- शहर सरकार के 100 दिन पूरे, मिथक तोड़कर जनता ने महापौर पद पर हरिकांत अहलूवालिया को चुना, पहली बार निगम में ट्रिपल इंजन सरकार बनी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: क्रांतिधरा पर जिस पार्टी की प्रदेश में सरकार होती है, उसका महापौर नहीं बनता। ऐसा मिथक रहा हैं, इस मिथक को तोड़कर जनता ने महापौर पद पर भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया को चुना। पहली बार निगम में ट्रिपल इंजन सरकार बनी। शहर में ट्रिपल इंजन सरकार को बने 100 दिन पूरे हो गए। इस दौरान करोड़ों रुपये के बोर्ड बैठक में प्रस्ताव तो पास हुए, लेकिन धरातल पर विकास सिफर है। शहर की जनता ने जिस अपेक्षा से सरकार को चुना था। आज भी वह विकास को तरस रही है।
जहां एक तरफ विपक्ष के महापौर को शहर के विकास के सत्ता पक्ष एवं सरकार से विकास के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती थी। ठीक उसी तरह सत्ता की ट्रिपल इंजन की अपनी ही सरकार में महापौर एवं भाजपा पार्षदों को निगम के अधिकारियों के सामने विकास के लिए जद्दोजहद करते देखा जा सकता है। शहर को नहीं तो जाम से मुक्ति मिली। वहीं, अतिक्रमण, पेयजल आपूर्ति एवं पथ प्रकाश की व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी हैं। फिर भ्रष्टाचार चरम पर हैं। दो कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं।
नगर निगम के चुनाव में 13 मई को भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और शहर की जनता के अथक प्रयास से उन्होंने उस मिथक को भी तोड़ दिया, जिसमें कहा जाता था कि प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार होती है। उसका महापौर नहीं बनता। 26 मई को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सभागार में वंदेमातरम गीत के गायन को लेकर हुए बवाल के बीच महापौर एवं पार्षदों ने शपथ ग्रहण की। इस दौरान एआईएमआईएम के कुछ पार्षद शपथ ग्रहण भी नहीं कर सके, जिन्हें बाद में शपथ दिलाई गई।
उधर, नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक 20 जून को घंटाघर स्थित टाउन हाल के तिलक हाल में आयोजित की गई। इस बोर्ड बैठक में शहर में विकास के मुद्दों एवं भ्रष्टाचार को लेकर निगम के पार्षद एवं नगर निगम के अधिकारी आमने-सामने दिखाई दिए। जिसमें महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने पार्षदों को शांत कराया ओर आश्वासन दिया कि अब शहर में ट्रिपल इंजन सरकार बनी है तो विकास जल्द ही धरातल पर दिखाई देगा। इस दौरान आयोजित परिचय बैठक में ही विकास के विभिन्न प्रस्ताव भी रखे गए।
जिसमें बेगमपुल का नाम बदलकर भारत माता चौक एवं ईव्ज चौराहा का नाम बदलकर माधव चौक रखने का प्रस्ताव भी पास किया किया। इस दौरान पहली बोर्ड बैठक में भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल, ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा, विधान परिषद सदस्य धर्मेंद्र भारद्वाज आदि भी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर शहर में विकास कराने ओर जल्द ही वह धरातल पर दिखाई देगा भरोसा दिलाया था, लेकिन वह ट्रिपल इंजन सरकार के 100 दिन पूरे होने के बाद भी दिखाई नहीं दे रहा है।
साफ-सफाई व्यवस्था बेपटरी
नगर निगम से शहर की साफ-सफाई व्यवस्था पर ट्रिपल इंजन सरकार में करोड़ों रुपया नाली एवं नालों की साफ-सफाई के लिए खर्च कर दिया गया। उसके बावजूद आज भी अधिकतर नाले चोेक हुए पड़े हैं। जबकि दिल्ली रोड स्थित डिपो, सूरजकुंड रोड स्थित डिपो एवं कंकरखेड़ा डिपो से ट्रिपल इंजन सरकार के दौरान यदि डीजल खर्च को देखा जाए तो वह करोड़ों रुपये का है, लेकिन उसके बाद भी नालों की हालत चोक होने से बेहद खराब बनी हुई है।
जाम से भी नहीं मिली जनता को मुक्ति
चुनाव के दौरान शहर की जनता ने हमारा महापौर कैसा हो उस पर जब जनता से बातचीत की गई तो शहर को जाम से मुक्ति दिलाने वाला मेयर होना चाहिए बात कही थी। शहर की जनता काफी समय से पूर्व की सरकारों में जाम की समस्या से जूझ रही थी। वह ट्रिपल इंजन सरकार में आज भी जूझ रही है।
सड़कों में गड्ढों की भरमार
शहर की सड़कों में गड्ढे बेशुमार हैं, उसके लिए नगर निगम के द्वारा करीब पांच करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर भी छोड़ दिया गया है, लेकिन धरातल पर अभी सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हो सकी है। समस्या आज भी जस की तस बनी हुई हैं। लोग गड्ढों वाली सड़कों में चलते हुए परेशान हो चुके हैं। खुद महापौर भी इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि वह सड़कों की स्थिति को लेकर जनता को आश्वासन देते थक चुके हैं। निगम के अधिकारियों को चाहिए कि वह जल्द ही इस पर कार्य शुरू करें।
पेयजल आपूर्ति बदहाल
शहर में टंकी के पानी की पेयजल आपूर्ति को लेकर जहां एक तरफ कुछ जगहों पर पाइप लाइन नहीं बिछी हैं। वहीं, दूसरी तरफ जिन जगहों पर पानी की टंकी की पाइप लाइन बिछी है। वहां पर लिकेज एवं पाइप लाइन फटने को के चलते पेयजल समस्या से जूझ रही है। ट्रिपल इंजन सरकार में पेयजल आपूर्ति को अभी शहर की जनता परेशान हाल है।
पथ प्रकाश व्यवस्था चौपट
शहर में पथ प्रकाश वयवस्था काफी समय से बेपटरी चल रही है। नगर निगम एवं ईईसीएल कंपनी के बीच पेमेंट व अनुबंध को लेकर चल रहे विवाद में सफाई व्यवस्था बेपटरी चल रही है। यहां तक कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर भी शहर में पथ प्रकाश व्यवस्था सुचारू नहीं हो सकी। जबकि शासन ने स्पष्ट निर्देश जारी किए थे। महापौर ने निगम के अधिकारियों के साथ बातचीत कर कुछ जगहों पर पथ प्रकाश की व्यवस्था जरूर कराई थी। ऐसी जगहों पर जहां पर मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होना था।
सफाई कर्मी, पार्षदों के बीच मतभेद बढेÞ
शहर में साफ-सफाई मुद्दों पर पार्षद एवं सफाई सुपरवाइजर सफाई कर्मचारियों के बीच लगातार मतभेद बढ़ते जा रहे हैं। जिसमें पार्षद साफ-सफाई में सफाई कर्मचारी एवं सुपरवाइजर द्वारा लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, सफाई सुपरवाइजर पार्षदों पर रुपया मांगने का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। ट्रिपल इंजन सरकार में सफाई व्यवस्था बेपटरी चल रही है।
वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट निर्माण का मामला अधर में
गांवड़ी स्थित वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट को लेकर महापौर एवं नगरायुक्त के बीच मतभेद भी सामने आ रहे हैं। जिसमें महापौर की प्राथमिकता में गांवड़ी स्थित कूड़ा निस्तारण के लिए वेस्ट-टू-एनर्जीं प्लांट लगाया जाना है। वहीं, अनुबंध एवं अन्य टेक्निकल जांच के बाद ही प्लांट निर्माण को लेकर नगरायुक्त शासन से दिशा निर्देश मांग रहे हैं। यह प्रोजेक्टस करीब छह वर्ष से अधर में लटका है।
पार्षद निगम में सम्मान न मिलने से खफा
नगर निगम में ट्रिपल इंजन सरकार में विपक्ष के पार्षदों को तो छोड़िए यहां तक की भाजपा पार्षद भी अपनी ट्रिपल इंजन की सरकार में विकास के मुद्दों पर अधिकारियों के रवैये से परेशान दिखाई दे रहे हैं। तभी तो जल निगम से अवर अभियंता का स्थानांतरण होने के बाद वह एकजुट होकर निगम कार्यालय पहुंचे थे,तब महापौर ने ही उन्हें शांत कराया था।
सड़कों को आवारा गोवंश से नहीं करा सके मुक्त
शहर की सड़कों पर आवारा गोवंश ओर काफी संख्या में कुत्ते दिखाई देते हैं। शासन से कई बार दिशा निर्देश मिलने के बाद भी निगम के अधिकारियों द्वारा सड़कों को आवारा गोवंश से मुक्त नहीं कराया गया। आए दिन पार्षद आवारा गोवंश एवं कुत्तों को पकड़वाने की मांग को लेकर शिकायत करते चले आ रहे हैं।
महापौर व अधिकतर पार्षदों एवं निगम के अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी
जिस तरह से शहर में विकास को लेकर निगम के अधिकारी एवं महापौर व पार्षदों के बीच कुछ न कुछ तालमेल की कमी जरूर हैं। नहीं तो ट्रिपल इंजन सरकार में जिस तरह महापौर एवं पार्षद शहर का विकास कराना चाहते हैं, फिर ऐसे में निगम के अधिकारी मामले का सुलझाने की जगह शासनादेश का हवाला देकर उलझा देते हैं। जिसको लेकर तालमेल की कमी साफ दिखाई देती है।
शहर में विकास के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। जल्द ही धरातल पर विकास होता दिखाई देगा करीब 15 दिन के अंदर शहर में विभिन्न जगहों पर विकास की योजना शुरू कर दी जायेगी। जिसमें शहर के 1100 टन कूड़ा जो प्रतिदिन निकलता है। उसके निस्तारण के लिए 11 जगहों पर केंद्र बनाए जा रहे हैं। करोड़ों रुपये की लागत से शहर की 40 सड़कों को वाई टाइपिंग बनाया जायेगा।
पानी की सीवर लाइन बिछवाई जायेंगी। मलिन बस्ती के विकास के लिए डीएम व सीडीओ से वार्ता हो चुकी है। शहर में जाम की समस्या से निजात पाने को मल्टीलेवल पार्किंग की व्यवस्था भी कराई जानी है। शहर में भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार के 100 दिन पूरा होने के उपलक्ष्य में जल्द ही कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी जायेगी। -हरिकांत अहलूवालिया, महापौर