Monday, July 8, 2024
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गुरु नानक नाम की गूंज के साथ मनाया प्रकाश पर्व

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  • गुरुद्वारों में प्रभात फेरियां, नगर कीर्तन, मुख्य विशेष सांझा समारोह
  • लंगर, दीपमाला आदि का किया गया आयोजन
  • अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने आयोजन में भाग लेकर सिख संगत को दी बधाई

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जाहर पीर जगत गुरु बाबा कलियुग के अवतार, सिख धर्म के संस्थापक गुरुश्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व जनपद में अति उत्साह एवं श्रद्धापूर्वक मनाया गया। प्रभात-फेरियां, नगर कीर्तन, मुख्य विशेष सांझा समारोह, लंगर, दीपमाला, रंग-बिरंगी सजावट से वातावरण गुरु नानकमय हो गया। मुख्य विशेष सांझा समारोह केन्द्रीय सिख संस्था गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा थापर नगर में आयोजित हुआ, जो प्रात: से रात्रि तक चला।

जिससे सर्वप्रथम श्रीगुरु ग्रंथ साहिब के श्री अखंड पाठ की संपूर्णता हुई। तत्पश्चात हजूरी रागी भाई प्रीतम सिंह, खालसा कन्या इंटर कालेज की बालिकाओं, स्त्री सत्संग जत्थे, स्वर्ण मंदिर अमृत के दो हजूरी कीर्तनी जत्थे भाई हरपाल सिंह तथा भाई हरबिन्द्र सिंह ने शबदों का गायन किया। प्रकाश पर्व के मुख्य विशेष सांझा समारोह में एडीजी राजीव सभरवाल, वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक, नगर पुलिस अधीक्षक, डा. रोहित सुभारती और विभिन्न राजनेताओं ने प्रतिभाग करते हुए श्रद्धापुष्प भेंट किए।

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अतिथियों ने सिख संगतों को प्रकाश पर्व की बधाई दी। जिन्हें सभा अध्यक्ष सरदार रणजीत सिंह नन्दा ने सरोपे भेंट किए। उपाध्यक्ष सरदार रणजीत सिंह जस्सल ने सत श्री अकाल के जयकारों के साथ स्वागत किया। इस अवसर पर सरदार गुरविन्द्रजीत सिंह सेठी, महासचिव सरदार हरप्रीत सिंह, सचिव सरदार जसबीर सिंह खालसा भी उपस्थित रहे। मुख्य ग्रंथी ज्ञानी चरनप्रीत सिंह ने प्रवचन में कुछ कि गुरु नानक देव जी ने पाप की कमाई से भोज देने वाले धनाढ्य के घर भोजन नहीं किया और मेहनती श्रमिक भाई की सूखी रोटी उसके घर जाकर खाई

और दोनों की रोटियां हाथों में पकड़ एक हाथ से खून और दूसरे से दूध निकाल कर मेहनत का उपदेश दिया। सभा उपाध्यक्ष सरदार रणजीत सिंह जस्सल ने श्रद्धापुष्प भेंट कर कहा कि गुरु नानक देव जी सर्व सांझे गुरु साहिब हैं। गुरु जी ने अपने साथ जीवन भर भाई मरदाना (मुस्लिम) भाई बाला (हिंदू) को साथ रखा। और चारों दिशाओं की यात्रा कर सत्य का उपदेश दिया। सभा अध्यक्ष सरदार रणजीत सिंह नंदा ने हिन्दू धर्म के रक्षक श्रीगुरु तेग बहादुर जी शहीदी दिवस पर अवकाश सार्वजनिक करने की मांग की। जिसका सरदार सुरिन्द्र सिंह भाटिया ने समर्थन किया।

महासचिव सरदार हरप्रीत सिंह ने गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों के शहीदी दिवस को स्कूलों में मनाते की मांग की। जिसका सचिव सरदार जसबीर सिंह खालसा ने समर्थन किया। वहीं गुरद्वारा श्री कलगीधर लालकुर्ती में अलौकिक प्रभात फेरी निकली। गुरुद्वारा श्रीगुरु तेग बहादुर नई सड़क में तथा गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार प्रहलाद नगर में नगर कीर्तन निकाला गया। गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार कोटला में प्रभातफेरी निकाली गयी। गुरुद्वारा सति संग सदर में श्री अखंड पाठ एवं शबद-कीर्तन हुआ।

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तथा सभी गुरुद्वारों में सजावट एवं दीपमाला हुई। प्रचार सचिव सरदार अमनदीप सिंह, कोषाध्यक्ष सरदार गुरमुख सिंह, सचिव सरदार जसबीर सिंह खालसा, सरदार सुरिन्द्र सिंह भाटिया, सचिव सरदार हरभजन सिंह, सरदार जसमीत सिंह चड्डा, सरदार डा. गुरमिन्द्र सिंह, सरदार सोहन सिंह, सरदार जसबीर सिंह, जोगिन्द्र सिंह सिद्धू, सरदार जसपाल सिंह चावला, सरदार अमरजीत सिंह बीबी रविन्द्र कौर, एडवोकेट, बीबी इन्द्र कौर सेठी, सरदार अजीत सिंह, बीबी गुरप्रीत कौर आदि ने सेवा सहयोग किया। सरदार रणजीत सिंह नंदा ने सभी का आभार प्रकट किया।

वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह

हस्तिनापुर: सोमवार को खादर क्षेत्र के गांव राठौरा खुर्द में गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर विशाल नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। जिसमें जगह-जगह ग्रामीणों ने नगर कीर्तिन में फूल बरसाकर भव्य स्वागत किया। नगर कीर्तन का उद्घाटन समाजसेवी विपिन छाबड़ा व त्रिलोक सिंह ने किया। गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर राठौरा गांव में आयोजित नगर कीर्तन गुरुद्वारा साहिब से शुरू होकर गांव के विभिन्न मार्गों से होता हुआ वापस गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर समाप्त हुआ।

नगर कीर्तन में ग्रामीण वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह के जयकारों के बीच निकले नगर कीर्तन का मार्ग में अनेक जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। फूलों से सजी गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी, अगवानी करते पंजप्यारे, मार्ग को झाड़ू से साफ करती महिलाएं, गतका पार्टी के हैरतअंगेज करतब, गुरु जस का गुणगान करते रागी ढाड़ी जत्थे ने नगर कीर्तन की शोभा बढ़ा रहे थे। नगर कीर्तन में ग्रामीणों के दो दर्जन से ज्यादा वाहन शामिल थे, जो लंबी लाइन में चल रहे थे कि नगर कीर्तन में सजे भव्य रूप से आकर्षण का केंद्र रहे।

जगह-जगह मार्ग में बने स्वागत द्वारों पर पुष्प वर्षा कर संगत को जलपान, हलवा व चने आदि के प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान गुरुद्वारा में अटूट लंगर की सेवा की गई। प्रकाश उत्सव पर चल रहे धार्मिक कार्यक्रमों का समापन सोमवार को पाठ के भोग के साथ हुआ। इससे पहले गुरुद्वारा सिंह सभा में सजे दीवान में रागी, ढाड़ी जत्थे ने गुरु जस और सिख धर्म की वीरता का गुणगान किया। इसे लेकर साध संगत में भारी उत्साह है।

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