- एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा की गुहार लगाने के बाद कार्रवाई के लिए तीन दिन का दिया अल्टीमेटम
- बेटों से डरा बुजुर्ग जान बचाने के लिए घर छोड़कर दो माह से जमाया हुआ है जंगल में डेरा
जनवाणी संवाददाता |
बड़ौत: रमाला थाना क्षेत्र के जिवाना गांव निवासी एक बुजुर्ग को अपने बेटों से जान का खतरा बना हुआ है। आए दिन उसके साथ मारपीट होती है। जान बचाने के लिए बुजुर्ग ने जंगल में डेरा डाला हुआ है। शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस की कार्यप्रणाली से तंग पीडित ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई। साथ ही तीन दिन के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर आत्मदाह करने की चेतावनी दी।
रमाला थाना क्षेत्र के गांव जिवाना निवासी राजेन्द्र पुत्र जयपाल ने बताया कि उसके दो पुत्र है और दोनो विवाहित है। बताया कि गत 30 वर्ष पूर्व मुझ पर दबाव बनाकर समस्त कृषि भूमि विक्रय करा दी थी और गांव छोड़कर बरेली चले गए थे। बताया अब वह दोबारा से एक वर्ष पूर्व गांव में आ गए है।
जिस मकान में वह रहा है कि उस मकान को बेचकर पैसे देने का दबाव बना रहे है। मकान नहीं बेचने पर उसके साथ आए दिन मारपीट करते है और जान से मारने का प्रयास करते है। धमकी भी देते है कि यदि मकान बेचकर उन्हें पैसे नहीं दिए तो वह जान से मार देंगे। बेटों की शैतानियत से डरकर जान बचाने के लिए वह दो माह से घर छोड़कर जंगल में रह रहा है। जिसकी शिकायत रमाला थाना पुलिस से की गई।
शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिस की कार्यप्रणाली से तंग आकर पीड़ित ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई। साथ चेतावनी दी कि यदि तीन दिन के अंदर पुलिस ने उसके पुत्रों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की तो वह तहसील में आत्मदाह कर लेगा। जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की होगी। दिनभर पीड़ित ने तहसील में डेरा जमाए रखा। अब देखना है कि पीड़ित को न्याय मिलेगा या आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ेगा।