मोहित कुमार |
मेरठ: पुसर्ला वेंकट सिंधु भारत की ओर से ओलंपिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का रजत पदक जीतने वाली वे पहली खिलाड़ी हैं। इससे पहले वे भारत की नैशनल चैंपियन भी रह चुकी हैं। सिंधु ने नवंबर 2016 में चीन आॅपन का खिताब अपने नाम किया है।
ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में शानदार जीत दर्ज कर पहली बार इस खिताब को अपने नाम किया है। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय शटलर हैं। फाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7,21-7 से मात दी।
सिंधु पूर्व वालीबॉल खिलाड़ी पी.वी. रमण और पी. विजया के घर 5 जुलाई 1995 में पैदा हुई। रमण भी वालीबाल खेल में उल्लेखनीय कार्य हेतु वर्ष-2000 में भारत सरकार का प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उनके माता-पिता पेशेवर वॉलीबॉल खिलाड़ी थे, किन्तु सिंधु ने 2001 के आॅल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपना करियर चुना और महज आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया।
सिंधु कोलंबो में आयोजित 2009 सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं। उसके बाद उन्होने वर्ष-2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के एकल वर्ग में रजत पदक जीता। वे इसी वर्ष मेक्सिको में आयोजित जूनियर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची।
2010 के थॉमस और उबर कप के दौरान वे भारत की राष्ट्रीय टीम की सदस्य रही। 2012 में चीन ओपन (बैडमिंटन) सुपर सीरीज टूनार्मेंट में लंदन ओलंपिक 2012 के स्वर्ण पदक विजेता चीन के ली जुएराऊ को 9-21, 21-16 से हराकर सेमी फाइनल में प्रवेश किया।
वे चीन के ग्वांग्झू में आयोजित 2013 के विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में एकल पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है। इसमें उन्होने ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल किया था। भारत की उभरती हुई इस बैडमिंटन खिलाड़ी ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए 1 दिसम्बर 2013 को कनाडा की मिशेल ली को हराकर मकाउ ओपन ग्रां प्री गोल्ड का महिला सिंगल्स खिताब जीता है।
उन्होंने इससे पहले मई में मलेशिया ओपन जीता था। सिंधु ने शुरूआत से ही दबदबा बनाया और कनाडा की सातवीं वरीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया। पी. वी. सिंधु ने 2013 दिसम्बर में भारत की 78वीं सीनियर नैशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप का महिला सिंगल खिताब जीता।
सिंधु ने ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में आयोजित किये गए 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला बनीं।
फाइनल स्पेन की कैरोलिना मैरिन से हुआ। पहली गेम 21-19 से सिंधु ने जीता लेकिन दूसरी गेम में मैरिन 21-12 से विजयी रही, जिसके कारण मैच तीसरी गेम तक चला।
तीसरी गेम में उन्होंन 21-15 के स्कोर से मुकाबला किया किंतु अंत में उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
ओलंपिक खेल
रजत : 2016, रियो
विश्व चैंपियनशिप
- स्वर्ण : 2019, बेसल
- रजत : 2018, नांजिंग
- रजत : 2017, ग्लासगो
- कांस्य : 2014, कोपेनहेगेन
- कांस्य : 2013, ग्वांगझोऊ
उबेर कप
- कांस्य : 2014, नई दिल्ली
- कांस्य : 2016, कुंशान
एशियाई खेल
- कांस्य : 2014, इंचीआॅन
कॉमनवेल्थ खेल
- कांस्य: 2014, ग्लासगो
- एशिया चैंपियनशिप
- कांस्य: 2014, जिमचीआॅन
दक्षिण एशियाई खेल
- रजत: 2016, गुवाहाटी
- स्वर्ण : 2016 गुवाहाटी, महिला टीम
एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप
- कांस्य : 2011, लखनऊ
- कांस्य : 2011, लखनऊ, मिश्रित टीम
- स्वर्ण : 2012, गिमचीआॅन
कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स
- स्वर्ण : 2011, डगलस