- मार्च 2018 में किए गए एनकाउंटर को लेकर पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाने की प्रार्थना
- एनकाउंटर में मारे गए युवक के पिता ने 156/3 के तहत दायर की याचिका के एडीजी के दोबारा सुनवाई के आदेश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: साल 2018 मार्च का महीना और तीन तारीख। जनपद के सरूरपुर थाना क्षेत्र में सुजीत एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी व कई दूसरे पुलिस अफसरों समेत 30 पुलिस वालों के खिलाफ दायर की गयी 156/3 की याचिका जिसको लोअर कोर्ट ने खारिज कर दिया,
उसको दोबार सुनने के आदेश एडीजे ने 16 नुसरत खान ने सुनवाई के बाद बुधवार को दिए हैं। लोअर कोर्ट में इस मामले में अब अगली सुनवाई 16 फरवरी को होनी है। पीड़ित की 156/3 के तहत मुकदमा चलाए जाने की याचिका निरस्त किए जाने को लेकर लोअर कोर्ट के प्रति भी एडीजे ने तल्ख टिप्पणी की है।
ये था पूरा मामला
3 मार्च 2018 को सुजीत निवासी हसनपुर राजापुर थाना सरूरपुर का सरूरपुर क्षेत्र में एनकाउंटर कर दिया गया। मारे गए युवक के पिता जगबीर पुत्र मूला सिंह एकाउंटर को अपने पुत्र की हत्या करार देते हुए लोअर कोर्ट में तत्कालीन एसएसपी व एसपी देहात समेत कुल 30 पुलिस वालों पर 157/3 के तहत हत्या का मुकदमा चलाए जाने के लिए अर्जी दायर की थी।
इस अर्जी पर सुनवाई के बाद लोअर कोर्ट ने निरस्त कर दिया। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने एडीजी के यहां अर्जी लगायी। इसकी सुनवाई के बाद अर्जी को सुनने योग्य मानते हुए एडीजे-16 ने लोअर कोर्ट को पुन: उक्त याचिका को सुनने का आदेश दिया। साथ ही सुनवाई की तारीख 16 फरवरी भी तय कर दी। पीड़ित को 16 फरवरी को कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया है।
ये कहना है पीड़ित का
मारे गए युवक सुजीत के पिता जगबीर ने कोर्ट को अपनी अर्जी में बताया कि 3 मार्च 2018 को उनका पुत्र सुजीत अपने दो साथियों के साथ शामली पहुंचा था। दोपहर बाद करीब साढेÞ तीन बजे शामली बस स्टैंड से तत्कालीन एसओ सरूरपुर व तीन चार अन्य पुलिसकर्मी जो सादावर्दी में थे मेरे पुत्र के पास शामली बस स्टैंड पर पहुंचे। तीनों को जबरन उठाकर एक सफेद स्कार्पियो में बैठा लिया।
उसको थाना सरूरपुर लेकर आ गए। वहां पहले से तत्कालीन एसएसपी, एसपी देहात, सीओ सरधना व कई अन्य पुलिस वाले मौजूद थे। उन्होंने तीनों से मारपीट की और सुजीत को मीतन व रवि पुत्रगण बेदीराम के साथ षड्यंत्र कर फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी। उक्त पुलिस वालों के खिलाफ हत्या के मुकदमे का फैसला 16 फरवरी की सुनवाई के बाद होगा।
फर्जी 30 हजार की लूट से हड़कंप
मेरठ: मेडिकल क्षेत्र जागृति विहार में बैंक के बाहर कोच से 30 हजार का कैश लूटने की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सूचना के बाद आनन-फानन में थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़ित से जानकारी की, लेकिन पुलिस की जांच पड़ताल में घटना फर्जी पाये जाने पर पुलिस ने कोच को जमकर फटकार लगाई। शास्त्री नगर निवासी चिराग रस्तोगी पुत्र संदीप रस्तौगी आईटीआई कालेज में कोच है।
बुधवार को चिराग ने विश्वविद्यालय में अपने परिचित को सूचना दी कि बैंक के बाहर नकाबपोश दो बदमाशों ने उससे 30 हजार रुपये लूट लिये हैं। परिचित ने थाना मेडिकल पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद थाना पुलिस लूट की सूचना पर हरकत में आई। थाना प्रभारी मेडिकल पीड़ित कोच को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे। चिराग ने बताया कि वह 30 हजार रुपये उसने बैग में रखे थे। जिसमें 500 के 60 नोट थे। वह स्कूटी से बैग निकालकर जैसे ही बैंक की ओर बढ़ा तभी नकाबपोश बदमाशों ने उससे हथियार के बल पर उससे बैग छीन लिया।
पुलिस ने कोच के बताये अनुसार बैंक के बाहर अंदर आसपास के सभी सीसीटीवी कैमरे चेक किये, लेकिन पुलिस को चिराग कंही भी कैमरे में नजर नहीं आया। पुलिस ने उससे जमकर हड़काया तो उसने फर्जी सूचना देनी की बात स्वीकार की। उधर, सीओ सिविल लाइन का कहना है कि लूट की सूचना फर्जी निकली। शिकायतकर्ता के खिलाफ जांच कराकर मुकदमा दर्ज कराया जायेगा।