मिश्र और राजेश धूपर ने स्कोर को न केवल आगे बढ़ाया बल्कि यूपी को सोचने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा हवाई क्षेत्ररक्षण भी स्तरीय नहीं दिखा।
प्रियम गर्ग ने दो कैच अच्छे जरुर लिये लेकिन रिंकू सिंह के हाथ से भी कैच टपके। उड़ीसा को एक ओवर में जो झटका दो विकेट गिरने से लगा उसका फायदा उठाने में यूपी पूरी तरह से चूक गया। चाय काल के बाद यूपी के गेंदबाज पूरी तरह से बेअसर दिखाई दिये। यही कारण रहा कि आखिरी सत्र में अभिषेक राउत के 43 रन इस बात के गवाह है कि उड़ीसा के खिलाड़ी बेपरवाह होकर खेल रहे हैं।
ये रहे मौजूद
प्रोफेसर युद्धवीर सिंह बीसीसीआई निदेशक, आलोक गुप्ता कानपुर क्रिकेट एसोसिएशन सचिव, अंशुल मित्तल बुलंदशहर क्रिकेट एसोसिएशन सचिव, एमडीसीए पदाधिकारी सुभाष चंद्र शर्मा, विकास जैन, प्रोफेसर योगेश कुमार, अमित जैन, सुरेन्द्र चौहान, रवीन्द्र चौहान, राकेश गोयल, पलक गर्ग, संजय रस्तोगी आदि मौजूद रहे।
इन्होंने कहा
चार विकेट गिरने के बाद तनाव में था, लेकिन मन में यही बात थी कि पारी को आगे बढ़ाकर टीम को मजबूत स्थिति में लाना है। पिच ने शुरू में सीमर्स को मदद की और नमी का फायदा भी यूपी को मिला। शतक बनाकर खुश हूं, लेकिन दूसरे दिन के खेल के पहले घंटे पर फोकस रहेगा। अगर सबकुछ सही रहा और एक साझेदारी और बन गई तो साढ़े तीन सौ से अधिक रन बन सकते हैं। यह मेरा 29 मैचों में चौथा शतक है। -शांतनु मिश्र-उड़ीसा ओपनर
शुरु मेें पिच से मदद मिली और सही एरिया पर गेंद डालने की कोशिश की और सफल रहा। दो विकेट लेने से हौसला बढ़ा है। शुरुआती स्पैल में विकेट मिलने से आत्मविश्वास बढ़ता है। दूसरे दिन के पहले घंटे की बोलिंग मैच का रुख तय करेगी। -कुणाल यादव-यूपी मध्यम गति के तेज गेंदबाज
ड्रीम ओवर की उम्मीद नहीं थी, लेकिन पहले ओवर में जिस तरह से दो विकेट मिले उसने और मेहनत करने को प्रेरित किया। पिच सीमर और स्पिनर दोनों को समान मदद कर रही है। बस सही लैंथ पर गेंद डाली जाए। कुछ अच्छे बाउंसर भी आए। कल सुबह और मेहनत करेंगे। -कार्तिकेय जायसवाल
बहुत अधिक दबाव था, क्योंकि जब क्रीज पर आया उस वक्त चार विकेट गिर चुके थे। बोर्ड पर रन भी काफी कम थे। संभल कर खेलने का मन बनाया। खुशी है कि अर्द्धशतक बना। हमारी टीम अभी और अच्छा करेगी। -राजेश धूपर-उड़ीसा बल्लेबाज
क्रिकेटर प्रवीण कुमार बेटे संग आया
टीम इंडिया में अपनी स्विंग गेंदबाजी के दम पर तहलका मचाने वाले प्रवीण कुमार अपने बेटे के साथ मैच देखने आये। जब तक प्रवीण बैठे रहे उनका बेटा सफेद गेंद से नेट पर अकेले खेलता रहा। एमडीसीए के पदाधिकारियों से बात करने के बाद वापस चले गए।
कमिश्नर बोली- मेरठ स्पोर्ट्स हब
मैच से पहले उद्घाटन करने आई कमिश्नर सेल्वा जे कुमारी ने कहा कि मेरठ स्पोर्ट्स का हब बन गया है और पता चला है कि विभिन्न खेलों के नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी यहां से निकले हैं। रणजी ट्राफी के मैच खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने का मौका देते हैं।
आईजी बोले-अनुशासन से सफलता
खिलाड़ियों से परिचय से पहले आईजी प्रवीण कुमार ने कहा कि क्रिकेट की कोचिंग ले रहे बच्चों को अनुशासन में रहना सीखना होगा तभी जीवन मेें चाहे वो खेल हो या कैरियर सफलता तभी मिलेगी। उन्होंने रणजी मैच के लिये दोनों टीमों को बधाई दी।